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गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर ने अतिक्रमण रोकने के दिए सख्त निर्देश

आरडब्लूए और फ्लैट ऑनर फेडरेशन ने दिया धन्यवाद

by City Headline
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गाजियाबाद। आरडब्लूए फेडरेशन गाजियाबाद पिछले 10 वर्षों से यह मांग कर रहा था कि किसी स्थान से जब  एक बार अतिक्रमण हटाया जाता है तो दोबारा वहां अतिक्रमण न हो यह पुलिस को सुनिश्चित करना चाहिए। आरडब्लूए के चेयरमैन कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने कहा कि आज हमें यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि आपने एक अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि यदि दोबारा अतिक्रमण हुआ तो चौकी प्रभारी पर दंडात्मक कार्यवाही होगी। इसके लिए हम आपको धन्यवाद देते है। उन्हेंनें कहा कि जब भी किसी स्थान पर अनाधिकृत झुग्गी झोपड़ी बसाई जाती है या दुकानदार अपनी दुकान के आगे की जगह पर अतिक्रमण करते हैं या ई रिक्शा और टैंपो अनाधिकृत जगहों पर खड़े हो जाते है या हरित पट्टी पर निर्माण कर लिया जाता है या भवन स्वामी अपने भवन के आगे सरकारी जमीन घेर कर उसमे बागवानी करते है तो इन अतिक्रमणों के कारण न केवल जाम लगता है बल्कि पैदल पथ भी बाधित होता है। गाजियाबाद में हम लोगों के बार-बार कहने पर आधे अधूरे मन से अतिक्रमण हटाए गए परंतु कुछ समय बाद ही वो पुन: स्थापित हो गए।

कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने कहा कि शहरी विकास और प्रगति के सभी पैरामीटर अतिक्रमण मुक्त पैदल पथ के इर्द -गिर्द घूमते है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अच्छी सड़कों के साथ अतिक्रमण मुक्त पैदल पथ, दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं  के प्रति अन्तर्निहित सुरक्षा रखते है। अतिक्रमण मुक्त पैदल पथ सफल पर्यटन की एक कुंजी भी है।

कानून में अतिक्रमण एक अपराध है । पैदल पथ पर अतिक्रमण करने वाले  कब्जाधारियों के 3 मुख्य वर्ग है।

  1. सड़क विक्रेता जो वास्तव में कम आय के लोग हैं और दैनिक मजदूरी से अपना निर्वहन करते है। ये अत्यधिक  दिखने  वाले प्रकार के है।
  2. दुकानदार जो थोड़ा थोड़ा  करके अपने परिसर को सभी दिशाओं में बढाते हैं । ये आमतौर पर अच्छे से चलने वाले कारोबार होते हैं । ये आंशिक रूप से दिखने वाले प्रकार के है।
  3. भवन के मालिक जो अपने भवनों के सामने सजावटी बगीचे, ढलान वाले रैंपों और सीढ़ियों का निर्माण करके पेड़ लगाकर, वाहन रखने के लिए छोटी जगहों का निर्माण करके पैदल पथ में बिना कोई हिचकिचाहट से घुस आते है। वे आम         तौर पर समाज के संपन्न और प्रभावशाली लोग है। वे वस्तुतः अदृश्य प्रकार के है। तीसरे वर्ग का अतिक्रमण आम आदमी के लिए  सबसे ज्यादा हानिकारक है।

 

सरकारी विभागों के पास साधारणतय कर्मचारियों की कमी रहती है। इसलिए सरकारी नीति को किस हद तक जमीन पर उतारा गया है। इसका सही अनुमान नहीं लग पाता यह कहा जाता है कि सरकारी योजनाएं अक्सर इसलिए सफल नही हो पाती क्योंकि उसमें उन्हें शामिल नही किया जाता जिसके लिए वो बनाई जाती है। कर्नल त्यागी ने कहा कि हमारा सुझाव है कि अतिक्रमण हटाने की जानकारी यदि स्थानीय आरडब्लूए एओए को भी दी जाए तो हम उस स्थान पर दोबारा अतिक्रमण की सही जानकारी प्रशासन को उपलब्ध करा सकते है और यह प्रक्रिया हमारे मुख्यालय के द्वारा कोऑर्डिनेट की जा सकती है।

इस दौरान फ्लैट ओनर फेडरेशन के मीडिया सचिव निखिल सिसोदिया ने भी कहा कि अतिक्रमण हटाने की और फिर दुबारा वहाँ न होने की प्रक्रिया तभी सफल होगी जब उसमे स्थानीय रेजीडेंट्स वेलफ़ेयर एसोसिएशन अथवा फ्लैट ओनर एसोसिएशन को शामिल किया जाएगा। साथ ही उन्होंने पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद अजय कुमार मिश्र को धन्यवाद दिया जिसमें अजय कुमार मिश्र ने दोबारा अतिक्रमण होने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है।