नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में गोड्डा क्षेत्र के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर राज्यसभा सदस्य एवं झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस लोकपाल के समक्ष चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया गया है।
जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने 12 सितंबर को लोकपाल के समक्ष चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी थी और सांसद निशिकांत दुबे को नोटिस जारी किया था। इस पर सांसद निशिकांत दुबे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। आज सुनवाई के दौरान निशिकांत दुबे की ओर से कहा गया कि उन्होंने शिबू सोरेन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए लोकपाल के यहां याचिका दायर की है। शिबू सोरेन ने हाई कोर्ट के समक्ष गलत तथ्यों को पेश कर अपने पक्ष में आदेश पारित करवा लिया। दुबे ने याचिका में कहा कि शिबू सोरेन के खिलाफ जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। ऐसे में जांच पर रोक लगाने का कोई मतलब नहीं है। हाई कोर्ट ने उनका पक्ष सुने बिना ही लोकपाल की जांच पर रोक लगा दी। उन्हें कोर्ट के आदेश की जानकारी मीडिया के जरिए लगी जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।बता दें कि शिबू सोरेन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर लोकपाल के समक्ष चल रही कार्रवाई को चुनौती दी है। सोरेन की याचिका में कहा गया है कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई जांच नहीं की जा सकती है क्योंकि शिकायतकर्ता ने घटना के सात साल बाद शिकायत की है। सोरेन ने कहा है कि लोकपाल एंड लोकायुक्त एक्ट की धारा 53 के तहत इस मामले में शिकायत करने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। सोरेन की याचिका में कहा गया है कि 5 अगस्त 2020 को लोकपाल के समक्ष शिबू सोरेन, उनकी पत्नी और बच्चों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। फरवरी 2022 तक सोरेन को शिकायत की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई। सितंबर 2020 में सीबीआई को इस मामले में प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था।
सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने दस साल में आय के ज्ञात स्रोत से काफी अधिक मात्रा में संपत्ति हासिल की। संपत्ति न केवल अपने नाम पर बल्कि अपने परिवार के दूसरे सदस्यों और कंपनियों के नाम पर भी हासिल की गई।