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Home Kanpur आपके पास कितने जेवर, पोर्टल पर होगी जानकारी, हॉलमार्क कमेटी के सदस्यों से मांगे गए सुझाव

आपके पास कितने जेवर, पोर्टल पर होगी जानकारी, हॉलमार्क कमेटी के सदस्यों से मांगे गए सुझाव

by City Headline

कानपुर

जेवरों को आम घरों की महिलाएं अपनी बचत की तौर पर भी खरीदती हैं। कई बार घर के सदस्यों को भी पता नहीं होता कि उनकी पत्नी, मां, बेटी या बहन के पास कितने जेवर हैं लेकिन हॉलमार्क यूनीक आइडेंटीफिकेशन (एचयूआईडी) के ट्रांसफर पोर्टल पर किस ग्राहक ने कितने जेवर ग्राम और कितने रुपये के जेवर खरीदे हैं, उसकी जानकारी रहेगी। इस व्यवस्था को लागू करने से पहले उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने हालमार्क कमेटी के सभी सदस्यों से 30 मई तक इस पर सुझाव मांगे हैं।

पिछले एक वर्ष में हालमार्क को अनिवार्य किया गया है। अब तक 256 जिलों में इसे लागू किया जा चुका है। अब मंत्रालय ने हालमार्क समिति में जोड़े गए सभी सदस्यों को पत्रक जारी किया है। इसमें हालमार्क यूआइडी ट्रांसफर पोर्टल पर हर जेवर की बिक्री की जानकारी रखने का निर्देश दिया गया है। कारोबारियों के मुताबिक माना जा रहा है कि पिछले एक वर्ष में हालमार्क की आड़ में बिना हालमार्क के जेवर भी शहर में खूब बेचे गए जबकि कानपुर में हॉलमार्क अनिवार्य है।

इसके चलते ही ट्रांसफर पोर्टल की यह नई व्यवस्था लाई जा रही है, इसमें सभी स्तर पर यह जानकारी दी जाएगी कि उसने किसे जेवर बेचा। जिसे बेचा गया, उसकी भी डिटेल पोर्टल पर रहेगी। निर्माता थोक कारोबारी की जानकारी देगा। थोक कारोबारी फुटकर कारोबारी की जानकारी देगा और फुटकर कारोबारी ग्राहक की जानकारी पोर्टल पर देगा। इसकी वजह से किस ग्राहक को जेवर बेचा गया, यह तो जानकारी पोर्टल पर रहेगी लेकिन इसका लाभ यह भी होगा कि कारोबारी मुकर नहीं सकेगा कि उसने ग्राहक को जेवर बेचा। कोई भी गड़बड़ी होने पर उसके खिलाफ कार्यवाही हो सकेगी।

नियमानुसार दो लाख रुपये तक के जेवर के लिए सराफा कारोबारी कैश ले सकते हैं लेकिन किसी एक एचयूआइडी नंबर का जेवर यदि दो लाख रुपये से अधिक मूल्य का है तो उसमें दो लाख रुपये तक ही कैश लिया जाएगा। इससे अधिक जो भी राशि होगी, उसे इलेक्ट्रानिक माध्यम, चेक, बैंक ड्राफ्ट आदि से देना होगा और बिल पर इसका उल्लेख भी होगा कि दो लाख रुपये कैश दिया गया और उसके ऊपर की राशि जिस माध्यम से दी जाएगी, उसका उल्लेख होगा। अभी बहुत से व्यापारी दो लाख से अधिक राशि का कोई एक जेवर बेचने पर भी नकद भुगतान ले लेते हैं।

भारतीय मानक ब्यूरो हालमार्क कमेटी के सदस्य पंकज अरोड़ा ने बताया कि आम ग्राहक को जितने कैरेट का और जितने का जेवर बताया गया है। वह उसे पूरी तरह उतने का ही मिले। इसमें कोई गड़बड़ी ना हो। इसलिए इसे लागू करने की बात आई है। हालांकि अभी इसे लागू करने में कुछ और समय दिया जाना चाहिए।

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