बोलवायो। वेस्ट इंडीज क्रिकेट के लिए बहुत बुरी खबर है। 48 साल में पहली बार ऐसा होगा कि दो बार का चैंपियन वेस्टइंडीज वर्ल्ड कप नहीं खेलेगा। स्कॉटलैंड के खिलाफ क्वालिफायर में हार के बाद कप्तान शाई होप ने कहा कि खिलाड़ियों ने हर बार अपना 100% नहीं दिया। उन्होंने कहा कि तैयारी भी अच्छी नहीं थी।
टीम के पूर्व कप्तान जेसन होल्डर ने कहा कि खिलाड़ियों को इलाकाई मानसिकता से बाहर निकलना होगा। अपने लिए नहीं, बल्कि टीम की तरह एकजुट होकर खेलना होगा। बोर्ड में दिक्कतें हैं। जो हुआ, वो आज नहीं तो कल, होना ही था।
दरअसल, होल्डर का इशारा 6 एसोसिएशन से मिलकर बने वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की ओर था। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी टीम से पहले अपने एसोसिएशन और इलाके के बारे में सोचते हैं। बता दें कि वेस्टइंडीज बोर्ड में बारबाडोस, गयाना, जमैका, लीवार्ड आईलैंड, त्रिनिदाद & टोबैगो और विंडवार्ड आईलैंड आते हैं।
वेस्टइंडीज को स्कॉटलैंड ने शनिवार को खेले गए क्वालिफायर मुकाबले में 7 विकेट से हराया। वेस्टइंडीज ने 182 रन का आसान टारगेट दिया था। जिसे स्कॉटलैंड ने 43वें ओवर में ही हासिल कर लिया।
कप्तान होप ने कहा- रातोंरात कोई टीम महान नहीं होती
शाई होप ने कहा- हमने टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन किया। एटीट्यूड बहुत बड़ी समस्या रही। फील्डिंग मेरी नजर में एटीट्यूड से जुड़ा मसला है। हमने कैच छोड़े, मिस फील्डिंग की। मुझे लगता है कि खिलाड़ियों ने हर बार 100% प्रदर्शन नहीं किया। टुकड़ों-टुकड़ों में प्रदर्शन किया गया।
ये नींव से शुरू होता है। घर पर हमें ज्यादा बेहतर तैयारी करनी चाहिए थी। आप वर्ल्ड कप में बिना तैयारी के एलीट टीम के तौर पर नहीं आ सकते। ऐसा नहीं हो सकता कि आप रात को सोएं और सुबह उठें तो आपकी टीम महान बन गई हो। हमें एक बार फिर से अपने खेल को देखना होगा।
वेस्टइंडीज के बैटर रोमारियो शेफर्ड आउट होने के बाद निराश नजर आए। उन्होंने 36 रन बनाए। वेस्टइंडीज के बैटर रोमारियो शेफर्ड आउट होने के बाद निराश नजर आए। उन्होंने 36 रन बनाए।
होल्डर ने कहा, ‘वेस्टइंडीज क्रिकेट का सबसे खराब दौर अभी है। बोर्ड को फिर से युवाओं पर काम करना चाहिए ताकि खिलाड़ी टीम के रूप में खेले और 2-3 साल बाद हम फिर से बेहतर परफॉर्म करने लगें।
सभी जानते थे कि स्कॉटलैंड के खिलाफ मैच कितना अहम है, हमारे पास उन्हें हराने का मौका था, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सके। ये वेस्टइंडीज क्रिकेट का सबसे खराब दौर है। लेकिन निकोलस पूरन जैसे खिलाड़ियों ने बेहतर क्रिकेट खेला और बताया बड़े स्टेज पर टीम के प्लेयर्स अब भी शानदार परफॉर्म कर सकते हैं।
ये किसी एक खिलाड़ी या राज्य की बात नहीं है। हमें इलाकाई मानसिकता छोड़नी होगी। हमें साथ मिलकर काम करना होगा और बडे बदलाव करने पड़ेंगे। हमें सोचना ही होगा कि क्रिकेट बोर्ड का फ्यूचर कैसा रहेगा।
छोटे बदलावों से काम नहीं होगा। बोर्ड को बड़े स्तर पर बदलाव करने होंगे। जब तक हम निचले स्तर से बदलाव कर युवाओं को तैयार नहीं करेंगे, तब तक कुछ नहीं होने वाला। युवाओं को घरेलू क्रिकेट की वैल्यू समझानी होगी, उन्हें बताना होगा कि ये क्यों अहम है। जूनियर लेवल पर काम होगा, तभी ये खिलाड़ी भविष्य में टीम के लिए अच्छा खेल सकेंगे।’