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यूपी का पहला महिला विश्वविद्यालय गोरखपुर में बनेगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में सीएसआर फंड से किया जाएगा निर्माण

by City Headline
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  • जिला प्रशासन मुहैया कराएगा सौ एकड़ जमीन, वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर तालनदोर में जमीन उपलब्ध कराने की है योजना

गोरखपुर। गोरखपुर को ”सिटी आफ नालेज” बनाने की संकल्पना धीरे-धीरे परवान चढ़ती जा रही है। आने वाले दिनों में इस जिले में पांचवां विश्वविद्यालय स्थापित होगा। इसका रास्ता साफ होने लगा है। सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से दक्षिण की कंपनी सोभा डेवलपर्स कारपोरेट यहां प्रदेश का पहला महिला विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है। लगभग 700 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए जिला प्रशासन 100 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगा।
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि दक्षिण भारत की कंपनी गोरखपुर में सीएसआर फंड से महिला विश्वविद्यालय स्थापित करेगी। इसके लिए 100 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। गोरखपुर के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। विश्वविद्यालय को स्थापित करने के लिए प्रशासन द्वारा जमीन उपलब्ध कराया जायेगा।
प्रदेश में अब तक किसी महिला विश्वविद्यालय की स्थापना नहीं हो सकी है। बंगलुरू की यह कंपनी लैंगिंक समानता एवं महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिला विश्वविद्यालय स्थापित करना चाहती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस दिशा में काम करने की काफी जरूरत है, इसलिए कंपनी ने गोरखपुर में विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। कुछ दिन पहले कंपनी के प्रतिनिधि गोरखपुर आए थे और मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश से मुलाकात कर इस विषय पर विस्तृत चर्चा भी किया था।
जमीन भी देख चुकी है कंपनी
वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर तालनदोर में करीब 480 एकड़ सरकारी जमीन है। महिला विश्वविद्यालय के लिए यहीं जमीन दिए जाने की संभावना है। जिला प्रशासन ने जमीन कंपनी के लोगों को दिखाई भी है।
इंटरनेशनल सुविधायें होंगी 
महिला विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं होंगी। यहां फैकल्टी भी इसी स्तर की होगी। विश्वविद्यालय की स्थापना कंपनी कर रही है। हालांकि, इसके संचालन को लेकर अभी बातचीत चल रही है। संभावना है कि कंपनी किसी एजेंसी का गठन कर नो प्राफिट-नो लास पर संचालन कराये। राज्य सरकार को संचालन देने के विकल्प पर भी कंपनी के प्रतिनिधि काम कर रहे हैं। भविष्य में नर्सरी से लेकर इंटर तक भी महिलाओं की शिक्षा के लिए कक्षाएं संचालित होंगी। महिलाओं के व्यक्तित्व विकास व रोजगारपरक कार्यक्रम भी कार्य होंगे।
गोरखपुर का यह पांचवां विवि होगा
गोरखपुर में वर्तमान में तीन विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। चौथे विश्वविद्यालय के रूप में आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण चल रहा है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय चल रहे हैं।