लखनऊ। विद्युत उपभोक्ताओं के यहां लगाए गये स्मार्ट मीटर पर उपभोक्ता परिषद द्वारा उठाये गये सवाल सही साबित हुए हैं। भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय की टीम की जांच में भी यह साबित हुआ है कि जिस उद्देश्य से ये मीटर लगाये गये थे, वह पूरा नहीं हो रहा है।
उत्तर प्रदेश में लगाये गये स्मार्ट मीटरों पर उपभोक्ता परिषद पहले से आरोप लगाता रहा है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने विगत माह इसकी मैनुअली जांच की थी। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के बाद बिजली कंपनियों में हड़कंप मच गया है
उपभोक्ता परिषद ने मांग की है कि एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड स्मार्ट मीटर निर्माता कंपनी व एलएनटी के खिलाफ बिजली कंपनियां कठोर कार्रवाई करे और सभी को ब्लैक लिस्ट किया जाय। इस परियोजना में शामिल कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है।
ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक को भेजी गई रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि स्मार्ट मीटर जिस उद्देश्य के लिए लगाया गया था, उसमें फेल साबित हुआ है। क्योंकि वह पूरी तरह मैनुअली काम कर रहा है। बिलिंग सॉफ्टवेयर को सही तरीके से चलाने के लिए एमडीएम का इंटीग्रेशन बाधित है, जिसकी वजह से जनरेशन ऑफ बिल और बकाया पर कनेक्शन काटने और जोड़ने में भी समस्या आ रही है, जिसका प्रभाव प्रदेश के उपभोक्ताओं पर बहुत ही खराब पड़ा है। स्मार्ट मीटर परियोजना में आ रही कमियों को अविलंब ठीक करने का निर्देश जारी किया गया है।
भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय की रिपोर्ट बिजली कंपनियों को प्राप्त होते ही सबके हाथ पांव फूल गए, क्योंकि वर्तमान में बिजली कंपनियों की योजना प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर में शिफ्ट करने की है। ऐसे में भविष्य में क्या होगा, यह तो कहना मुश्किल है लेकिन जब उत्तर प्रदेश में 12 लाख स्मार्ट मीटर का यह हाल है, तो 3 करोड़ 35 लाख विद्युत उपभोक्ताओं पर जब यह व्यवस्था लागू की जाएगी तो पूरी व्यवस्था चरमरा जाएगी।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने जो अपनी रिपोर्ट पावर कारपोरेशन को दी है, उसमें स्पष्ट तौर पर लिखा है कि नया बिलिंग सॉफ्टवेयर आने के बाद पिछले छह माह से स्मार्ट मीटर पूरी तरीके से मैनुअली कम कर रहा है। स्मार्ट मीटर में कम बैलेंस होने पर कोई भी उपभोक्ता को अलार्म नहीं दिया जाता, एसएमएस अलर्ट नहीं दिया जाता।