लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा सदस्यों से मर्यादित आचरण, जनहित के लिए प्रतिबद्धता और सामूहिक जवाबदेही के साथ काम करने का आह्वान किया है। संसदीय लोकतंत्र को शासन की सर्वश्रेष्ठ प्रणाली बताते हुए उन्होंने संसद और विधानमंडलों को जनता की आकांक्षाओं का मंच कहा, साथ ही, विधायकों को अधिकाधिक चर्चा और संवाद में भाग लेने के लिए प्रेरित भी किया।
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष बिरला, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ आज उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम और विधानसभा को पेपरलेस करने के लिए लागू नई तकनीक ‘ई विधान’ के औपचारिक शुभारंभ अवसर पर विधानसभा में सदस्यों को सम्बोधित कर रहे थे। बिरला ने उत्तर प्रदेश को देश की आध्यत्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक चेतना के केंद्र की संज्ञा देते हुए विधानसभा के गौरवशाली इतिहास को भी रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा शायद देश की सबसे बड़ी विधानसभा होगी, यह प्रदेश वो प्रदेश हैं जहां के सांसद देश के प्रधानमंत्री हैं। राष्ट्रीय राजनीति के अंदर भी उत्तर प्रदेश की विशेष भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हमारे नेताओं ने संसदीय प्रणाली को अपनाया. यह बहस और चर्चा पर आधारित है।
ओम बिरला ने मात्र एक-डेढ़ माह में ‘ई-विधान’ व्यवस्था को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को धन्यवाद भी दिया। कार्यक्रम में मंचासीन नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सदन के बदले स्वरूप को देखकर हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि विधानसभा को देखकर उन्हें तो लगा कि जैसे यह कोई आईटी सेंटर हो। इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और राज्य सरकार को बधाई भी दी।