उदयपुर। सलूंबर के ढिकिया के बोर फला में गुरुवार रात एक परिवार के चार लोगों की करंट से मौत हो गई। खुशियों का त्योहार मातम में बदल गया। हादसा लोहे के दरवाजे में करंट आने से हुआ। अब एक महिला और दूधमुंही बच्ची ही परिवार में बचे है। चारों शवों को लसाड़िया सीएचसी की मोर्चरी में रखवाया गया है। देर रात कलेक्टर प्रताप सिंह समेत आला अधिकारियों ने मौके पर जायजा लिया। शुक्रवार को परिजनों की रिपोर्ट के बाद सभी का पोस्टमार्टम होगा।
ढिकिया के बोर फला गांव में शॉर्ट सर्किट से हुए हादसे से पहले उंकार मीणा का परिवार सोने की तैयारी कर रहा था। इस दौरान घर में परिवार के उंकार, पत्नी भमरी, पुत्र देवीलाल, पुत्री मांगी के साथ देवीलाल की पत्नी सीमा व देवीलाल की डेढ़ वर्षीय पुत्री भी मौजूद थे। सीमा के सामने परिवार के चार सदस्यों की मौत की घटना को देख वह बेसुध हो गई। इससे पहले वह परिवार के सदस्यों को बचाने के लिए मदद के लिए चिल्लाती रही। उसके चिल्लाने से आस-पास के ग्रामीण एवं मार्ग से गुजर रहे राहगीर दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे। सभी ने सबसे पहले विद्युत सप्लाई बंद करवाई तथा घर के अंदर सीमा व उसकी डेढ़ वर्षीय पुत्री को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला।
एक परिवार के चार जनों की मौत की घटना के बाद उंकार के परिवार में पुत्रवधू सीमा व डेढ़ वर्षीय पौत्री ही परिवार के सदस्य के रूप में शेष बचे है। उंकार के परिवार में पत्नी भमरी, पुत्र देवीलाल, पुत्री मांगी, पुत्र वधु सीमा, पौत्री सहित कुल छह सदस्य थे। ग्रामीणों ने बताया कि ढिकिया गांव से मात्र 300 मीटर की दूरी पर चंदाजी का गुडा मार्ग पर मृतक परिवार का मकान स्थित था।
सरपंच पूनम चंद मीणा ने बताया कि घटना के बाद अब सीमा के पास डेढ़़ वर्षीय पुत्री का ही सहारा शेष है। जिसके सहारे वह अपना जीवन काट सके। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। परिवार खेती एवं मजदूरी के सहारे अपना जीवनयापन कर रहा था। वहीं, घटना के बाद परिवार में सीमा के सामने आर्थिक संकट एवं जीविकोपार्जन का बड़ा संकट मंडरा गया। पूर्व में भी परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था तथा खाद्य सुरक्षा पर अपना जीवन यापन कर रहे था।