अयोध्या । कैबिनेट के मंत्रियों के साथ इलेक्ट्रिक बस में बैठकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे। यहां दर्शन पूजन के साथ ही राम मंदिर निर्माण का अवलोकन करेंगे।
11 नवम्बर को अयोध्या में भव्य दीपोत्सव से पहले योगी सरकार की पूरी कैबिनेट अयोध्या में आ चुकी है। मुख्यमंत्री योगी अयोध्या में लगभग 4 घंटे के लिए रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी लगभग 12 बजे के बाद अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में मंत्रिपरिषद की बैठक करेंगे।
उत्तर प्रदेश के इतिहास में योगी आदित्यनाथ पहले मुख्यमंत्री हैं जो प्रदेश की राजधानी के बाहर कैबिनेट की बैठ की सिलसिला शुरू किए। वर्ष 2019 में कुम्भ मेला के दौरान प्रयागराज में भी मंत्रिपरिषद की बैठक की गयी थी। तब मंत्रिमण्डल के सभी सदस्यों ने संगम में पुण्य स्नान भी किया था। इसके अलावा काशी में भी कैबिनेट की बैठक संपन्न हो चुकी है। इसी कड़ी में अब भगवान श्रीरामलला की जन्मभूमि अयोध्या में योगी कैबिनेट की बैठक होगी।
कैबिनेट बैठक में लिए जाने वाले निर्णयों की जानकारी बैठक की समाप्ति के बाद रामकथा पार्क में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान दी जाएगी।
yogi cabinet
योगी सरकार का उज्ज्वला योजना के 1.75 करोड़ लाभार्थियों को दीपावली का तोहफा, मुफ्त सिलेंडर मिलेगा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 20 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। बैठक में पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को दीपावली पर मुफ्त गैस सिलेंडर देने का एलान किया गया है।
प्रदेश में दीपावली पर उज्ज्वला योजना के 1,75,04,385 लाभार्थियों को मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर दिया जाएगा। योगी कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में मुफ्त सिलेंडर देने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को होली और दीपावली पर एक-एक सिलेंडर मुफ्त देने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने बताया कि लाभार्थी को पहले प्रचलित उपभोक्ता दर से 14.2 किलो का सिलेंडर रिफिल कराना होगा।
उसके पांच दिन के बाद सिलेंडर की राशि उपभोक्ता के आधार प्रमाणित बैंक खाते में ऑयल कंपनियों की ओर से हस्तांतरित की जाएगी। यह सुविधा केवल उज्ज्वला योजना के एक कनेक्शन पर मिलेगी। प्रदेश सरकार पर इससे 2312 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा। उन्होंने बताया कि दीपावली पर पौने दो करोड़ परिवारों को मुफ्त सिलेंडर मिलने से उन्हें त्योहार पर राहत मिलेगी।
मत्स्य पालन राजपत्रित सेवा संशोधित नियमावली को सहमति
कैबिनेट ने सचिवालय स्तर पर पर्यटन का अतिरिक्त अनुभाग सृजित किए जाने के संशोधित प्रस्ताव को सहमति दे दी है। वहीं उत्तर प्रदेश मत्स्य पालन राजपत्रित सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2023 पर भी कैबिनेट ने सहमति दी है।
मिर्जापुर, सोनभद्र व महराजगंज में जनजातीय संग्रहालय बनेगा
उत्तर प्रदेश में 15 अनुसूचित जनजातियां सूचीबद्ध हैं। उनमें भौगोलिक असमानता के साथ-साथ रीति-रिवाद, रहन-सहन, खान-पान और कला में पर्याप्त विविधता पाई जाती है। उन्हें संरक्षित करने के लिए मिर्जापुर, सोनभद्र और महराजगंज में जनजातीय संग्रहालय बनाया जाएगा। जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिए संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा जमीन संस्कृति विभाग लखनऊ को आवंटित की गई है।
केंद्र सरकार के जनजातीय मंत्रालय ने म्यूजियम के लिए प्रस्तावित जमीन अससूचित जाति व अनुसूचित जनजाति शोध व प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ के पक्ष में हस्तांतरित करने का फैसला लिया गया है, जिसे कैबिनेट ने अनापत्ति दी है। प्रत्येक संग्रहालय के लिए केंद्र सरकार 15 करोड़ रुपये देगी। इसमें राज्य सरकार पर कोई भार नहीं पड़ेगा। संग्रहालय में जनजातीय जीवन से जुड़ी जानकारियों, सूचनाओं, फिल्मों, चित्रों आदि का पश्दर्शन डिजिटव थियेटर में किया जाएगा। ट्राइबल आउटलेट्स के माध्यम से जनजातियों द्वारा तैयार उत्पादों का विक्रय किया जाएगा। संग्रहालय के लिए मिर्जापुर में अतरैला पांडेय गांव में 4.046 हेक्टेयर जमीन, सोनभद्र में राबर्टसगंज में 2.82 हेक्टेयर जमीन और महराजगंज की नौतनवा तहसील में 0.506 जमीन आवंटित की जाएगी।
पीपीपी मॉडल पर होगा चार पॉलीटेक्निक, तीन आईटीआई का संचालन
प्रदेश में सरकार की ओर से तैयार कराए गए चार राजकीय पॉलीटेक्निक व तीन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर चलाने का निर्णय लिया है। कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को इसकी सहमति दी गई।
प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के अनुसार इनका संचालन निजी सहभागिता से किए जाएगा। इसके अनुसार बाराबंकी, हरदोई, कन्नौज व सहारनपुर में नई बनी पॉलीटेक्निक व प्रतापगढ़, मुरादाबाद व इटावा की नई आईटीआई के पीपीपी मॉडल पर चलाने को कैबिनेट ने सहमति दी है। कैबिनेट की सहमति के बाद अब शासन स्तर पर इसकी विस्तृत नियमावली तैयार कर एमओयू किया जाएगा। इसके बाद नए सत्र से इनमें पठन-पाठन शुरू किया जाएगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार ने अब सूक्ष्म उद्यमियों को राहत देते हुए बड़ा निर्णय लिया है। बुधवार को योगी मंत्रिमंडल की बैठक में ”मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना” को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के माध्यम से अपरिहार्य परिस्थितियों में सूक्ष्म उद्यमियों को सहायता प्रदान की जा सकेगी। इसके अंतर्गत पात्र सूक्ष्म उद्यमी की दुर्घटना में मृत्यु होने या अपंगता पर 05 लाख रुपये तक का दावा किया जा सकेगा।
प्रदेश में स्थापित कुल एमएसएमई इकाइयों का लगभग 15 प्रतिशत ही औपचारिक रूप से उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं और 85 प्रतिशत इकाइयां अनौपचारिक रूप से कार्यरत हैं। उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य न होने के कारण इन इकाइयों के आंकड़े औपचारिक रूप से उपलब्ध नहीं होते हैं। औपचारिक आंकड़ों की उपलब्धता न होने से इस क्षेत्र का आर्थिक योगदान वास्तविक रूप से प्रदर्शित नहीं हो पाता, वहीं नीति निर्धारण में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसी के चलते योगी सरकार ने सूक्ष्म उद्यमियों को राहत देने का निर्णय लिया है।
मिलेगी 05 लाख रुपये की आर्थिक सहायता
मंत्रि परिषद के निर्णयों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत 18 वर्ष से 60 वर्ष के सूक्ष्म श्रेणी के उद्यमियों द्वारा आवेदन किया जा सकता है। इसमें ऐसे सूक्ष्म उद्यमियों को आच्छादित किया जाएगा जो जीएसटी विभाग के द्वारा संचालित व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ पाने के पात्र नहीं हैं। योजना के अंतर्गत दुर्घटना के चलते यदि किसी सूक्ष्म उद्यमी की मृत्यु होती है तो उसके परिजनों को 05 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद प्राप्त हो सकेगी। वहीं यदि दुर्घटना में स्थाई अपंगता पर भी 05 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद का प्राविधान है। वहीं आंशिक अपंगता पर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र में विकलांगता प्रतिशत के अनुसार राहत राशि प्राप्त होगी।
एक माह में होगा क्लेम का निस्तारण
दुर्घटना होने की दशा में पीड़ित के परिवार द्वारा ऑनलाइन व्यवस्था में आवेदन करने के बाद समस्त प्रपत्रों की एक प्रति संबंधित जिले के उपायुक्त उद्योग को प्रस्तुत की जाएगी। रजिस्टर्ड सूक्ष्म उद्यमी की दुर्घटना होने की दशा में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उपायुक्त उद्योग से क्लेम धनराशि की संस्तुति प्राप्त होने के बाद निदेशालय स्तर से उद्यमी के नामित वारिस को बीमा की धनराशि डीबीटी के माध्यम से अधिकतम एक माह में उपलब्ध करा दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 को मिली मंजूरी
योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति, 2023 को लागू किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति, 2023 लागू होने से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। जन-सामान्य के लिए उचित मूल्य पर आर्थिक, सामाजिक, एवं पर्यावरणीय दृष्टि से बेहतर गुणवत्ता वाली नागरिक सुविधाओं से युक्त अत्याधुनिक टाउनशिप की सुविधा उपलब्ध होगी। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गुणवत्ता पूर्ण नागरिक सुविधाओं से युक्त आधुनिक टाउनशिप के विकास से जन सामान्य को बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध होगी। नगरों के सुनियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन में बढ़ोत्तरी होगी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि योगी सरकार लगातार अर्बनाइजेशन को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में यह निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत डेवलपर और डेवलपमेंट अथॉरिटी दोनों की जिम्मेदारी तय की गई है। यदि डेवलपर नियमों की अवहेलना करेंगे तो उन पर पेनाल्टी और संपत्ति का जब्तीकरण किया जा सकेगा। इसमें 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस एवं 10 प्रतिशत एलआईजी का भी प्राविधान होगा। निर्धारित भूमि की अनिवार्यता को 25 एकड़ से घटाकर सवा 12 एकड़ तक कर दिया गया है।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में उप्र खेल नीति, स्क्रैप पॉलिसी, सड़कों के विस्तारीकरण और अयोध्या के विकास से जुड़े मुद्दों समेत कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है।
कैबिनेट बैठक के बाद उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि चार विश्वविद्यालय को आशय पत्र निर्गत करने के संबंध में प्रस्ताव पारित हुआ है। सरकार ने यह निर्णय शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए लिया है। टीएस मिश्रा विवि लखनऊ, फारूख हुसैन विवि. आगरा और विवेक राष्ट्रीय विवि. बिजनौर के अलावा शाहजहांपुर में एक विश्वविद्यालय के लिए आशय पत्र जारी किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि अगले साल पहले माह में राम मंदिर का लोकार्पण किया जाएगा। मंदिर का लोकार्पण होते ही श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा। उसे देखते हुए एनएच 27 से नया घाट पुराने पुल तक सड़क को दो किमी तक चौड़ीकरण और विस्तारीकरण किया जाएगा। इस पर करीब 65 करोड़ खर्च आएगा। परिक्रमा मार्ग 9.02 किमी सड़क का चौड़ीकरण और विस्तारीकरण किया जाएगा। इसके लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया जाएगा। चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण और विस्तारीकरण के लिए भी 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। रायबरेली-डलमऊ-फतेहपुर मार्ग के लिए 465 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा गृहविभाग के संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश खेल नीति 2023 को मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिली है। इस नीति के तहत कॉलेजों को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। सभी जरूरी बातों को ध्यान रखकर यह नीति तैयार की गयी है। युवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि खेलो इंडिया का आयोजन उत्तर प्रदेश में करने के लिए समितियों के गठन का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के बच्चों की खेल क्षेत्र में प्रतिभा निखारने के लिए ग्रामीण स्टेडियम और जिम निर्माण के लिए एक नीति बनाई जाएगी।
रामनगरी अयोध्या के धार्मिक स्थलों को विकसित किये जाने संबंधी आए प्रस्तावों को भी कैबिनेट से मंजूरी मिली है। श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखा गया है। इसके साथ ही 15 साल से पुराने वाहनों को समाप्त करने के लिए उप्र सरकार नई स्क्रैप पालिसी लेकर आएगी।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके. शर्मा ने बताया कि इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। बाराबंकी, मऊ नाथ भंजन और रायबरेली में कुछ पुरानी बंद पड़ी मिलों की निष्प्रयोज्य जमीनों को उपयोग में लाया जाएगा। इसके लिए आए प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है। इन मिलों की देनदारियों को सरकार ने माफ कर दिया है। लगभग 14 करोड़ रुपये की ऐसी देनदारी थी, जिसे माफ नहीं किया जा सकता है, उसे सरकार भरेगी और उन निष्प्रयोज्य जमीनों को नये रोजगार स्थापित करने के उपयोग में लाया जा सकेगा।