गोरखपुर के महंत दिग्विजयनाथ पार्क में सोमवार (9 दिसंबर) को ‘आयुष्मान वय वंदना योजना’ कार्ड वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 लाभार्थियों को कार्ड दिया.
इस दौरान अपने संबोधन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सितंबर 2018 में आयुष्मान भारत योजना लागू हुई. ये दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है. इसमें लाभार्थी को कुछ नहीं देना होता है. उन्होंने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इस कार्ड को हर साल रिन्यूवल कराना होता है. इसके जरिये प्रदेश या देश के किसी अस्पताल में 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इसके तहत गोरखपुर के 380 अस्पतालों में ये सुविधा मिल रही है. इसमें 190 सरकारी अस्पताल हैं.
बुजुर्गों को मिलेगा 5 लाख का इलाज
इसके बारे में अधिक जानकारी देते हुए सीएम योगी ने कहा कि जो बुजुर्ग 70 वर्ष से अधिक उम्र के मंच पर आए हैं, उनके हाथ कांप रहे हैं. इस तरह के परिवार के एक लाभकारी व्यवस्था की जा रही है. बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक की इलाज की सुविधा का प्रतिवर्ष लाभ मिल रहा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 8 हजार 300 लोगों को अब तक इस योजना के माध्यम से जोड़ा गया है. जिन्हें 5 लाख रुपये इलाज के लिए प्रतिवर्ष प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि भारत स्वस्थ होगा, तभी सशक्त बन सकेगा. डबल इंजन की सरकार में सशक्त भारत के साथ स्वस्थ्य भारत की गारंटी मिलेगी.
उत्तर प्रदेश में लाभार्थियों की संख्या 9 करोड़ लोग हैं. ये प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की बीमा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए काउंटर हैं, जिससे किसी को कोई असुविधा न हो. एक और प्रधानमंत्री और प्रदेश में मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत जोड़ने का कार्य सरकार कर रही है.
जिन लाभार्थियों का नाम नहीं आ पाया था, उनका नाम भी इसमें जोड़ा गया है. अकेले गोरखपुर जनपद में 5 हजार 433 लोगों को 123 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. ऐसे लोगों के उपचार के लिए सरकार ने व्यवस्था बनाई. इसके साथ मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है.
आयुष्मान भारत के तहत 300 करोड़ रुपये की राशि गोरखपुर के अस्पतालों को उपलब्ध कराया गया है. पहले गोरखपुर में बड़ी संख्या में इंसेफेलाइटिस से मौतें होती थी, अब सरकार ने इसे लगभग समाप्त कर दिया है. वर्तमान में एम्स में इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
सरकार ने बस्ती, देवरिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, गोंडा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया है. आईसीयू, एमआरआई, ब्लड बैंक की सुविधा प्राप्त हो, इसके लिए सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं. आज उसका लाभ नागरिकों को मिल रहा है. कोरोना से पहले इंसेफ्लाइटिस की कारगार रोकथाम की गई.
यूपी में 65 मेडिकल कॉलेज का निर्माण
अपने संबोधन के दौरान सीएम योगी ने दावा किया कि कोरोना जैसी महामारी के बाद स्वास्थ्य सुविधा को और अधिक बेहतर बनाने के लिए काम किया गया. उन्होंने कहा कि 70 वर्षों में महज 5 मेडिकल कॉलेज बने थे. अब 75 जिलों में 65 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं. जो दर्शाता है कि स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा,”आयुष्मान भारत, मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना, दीनदयाल उपचार योजना, आयुष्मान वय वंदना योजना, मुख्यमंत्री राहत कोष की सुविधा का एक ही उद्देश्य है कि सशक्त भारत के लिए स्वस्थ भारत चाहिए.” इस मौके पर गोरखपुर के सांसद रवि किशन और विधायक विपिन सिंह ने भी लोगों को संबोधित किया.