नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने उन्हें रूस के राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने पर बधाई दी और रूस के मैत्रीपूर्ण लोगों को शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार दोनों नेता आने वाले वर्षों में भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में ठोस प्रयास करने पर सहमत हुए।
उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न मुद्दों में प्रगति की भी समीक्षा की और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आगे बढ़ने के रास्ते के रूप में बातचीत और कूटनीति के पक्ष में भारत की निरंतर स्थिति को दोहराया। पीएमओ ने बताया कि दोनों नेता संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट किया, “राष्ट्रपति पुतिन से बात की और उन्हें रूसी संघ के राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने पर बधाई दी। हम आने वाले वर्षों में भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा और विस्तारित करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।”
VLADIMIR PUTIN
मॉस्को । रूस में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में जनता ने निवर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर वी. पुतिन पर अपना भरोसा जताया है। रूस के चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रारंभिक परिणामों में पुतिन सबसे आगे हैं। उन्हें 88 प्रतिशत वोट मिले हैं। अमेरिकी समाचार पत्र द न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव में भारी बढ़त मिलने के बाद पांचवीं बार राष्ट्रपति बनने जा रहे व्लादिमीर वी. पुतिन ने रविवार को राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने समर्थकों को संबोधित किया।
पुतिन ने अपने चुनाव मुख्यालय से राष्ट्रीय टेलीविजन पर जनता को भी संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी की मौत पर भी अपनी चुप्पी तोड़ी और इसे “दुर्भाग्यपूर्ण घटना” बताया। उन्होंने कहा, चुनाव में उन्हें किसी तरह की प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं करना पड़ा।
इससे पहले रूस के चुनाव आयोग ने घोषणा की कि पुतिन को 88 प्रतिशत वोट मिले हैं। इस बीच मॉस्को में पुतिन समर्थक जीत का जश्न मना रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि पुतिन पश्चिमी दुनिया के अधिकांश हिस्सों में भले ही अछूत बन गए हों पर चुनाव ने यह साबित कर दिया है कि रूस की जनता उन्हें बेइंतहा प्यार करती है।
मास्को । रूस की सरकारी एजेंसी क्रेमलिन की चेतावनी के बावजूद शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोधी एलेक्सी नवलनी की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में समर्थक शामिल होकर उनको श्रद्धांजलि दी। अंतिम यात्रा में शामिल समर्थक नवलनी-नवलनी के नारे लगाते हुए कह रहे थे कि आप डरे नहीं थे, हम भी नहीं डरेंगे। आपकी मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं छोड़ा जाएगा। इस दौरान आसपास कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। उन्हें मास्को में बोरिसोव्स्की कब्रिस्तान में दफनाया गया।
नवलनी की अंतिम यात्रा में उनकी मां ल्यूडमिला और पिता अनातोली भी शामिल हुए। रूस से बाहर होने के कारण उनकी पत्नी और बच्चे इसमें शामिल नहीं हुए। भीड़ के बीच कई लोगों ने हाथों में फूल लिए अंतिम विदाई दे रहे थे। कई राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोध में नारे लगा रहे थे। नवलनी के समर्थक अंतिम यात्रा का लाइव प्रसारण कर रहे थे। स्थानीय मीडिया ने इसे काफी कम कवरेज दिया।
इसमें भाग लेने वालों में अमेरिकी राजदूत लिन ट्रेसी सहित पश्चिमी राजनयिक, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बोरिस नादेजदीन और येकातेरिना डंटसोवा भी शामिल थे। उनकी पत्नी यूलिन ने पुतिन और मास्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन पर सार्वजनिक अंतिम संस्कार को रोकने की कोशिश का आरोप लगाया।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को एलेक्सी नवलनी के अंतिम संस्कार में शामिल एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही अन्य 22 लोगों ने अंतिम संस्कार में शामिल होने से पहले हिरासत में ले लिया गया।
मास्को । रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत के बाद से परिजन लगातार शव की मांग कर रहे हैं लेकिन पुतिन सरकार इस बारे में कोई भी उचित जवाब नहीं दे रही है। नवलनी की मां ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपने बेटे के शव को देखा है और लोगों की नजरों से दूर गुप्त तरीके से अंतिम संस्कार के लिए सहमति के वास्ते अधिकारियों द्वारा बनाए जा रहे दबाव का वह पुरजोर विरोध कर रही हैं।
सालेकहार्ड से एक वीडियो के माध्यम से अपना बयान जारी करते हुए ल्यूडमिला नवलनाया ने कहा कि जांचकर्ताओं ने शहर के मुर्दाघर में उन्हें उनके बेटे के शव को देखने की अनुमति दी। उन्होंने नवलनी का शव सौंपने की अपनी मांग दोहराई और गुप्त तरीके से शव को दफनाने पर सहमत होने के लिए अधिकारियों द्वारा बनाए जा रहे दबाव का विरोध किया।
उन्होंने कहा, वे मुझे ब्लैकमेल कर रहे हैं। वे शर्तें रख रहे हैं कि मेरे बेटे को कहां, कब और कैसे दफनाया जाए। वे चाहते हैं कि यह काम बिना किसी शोक समारोह के गुप्त तरीके से किया जाए।
मॉस्को। व्लादिमीर पुतिन के धुर विरोधी नेता एलेक्सी नवलनी की 2 दिन पहले जेल में हुई मौत के बाद रूस में बवाल मच गया है। नवलनी को श्रद्धांजलि देने सड़कों पर उतरे लोगों ने राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने हाथ में मोमबत्तियां, बैनर और पैम्फलेट लिए थे। उन्होंने पुतिन के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों की सड़क पर बढ़ती भीड़ को देखकर रूसी पुलिस भी चक्कर में पड़ गई। इसके बाद उन्हें हिरासत में लेने का सिलसलिा शुरू कर दिया गया। बता दें कि रूस में विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी को श्रद्धांजलि देने के दौरान 400 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।
रूस के एक अधिकार समूह ने यह जानकारी दी। नवलनी (47) की अचानक मृत्यु से रूस के कई लोगों को करारा झटका लगा है। इन लोगों को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे धुर विरोधी से भविष्य में काफी उम्मीदें थीं। नवलनी को सरकार में भ्रष्टाचार और रूसी शासन प्रतिष्ठान क्रेमलिन के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों के लिए जाना जाता था। नर्व एजेंट के जहर से बचने और कई बार जेल की सजा पाने के बाद भी नवलनी ने पुतिन की आलोचना करना जारी रखा था।
रूस के कई शहरों में बवाल
रूस के कई शहरों में सैकड़ों लोग इस राजनीतिज्ञ को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार और शनिवार को फूलों और मोमबत्तियों के साथ राजनीतिक दमन के पीड़ितों के स्मारकों पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पुतिन पर नवलनी की हत्या का आरोप लगाकर प्रदर्शन करना और नारेबाजी करना शुरू कर दिया। ‘ओवीडी-इन्फो’ नामक अधिकार समूह के अनुसार 12 से अधिक शहरों में पुलिस ने शनिवार रात तक 401 लोगों को हिरासत में लिया। समूह ने कहा कि रूस के दूसरे सबसे बड़े शहर सेंट पीटर्सबर्ग में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
मास्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक और विरोधी एलेक्सी नवेलनी की रूस की एक जेल में मौत हो गई है। एलेक्सी नवेलनी लंबे समय से जेल में बंद थे। नवेलनी को रूस में पुतिन का सबसे बड़ा आलोचक माना जाता था। सरकार विरोधी प्रदर्शन के लिए नवेलनी को साल 2021 में जेल हुई थी। इससे पहले नवलनी को जहर देकर मारने की भी कोशिश हुई थी। जिसमें नवलनी बच गए थे।
कई दिनों तक जेल से गायब रहे थे
इससे पहले खबर आई थी कि नवेलनी कई दिनों तक जेल से गायब रहे थे। दावा किया गया था कि उनके वकीलों की उनसे कोई बात भी नहीं हो पा रही थी। कैदियों की सूची से भी उनका नाम गायब था। हालांकि, करीब 20 दिन बाद उनके वकील उनसे मिल पाए थे। रूसी सरकार ने नवलनी को बेहद ठंडे आर्कटिक क्षेत्र में स्थित जेल में शिफ्ट कर दिया था।
बताया गया था कि नवलनी यामालो नेनेट्स के खार्प इलाके में स्थित जेल में बंद हैं। खार्प में करीब 5 हजार लोग रहते हैं और यह क्षेत्र आर्कटिक सर्किल के ऊपर स्थित है। इसके चलते यहां जबरदस्त ठंड होती है और यहां की परिस्थितियां बेहद खतरनाक होती हैं। जेल के कैदियों का बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं होता और यह रूस के सबसे खतरनाक जेलों में गिनी जाती है। यह इलाका रूस की राजधानी मॉस्को से उत्तर पूर्व में दो हजार किलोमीटर दूर स्थित है।
उधर , एलेक्सई नवलनी की मौत पर पत्नी ने रोते हुए कहा ‘पुतिन को इसकी सजा जरूर मिलेगी। यूलिया नवलनया ने कहा कि ‘हम पुतिन और उसकी सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते। वे हमेशा झूठ बोलते हैं, लेकिन अगर ये सच है तो पुतिन और उनकी सरकार, उनके दोस्तों ने हमारे देश, हमारे परिवार, मेरे पति के साथ जो भी किया है, उसका जवाब देना होगा।’
रूस में राष्ट्रपति पुतिन के विरोधी रहे एलेक्सई नवलनी की जेल में मौत की खबर पूरी दुनिया में सुर्खियों में है। अब नवलनी की पत्नी यूलिया नवलनया ने कहा है कि अगर नवलनी की मौत की बात सच है तो पुतिन और उनके सहयोगियों को इसकी सजा जरूर मिलेगी। म्युनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस के दौरान लगभग रोकर बोलते हुए नवलनी की पत्नी ने कहा कि नवलनी की मौत की खबर अभी रूस सरकार के सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है, ऐसे में इस पर पूरी तरह से यकीन नहीं किया जा सकता क्योंकि वे पहले भी कई बार झूठ बोल चुके हैं।
‘पुतिन को जवाब देना होगा’
यूलिया नवलनया ने कहा कि ‘हम पुतिन और उसकी सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते। वे हमेशा झूठ बोलते हैं, लेकिन अगर ये सच है तो पुतिन और उनकी सरकार, उनके दोस्तों ने हमारे देश, हमारे परिवार, मेरे पति के साथ जो भी किया है, उसका जवाब देना होगा और वो दिन भी जल्द आएगा।’ नवलनी की पत्नी ने पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस की ‘शैतानी सरकार’ के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।
कौन थे एलेक्सई नवलनी
एलेक्सई नवलनी रूसी राजनेता और विपक्षी पार्टी का चेहरा थे। बीते एक दशक से नवलनी रूस में राष्ट्रपति पुतिन के सबसे मुखर विरोधी रहे हैं। वे बीते लंबे समय से जेल में बंद थे। पिछले साल नवलनी को आर्कटिक सर्किल जेल में शिफ्ट कर दिया गया था, जो रूस की सबसे सख्त जेलों में गिनी जाती है। जेल विभाग ने बताया कि नवलनी को शुक्रवार को टहलते हुए तबीयत खराब महसूस हुई और तुरंत ही वे बेहोश हो गए। मेडिकल टीम ने उनकी हालत में सुधार की कोशिश की, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हो सके। नवलनी रूस की राजनीति में ज्यादा पारदर्शिता की मांग करते थे। वे साल 2013 में मॉस्को के मेयर पद का चुनाव भी लड़े थे और दूसरे स्थान पर रहे थे। अगस्त 2020 में नवलनी को जहर दिया गया था, जिसमें नवलनी बाल-बाल बच गए थे।
मास्को । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को दावा किया कि रूसी वैज्ञानिक कैंसर की वैक्सीन बनाने के करीब पहुंच चुके हैं। पुतिन ने दावा किया कि वैज्ञानिक जल्द ही इसे मरीजों के लिए उपलब्ध कराएंगे। पुतिन ने कहा कि हम कैंसर वैक्सीन और नई पीढ़ी की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने वाली दवाओं के निर्माण के बहुत करीब आ गए हैं।`
पुतिन ने उम्मीद जताई कि जल्द ही उनका प्रभावी ढंग से चिकित्सा के रूप में उपयोग किया जाएगा। उन्होंने मास्को में भविष्य की तकनीकों पर आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कहीं। पुतिन ने यह नहीं बताया कि प्रस्तावित टीके किस प्रकार के कैंसर को लक्षित करेंगे और न ही उन्होंने बताया कि यह कैसे काम करेगा। कई देश और कंपनियां कैंसर के टीकों पर काम कर रही हैं।
पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने जर्मनी स्थित बायोएनटेक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो कैंसर उपचार प्रदान करने के लिए परीक्षण शुरू करेगा। जिसका लक्ष्य 2030 तक 10,000 रोगियों तक पहुंचना है। फार्मास्युटिकल कंपनियां माडर्ना और मर्क एंड कंपनी एक प्रयोगात्मक कैंसर वैक्सीन विकसित कर रही हैं, जो एक मध्य चरण अध्ययन में तीन साल के उपचार के बाद मेलेनोमा (सबसे घातक त्वचा कैंसर) से मृत्यु की संभावना को आधा कर देती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वर्तमान में छह लाइसेंस प्राप्त टीके हैं जो कई तरह के कैंसरों का कारण बनने वाले मानव पेपिलोमाविरस (एचपीवी) के उपचार के लिए हैं, जिनमें सर्वाइकल कैंसर भी शामिल है। साथ ही हेपेटाइटिस बी (एचबीएस) के खिलाफ टीके भी हैं, जो लीवर कैंसर का कारण बनता है।
मोदी को रूस आने का पुतिन ने दिया न्यौता, कहा- दुनिया में उथल-पुथल के बीच रूस-भारत के बीच मजबूत रिश्ते
मॉस्को । रूस की पांच दिनों की यात्रा पर पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने गर्मजोशी के साथ जयशंकर से मुलाकात की और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी को अगले साल रूस आने का न्यौता दिया। इस दौरान पुतिन ने कहा कि अगला साल चुनाव के लिहाज से भारत के लिए बहुत व्यस्त रहने वाला है। चुनाव के लिए उन्होंने मोदी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि चुनावी जीत किसी की भी हो, भारत-रूस के रिश्ते मजबूत और स्थिर बने रहेंगे।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। जयशंकर ने एक्स पोस्ट में इसकी जानकारी दी- `आज शाम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। प्रधानमंंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से उन्हें शुभकामनाएं दीं और एक निजी संदेश सौंपा। राष्ट्रपति पुतिन को उपराष्ट्रपति डेनिस मंतुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से हुई अपनी चर्चाओं से अवगत कराया। दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के उनके मार्गदर्शन की सराहना की।’
इस बातचीत के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि पीएम मोदी शांतिपूर्ण तरीके से रूस-यूक्रेन विवाद को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने कई मौकों पर इसका बार-बार उल्लेख किया। उन्होंने भारत-रूस संबंधों पर बात करते हुए कहा कि हम उर्जा से लेकर प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में एक साथ हैं। हम पेट्रोल के साथ-साथ उच्च तकनीकी क्षेत्र में भी साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में काफी उथल-पुथल के बावजूद रूस और भारत के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने भारतीय नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है।
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री ने रूस के विदेश मंत्री मर्गेई लावरोव से मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक में लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत ने जी 20 की अध्यक्षता कर अपनी विदेश नीति की ताकत को साबित कर दिया।
मास्को। रूस और यूक्रेन की लड़ाई बहुत भीषण दौर में प्रवेश करती नज़र आ रही है। हाल के समय में रूस ने यूक्रेन पर हमले और तेज कर दिए हैं। साथ ही हमलों की संख्या बढ़ा दी है। इसी बीच रूस ने यूक्रेन पर ताजा गोलीबारी की है। इस घटना से रूस ने एक बार फिर अपने खतरनाक इरादे जता दिए। रूस ने यूक्रेन के दक्षिण शहर को निशाना बनाया है। इस हमले में दो लोगों के मारे जाने की खबर है।
मिली जानकारी के अनुसार रूसी सेना ने मंगलवार सुबह यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसान पर हमला किया। इसमें कम से कम दो लोग मारे गए। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी। क्षेत्रीय गवर्नर ओलेक्सांद्र प्रोकुदीन ने हमले के बाद एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें शहर की एक सड़क पर दो शव पड़े हुए देखे जा सकते हैं।
हमले में दो चिकित्सक भी घायल
खेरसान शहर प्रशासन के प्रमुख रोमन मरोचको ने कहा कि हमले में दो चिकित्साकर्मी भी घायल हुए हैं। रूसी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने क्रीमिया पर एक अन्य यूक्रेनी हमले का जवाब दिया है, जबकि यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि वायु रक्षा प्रणाली ने रूसी सैनिकों के ड्रोन और मिसाइल हमले का जवाब दिया। दोनों में से किसी भी पक्ष ने इसमें किसी के हताहत होने या क्षति पहुंचने की सूचना नहीं दी है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वायु रक्षा प्रणाली ने मंगलवार तड़के क्रीमिया और अजोव सागर के ऊपर 22 यूक्रेनी ड्रोन को नष्ट कर दिया और 13 को रोक दिया। इसके शीघ्र बाद, अन्य चार ड्रोन मार गिराये गए और दो को रोका गया। रूस और यूक्रेन दोनों ही एकदूसरे पर हमले कर रहे हैं। फिलहाल इस जंग का कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है।
पुतिन ने और सैनिकों की भर्ती के दिए हैं आदेश
रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब 22 महीने हो चुके हैं। ऐसे में रूसी राष्ट्रपति पुतिन अब युद्ध को और अधिक लंबा नहीं खींचना चाहते। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने लंबे समय से जारी संघर्ष के मध्य रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश की सेना को कम से कम 170,000 अतिरिक्त सैनिकों को शामिल करने के शुक्रवार को आदेश दिए। पुतिन का यह आदेश शुक्रवार को जारी हुआ और इसे तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया दिया गया। इससे रूसी सैन्यकर्मियों की बढ़कर संख्या 2,200,000 हो गई। इसमें 1,320,000 सैनिक भी शामिल हैं।
मास्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस लड़ाकू विमानों को काला सागर में तैनात करने का आदेश दिया है। पुतिन ने बुधवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत के बाद बीजिंग में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने किंजल मिसाइलों से लैस मिग-31 विमानों को काला सागर में भेजा है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए पुतिन ने कहा कि किसी के लिए खतरा नहीं है, लेकिन भूमध्य सागर में जो कुछ हो रहा है, उस पर हम नजर बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इजरायल-हमास युद्ध के जवाब में अमेरिका ने दो विमानन समूहों को भूमध्य सागर में स्थानांतरित कर दिया है। क्रेमलिन नेता ने कहा, “यह सब मध्य पूर्व में संघर्ष की पृष्ठभूमि में माहौल को गर्म कर रहा है ।”
संबंधों को मजबूत कर रहे चीन और रूस
रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने कहा कि उन्होंने और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी बातचीत के दौरान यूक्रेन और मध्य पूर्व में संघर्षों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि रूस और चीन को “सामान्य खतरों” का सामना करना पड़ता है जो उनके संबंधों को मजबूत करते हैं। गौरतलब है कि पुतिन के यूक्रेन पर 2022 में आक्रमण का आदेश देने के बाद से चीन ने रूस को राजनयिक और आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिससे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करने में मदद मिली है।
अमेरिका ने की बड़ी गलती: पुतिन
पुतिन ने आगे कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिका लगातार गलतियां कर रहा है। अमेरिका ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देकर बड़ी गलती की है। अमेरिका रूस-यूक्रेन संघर्ष में व्यक्तिगत रूप से शामिल होता जा रहा है, जिससे उसका कोई लेना देना नहीं होना चाहिए।
पुतिन ने कहा कि मंगलवार देर रात गाजा के एक अस्पताल में हुआ विस्फोट, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं। इजरायल और हमास के बीच संघर्ष को जल्द से जल्द रोकना चाहिए। पुतिन ने कहा कि सोमवार को मिस्र, सीरिया, ईरान, इजरायल और फलीस्तीनी नेताओं के साथ उनकी फोन पर बातचीत हुई। इस दौरान सभी ने इस बात पर राय व्यक्त की कि इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष रुकना चाहिए।