नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव में पूरे सूबे में जमकर हिंसा हुई। खूब तोड़फोड़, पथराव और आगजनी हुई। राजनीतिक लड़ाई के चलते छह जिलों में 16 लोगों की हत्या कर दी गई। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कहीं पोस्टल बॉक्स ही लूट लिया गया तो कहीं खूब बम चले। कूचबिहार में पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ के बाद उपद्रवियों ने बैलेट पेपर्स में ही आग लगा दी।
पहले चुनाव के बारे में जान लीजिए
शनिवार आठ जुलाई को पश्चिम बंगाल की 73,887 ग्राम पंचायत सीटों में से 64,874 पर मतदान हुआ। बाकी 9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया था। निर्विरोध चुने जाने वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 8,874 तृणमूल कांग्रेस से हैं। पंचायत चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे।
मतदान वाले दिन 16 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। इनमें से 13 मौतें मुर्शिदाबाद, कूचबिहार और मालदा में हुई। सबसे ज्यादा पांच मौतें मुर्शिदाबाद में हुईं। कूचबिहार, उत्तरी दिनाजपुर और मालदा में मारे जाने वाले लोगों की संख्या क्रमशः तीन, चार और एक थी। वहीं दक्षिण बंगाल के तीन जिलों- नादिया, पूर्वी बर्दवान और दक्षिण 24 परगना में एक-एक मौत हुई। यहां 200 से ज्यादा लोग घायल भी हुए। जलपाईगुड़ी हिंसा में आठ पत्रकार भी घायल हुए।
पिछले एक महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बीच, 38 से ज्यादा राजनीतिक हत्याएं हो चुकी हैं। आठ जून को चुनावों का एलान होने के बाद से सात जुलाई तक 19 लोगों की जान गई है। कूच बिहार में कुछ लोग बैलेट बॉक्स लेकर ही भागते दिखे। इसके अलावा यहां कई पोलिंग बूथ को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया।
बीएसएफ़ का बड़ा आरोप
बंगाल हिंसा की खबरों के बीच बीएसएफ़ डीआईजी एसएस गुलेरिया ने राज्य चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है। डीआईजी ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने सिर्फ सात जून को सेंसिटिव बूथ की संख्या बताई। उनकी लोकेशन या कोई और अन्य जानकारी नहीं दी गई। यहां पर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स के 59 हजार ट्रूप और 25 राज्यों की आर्म्ड पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन इसका ठीक तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सका।
राज्य सरकार ने बताया था कि सिर्फ 4834 सेंसिटिव बूथ हैं, जिन पर सीएपीएफ़
को तैनात किया गया था, लेकिन असल में यहां इससे कहीं ज्यादा सेंसिटिव पोलिंग बूथ थे। बी एस एफ़ की तैनाती तो स्थानीय प्रशासन की मांग पर ही की गई थी। इसके बावजूद प्रशासन और राज्य चुनाव आयोग ने सही जानकारी नहीं दी। पश्चिम बंगाल चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन की थी कि चुनाव के दौरान भीड़ को कंट्रोल करें। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय बल बंगाल में समय रहते कंपनियां तैनात नहीं कर सका।
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
हिंसा की घटनाओं को लेकर गृहमंत्रालय भी सतर्क हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार से भी बात की और पार्टी के कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली थी।
पश्चिम बंगाल के राज्य सीवी आनंद बोस ने भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘जो मैंने ग्राउंड पर देखा वह विचलित करने वाला था। हिंसा और हत्याएं हुईं। एक चीज नोटिस की कि जो लोग मारे गए वो गरीब थे और उन्हें मारने वाले भी गरीब थे। हमें गरीबी को मारना है गरीब को नहीं। बंगाल यह डिजर्व नहीं करता।’
पंचायत चुनाव में हुई हिंसा पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने टीएमसी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी की सरकार में देख रहे हैं कि कोई भी नौजवान मतदान पेटी लेकर दौड़ लगा रहा है, बाराती हाथ में बम लिए घूम रहे हैं। मतदान केंद्रों पर हिंसा हो रही है। इस हिंसा के पीछे कौन हैं? इसका जिम्मेदार कौन है? ममता सरकार और ममता बनर्जी को इसका जवाब देना चाहिए।’
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य निर्वाचन आयोग के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने की बाच कही। उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है। हमारी मांग है कि जहां भी सीसीटीवी नहीं है और जहां भी चुनाव में धांधली हुई वहां फिर से मतदान कराया जाए। इनके (राज्य चुनाव आयोग) खिलाफ 302 (हत्या) के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए। बंगाल में इतना गोला बारूद आया, अधिकतर मृत्यु गोली से हुई हैं। यह सब कौन भेजा? इसकी फंडिंग किसने की? यह देश विरोधी ताकतें हैं इसलिए इसकी जांच एनआईए द्वारा की जानी चाहिए।
टीएमसी ने केंद्र सरकार पर फोड़ा ठीकरा
एक तरफ भाजपा समेत पश्चिम बंगाल के तमाम विपक्षी दल टीएमसी के खिलाफ हैं तो दूसरी ओर टीएमसी ने भी इसका ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ दिया। टीएमसी ने ट्वीट किया कि चौंकाने वाली और दुखद घटनाएं मतदाता समुदाय को स्तब्ध कर देती हैं। रेजीनगर, तुफानगंज और खारग्राम में हमारी पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है और डोमकोल में दो लोग गोली लगने से घायल हो गए हैं। केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की जा रही है तो जब केंद्रीय बलों की सबसे ज्यादा जरूरत है तो वे कहां हैं? यह चुनाव शुरू होने से पहले ही लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी भारी विफलता का संकेत देता है! नादिया में बदमाशों ने नारायणपुर-1 ग्राम पंचायत में एआईटीसी उम्मीदवार के पति पर बेशर्मी से गोलीबारी की, जिससे पार्टी का असली रंग उजागर हो गया। चुनाव शुरू होने से ठीक पहले हसीना सुल्ताना के पति और अन्य एआईटीसी कार्यकर्ताओं पर भी देशी बम फेंके गए। चुनावों से पहले, केंद्रीय बल नागरिकों की सुरक्षा के अपने कर्तव्य को पूरा करने में बेहद अपर्याप्त साबित हुए हैं। वे क्यों लड़खड़ा रहे हैं और उन लोगों को निराश कर रहे हैं जिनकी उन्हें सुरक्षा करनी थी?
दिल्ली जाएंगे राज्यपाल
राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाओं के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस दिल्ली रवाना हो गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी का सकते हैं।
VIOLENCE IN PANCHAYAT CHUNAV
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में शनिवार को हो रहे पंचायत चुनाव मतदान के दौरान राज्य भर में कम से कम 15 लोगों की हत्या के बाद राज्य के चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने एक छोटा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव शांतिपूर्वक हो रहे हैं या हिंसक हैं, इस बारे में तो बात नहीं की जा सकती लेकिन जहां भी हिंसा की घटनाएं हुई हैं वहां पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। राज्य भर में हिंसा की तस्वीरें सामने आने के बावजूद कहीं भी केंद्रीय बलों के जवानों की तत्परता नहीं देखे जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ तालमेल पर केंद्रीय बलों के जवान काम कर रहे हैं इसमें कोई दो राय नहीं है। कई तरह की शिकायतें मिल रही हैं। हर एक शिकायत को जांचा जा रहा है। जहां से भी हिंसा हंगामे की खबरें आ रही है वहां पुलिस कार्रवाई कर रही है।
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में भरी हिंसा के बीच पंचायत चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया। अब तक मिली जानकारी के अनुसार कई जगह हुई हिंसक वारदातों पांच लोगों की जान जा चुकी है। मतदान शुरू होते ही चारो तरफ से शिकायते आना शुरू हो गयीं लेकिन राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा तीन घंटे बाद दफ्तर पहुंचे।
मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में कांग्रेस और तृणमूल के बीच झड़प में सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता बाबर अली की मौत हो गई। हिंसा के बाद इलाके में भारी तनाव है।मतदान शुरू होते ही कूचबिहार में मतदान केंद्र में तोड़फोड़ कर दी गई है और मतपत्र लूट लिए गए है। इसी तरह की खबरें डायमंड हारबर से भी आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक मालदा के मानिकचक और गोपालपुर ग्राम पंचायत के जिशारद टोला में भारी बमबारी हुई है। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मृत व्यक्ति का नाम शेख मालेक बताया गया है। सूचना मिली है कि हुगली में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने एक निर्दलीय उम्मीदवार को गोली मार दी है।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का मतदान भारी हिंसा के बीच जारी है। पूरे राज्य भर से जगह-जगह हिंसा, आगजनी, पथराव की खबरें आ रही हैं। पूरे राज्य में भारी तनाव फैला हुआ है। राज्य में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद जमकर हिंसा हो रही है। पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम ब्लॉक 1 के रेजिडेंट्स ने तृणमूल कांग्रेस पर बूथ कैप्चर करने का आरोप लगाते हुए इलेक्शन का बॉयकॉट किया। लोगों का कहना है कि महम्मदपुर के बूथ नंबर 67 और 68 में सेंट्रल फोर्स की तैनाती की जाए। तैनाती न होने तक वे वोट नहीं डालेंगे।
शनिवार की सुबह सात बजे राज्य के पंचायत की लगभग 74 सीटों के लिए मतदान शुरू हुआ है। दक्षिण से लेकर उत्तर बंगाल तक हर जगह हिंसा की खबरें आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक मतदान के दौरान हुई हिंसा में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं।
आगजनी, गोलीबारी, बमबारी और लूटपाट के बीच अब तक मुर्शिदाबाद, मालदा, कूचबिहार और दक्षिण 24 परगना में पांच लोगों की हत्या

चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा
की चुकी है। 24 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर में स्थापित कंट्रोल रूम में सुबह से फोन पर घंटियां घनघनाती रहीं। किसी ने भी फोन नहीं उठाया। …और राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा तीन घंटे बाद दफ्तर पहुंचे।
कूचबिहार में तो मतदान केंद्र को आग के हवाले कर दिया गया है। भाजपा पोलिंग एजेंट को बम से उड़ाया जा चुका है। एक पुलिसकर्मी और पीठासीन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हैं। आयोग के दफ्तर पर सुबह से पत्रकारों का जमघट है। सिन्हा के पहुंचने से पहले किसी भी अधिकारी ने मुंह नहीं खोला। कंट्रोल रूम में करीब एक दर्जन से अधिक लैंडलाइन फोन पर घंटी लगातार बजती रहीं लेकिन किसी भी कॉल को अटेंड नहीं किया गया । आयोग के सचिव नीलांजन शांडिल्य और अन्य कर्मचारी जरूर सुबह दफ्तर पहुंच गए पर आयुक्त राजीव सिन्हा तीन घंटे बाद आए है।