मुंबई। फिल्म जगत के कुछ मेहनती अभिनेताओं की सूची में रणदीप हुड्डा का नाम लिया जाता है। रणदीप फिलहाल वह अपनी आने वाली फिल्म ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ को लेकर सुर्खियों में हैं। पहले इस फिल्म का निर्देशन महेश मांजरेकर करने वाले थे। बाद में किसी वजह से महेश मांजरेकर ने इस फिल्म से किनारा कर लिया। इसके बाद निर्देशन की जिम्मेदारी रणदीप के कंधों पर आ गई।
पिछले साल फिल्म फिल्म ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ का टीजर रिलीज किया गया था। तभी से दर्शक इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अब इस फिल्म का दमदार ट्रेलर भी दर्शकों के सामने आ गया है। टीजर की तरह ही ट्रेलर भी दर्शकों की उत्सुकता बढ़ा रहा है।
ट्रेलर में स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के जीवन की प्रमुख घटनाओं और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया है। इसके साथ ही विनायक दामोदर सावरकर और महात्मा गांधी के बीच वैचारिक मतभेद भी भी इस फिल्म में दर्शाए गए हैं। फिल्म में सावरकर को दी गई दो आजीवन कारावास की सजा, सजा काटने के बाद भारत में उनके और उनके परिवार के साथ हुए अन्याय और उनके साथ किए गए दोयम दर्जे के व्यवहार पर भी टिप्पणी की गई है। ट्रेलर से इस बात की भी झलक मिलती है कि फिल्म में हमें दमदार डायलॉग्स सुनने को मिलेंगे।
फिल्म में सावरकर के साथ हमें लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, मोहम्मद अली जिन्ना, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भीकाजी कामा, मदनलाल ढींगरा, भगत सिंह आदि क्रांतिकारियों की भूमिकाएं भी देखने को मिलेंगी। फिल्म में सावरकर का मुख्य किरदार निभाने वाले रणदीप हुडा के अभिनय की जबरदस्त चर्चा हो रही है और इस किरदार के लिए रणदीप की मेहनत की भी खूब सराहना हो रही है। इसके साथ ही दर्शकों ने यमुनाबाई के किरदार में नजर आ रहीं अंकिता लोखंडे को भी खूब सराहा है।
सोशल मीडिया पर इस फिल्म के ट्रेलर को लेकर कमेंट कर दर्शक अपनी उत्सुकता जाहिर कर रहे हैं। फिल्म अभी रिलीज भी नहीं हुई है, लेकिन ट्रेलर देखकर ही लोग फिल्म देखने के लिए उत्सुक हैं। फिल्म का निर्माण ज़ी स्टूडियोज, आनंद पंडित, संदीप सिंह और रणदीप हुडा ने संयुक्त रूप से किया है, जबकि उत्कर्ष नैथानी और रणदीप ने संवाद लिखे हैं। फिल्म ”स्वतंत्र वीर सावरकर” 22 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
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मुंबई। वीर सावरकर का मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति में फिर गर्माता लग रहा है। जहाँ राहुल गाँधी समेत कांग्रेस के नेता आये दिन वीर सावरकर को लेकर विवादित बयान देते रहते हैं , वहीँ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऐसे बयान देने वाले नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा – ‘सावरकर हमारे आदर्श उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। ‘
मालेगांव में रविवार को एक रैली में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रकहा कि वह हिंदुत्व विचारक वी.डी. सावरकर को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहा कि वह सावरकर का अपमान करने से बचें। उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी तीन दलों – शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठबंधन है, जिसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए बनाया गया था और इसके लिए एकजुट होकर काम करना जरूरी था।
उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले के मुस्लिम बहुल शहर मालेगांव में एक रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने यह भी कहा कि जानबूझ कर राहुल गांधी को उकसाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सावरकर हमारे आदर्श हैं और उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए मिलकर लड़ना होगा.। सावरकर ने 14 साल तक अंडमान जेल में अकल्पनीय यातनाएं झेलीं। हम केवल पीड़ाओं को पढ़ सकते हैं। यह बलिदान एक प्रतीक है.’’
ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि हम अपने देश के लोकतंत्र और इसके संविधान को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। हालांकि, आपको जानबूझ कर उकसाया जा रहा है। यदि हम इस समय को व्यर्थ जाने देंगे तो लोकतंत्र का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। 2024 का चुनाव, आखिरी चुनाव होगा। ’’ गुजरात में सूरत की एक अदालत द्वारा 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने शनिवार को कहा था, ‘‘मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते हैं.’’ ठाकरे ने कहा कि उन्होंने गांधी की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने कल अपनी प्रेसवार्ता में अच्छी बात कही। उन्होंने वैध सवाल उठाया कि 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं? लेकिन सरकार जवाब नहीं देना चाहती। ’’
शनिवार को अपनी प्रेसवार्ता के दौरान, गांधी ने कहा कि अडाणी की मुखौटा कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किसने किया और प्रधानमंत्री के साथ व्यवसायी के क्या संबंध हैं, यह सवाल बना हुआ है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने आरोप लगाया कि जिनका देश के स्वतंत्रता आंदोलन से कोई संबंध नहीं है, वे लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं।
- कहा – उस समय इसी तरह के पत्र लिखने का चलन था
- महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरु पर लगाया देश के बंटवारे का आरोप
मुंबई । वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी उनके दादाजी पर बेबुनियाद और तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं। रंजीत सावरकर ने कहा कि इसी तरह के पत्र उस समय महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरु ने भी लिखे थे। रंजीत सावरकर ने महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरु पर देश के बंटवारे का भी आरोप लगाया है।
रंजीत सावरकर ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि सावरकर की चिट्ठी की आखिरी पंक्तियों को राहुल गांधी दिखाया जबकि मूलरूप से उस समय लिखने का तरीका यही था। उनके दादा और महात्मा गांधी ने भी यही लिखा था, इसका क्या अर्थ है। इतना ही नहीं, जवाहरलाल नेहरू अपनी पत्नी एडविना माउंटबेटन के साथ तत्कालीन वायसराय माउंटबेटन के साथ शिमला गए और फिर देश की आजादी के सिलसिले में विभाजन को मंजूरी दी। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या यह देशद्रोह नहीं था। रंजीत सावरकर ने एडविना माउंटबेटन और जवाहरलाल नेहरू के बीच संबंधों के बारे में माउंटबेटन की बेटी पामेला द्वारा लिखी गई एक पुस्तक का भी उल्लेख किया। सावरकर ने इस मौके पर यह भी कहा कि भारत को मांग करनी चाहिए कि एडविना माउंटबेटन के पत्राचार को सार्वजनिक किया जाए।
उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू हर रात एडविना माउंटबेटन को पत्र लिखकर दिन की घटनाओं और फैसलों के बारे में बताते थे कि क्या यह देशद्रोह नहीं है, राहुल गांधी को भी इसके बारे में पता होना चाहिए। इतना ही नहीं राहुल गांधी को इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि नेहरू ने माउंटबेटन को पत्र के जरिए 1952 तक फैसले लेने के लिए कहा था। उन्होंने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि स्वतंत्रता सेनानी सावरकर को पेंशन दी जा रही थी, उन्होंने कहा कि यह निर्वाह भत्ता था और यह बहुत कम था, उन्होंने कुछ सरकारी आंकड़े भी प्रस्तुत किए। गांधी, नेहरू आदि को भी इस तरह का भत्ता बड़े पैमाने पर मिल रहा था।
रंजीत सावरकर ने यह भी बताया कि सावरकर द्वारा किया गया कार्य सैन्य भर्ती के संबंध में कितना महत्वपूर्ण था और उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिए गए बयान को भी प्रस्तुत किया कि सावरकर द्वारा किया गया कार्य आजाद हिंद सेना में कितना उपयोगी था।
रंजीत सावरकर ने सबूत के तौर पर राहुल गांधी के आरोपों के संबंध में अपने सभी उत्तरों के दस्तावेजी संदर्भ भी प्रस्तुत किए। उनके द्वारा दिए गए इन संदर्भों में गांधी का औपनिवेशिक सचिव को पत्र, अंडमान में दंड निपटान, जलियानवाला बाग के संबंध में गांधी का बयान, नाभा जेल में जवाहरलाल नेहरू, सावरकर का निर्वाह भत्ता शामिल हैं।
मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने कहा कि वीर सावरकर का अपमान महाराष्ट्र किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। राहुल गांधी ने अनायास वीर सावरकर का मुद्दा उठाया, जबकि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी और नफरत की राजनीति खत्म करना है। राहुल गांधी के वीर सावरकर का मुद्दा उठाने से महाविकास आघाड़ी में फूट पड़ सकती है।
संजय राऊत ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि वीर सावरकर का समर्थन शिवसेना पहले से करती आ रही है। आज जो लोग सिर्फ राजनीति के लिए वीर सावरकर का मुद्दा उठा रहे हैं, पहले उनके एजेंडा में वीर सावरकर थे ही नहीं। वीर सावरकर के समर्थन का मतलब उनके विचारों को आत्मसात करना है। जो लोग वीर सावरकर के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें तत्काल वीर सावरकर को भारत रत्न दे देना चाहिए। इसका कोई विरोध नहीं करेगा।
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था कि वीर सावरकर ने अपनी सजा कम करवाने के लिए अंग्रेजों को पत्र लिखकर माफी मांगी थी। इस बयान से महाराष्ट्र का माहौल राहुल गांधी के विरुद्ध गरमा गया है। राहुल गांधी के विरुद्ध वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने दादर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया है। इस पर आज संजय राऊत ने कहा कि आजकल मामला दर्ज करवाना फैशन बन गया है। लोग प्रसिद्धि पाने के लिए शिकायत दर्ज करवाते हैं, लोगों को वीर सावरकर के विचारों को आत्मसात करना चाहिए।