जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र को मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र सौंपा। राज्यपाल मिश्र ने तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र स्वीकार करते हुए उनसे राज्य में नई सरकार के गठन होने तक कार्य करते रहने का आग्रह किया है। वहीं, राजस्थान के विधानसभा चुनाव में तस्वीर साफ होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ को दिल्ली बुला लिया है। जहां दोनों की पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात होगी। बताया जा रहा है कि राजस्थान में पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली भाजपा से सीएम का चेहरा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे के बाद ही तय किया जाएगा।
भाजपा के चार सांसद जीते, कांग्रेस के सीपी जोशी हारे
राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले रहे। राज्य की 21 हॉट सीट में से 10 से ज्यादा पर बड़ा उलटफेर हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी नाथद्वारा से चुनाव हार गए हैं। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया चुनाव हारे हैं। भाजपा ने सात सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था, उनमें से तीन भागीरथ चौधरी, नरेंद्र खीचड़ और देवजी पटेल को हार का मुंह देखना पड़ा है। राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी, किरोड़ीलाल मीणा और बाबा बालकनाथ ने जीत हासिल कर ली है।
जयपुर की विद्याधर नगर सीट से दीया कुमारी, झोटवाड़ा से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, झालरापाटन से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सरदारपुरा से अशोक गहलोत, टोंक से सचिन पायलट, पोकरण में धर्मगुरु प्रतापपुरी और खींवसर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने जीत दर्ज की है। नागौर में ज्योति मिर्धा हार गईं। अलवर की तिजारा सीट भाजपा प्रत्याशी सांसद बाबा बालकनाथ के कारण चर्चा में आई थी। यहां से कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी रहे इमरान खान को उतारा था। हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण के चलते यह सीट हॉट बनी हुई थी। बालकनाथ यहां से 6173 मतों से जीते हैं। उन्हें 1 लाख 10 हजार 209 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के इमरान खान ने 1 लाख 4 हजार 36 मत हासिल किए।
जैसलमेर जिले की पोकरण सीट से भाजपा के महंत प्रतापपुरी ने कांग्रेस के मंत्री सालेह मोहम्मद को हराया है। यह सीट दो धर्मगुरुओं के चुनाव मैदान में होने से चर्चा में थी। कांग्रेस से कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद से पिछले विधानसभा चुनाव में मिली हार का महंत प्रतापपुरी ने बदला लिया है। प्रतापपुरी ने 35 हजार 427 मतों से जीत हासिल की। उन्हें 1 लाख 12 हजार 925 वोट मिले। कांग्रेस के सालेह मोहम्मद ने 77 हजार 498 वोट हासिल किए। जयपुर की हवामहल सीट पर भाजपा के बालमुकुंद आचार्य 974 मतों से जीते हैं। उन्हें 95 हजार 989 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के आरआर तिवाड़ी को 95 हजार 15 मत हासिल हुए हैं। यह सीट भी हिंदू-मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए जानी जाती है।
भाजपा के राठौड़ चुनाव हारे : चूरू जिले की तारानगर सीट पर भाजपा के उम्मीदवार राजेंद्र राठौड़ 9 हजार 727 वोट से चुनाव हार गए हैं। उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ और कांग्रेस के मौजूदा विधायक नरेंद्र बुडानिया के बीच कड़ी टक्कर रही। राठौड़ ने अपनी परंपरागत चूरू सीट छोड़कर इस सीट से चुनाव लड़ना तय किया था। जाट-राजपूत वोटों के ध्रुवीकरण के कारण इस सीट पर मुकाबला रोमांचक था।
सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ सीट से कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा 18 हजार 970 मतों जीते। उन्होंने सीकर से तीन बार सांसद रहे भाजपा के सुभाष महरिया को हराया। दोनों जाट चेहरे थे और एक-दूसरे को कांटे की टक्कर दे रहे थे। कांग्रेस के दिग्गजों को घेरने की रणनीति के तहत भाजपा ने महरिया को यहां उतारा था। महरिया ने पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे। वे विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे।
चित्तौड़गढ़ सीट पर रोमांचक मुकाबले में भाजपा के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रभान सिंह आक्या ने 6823 मतों से जीत हासिल की है। भाजपा के नरपत सिंह राजवी तीसरे नंबर पर रहे, उन्हें महज 19 हजार 913 मत मिले हैं। वहीं कांग्रेस के जाड़ावत 91 हजार 623 मत हासिल करने के बाद दूसरे नंबर पर रहे। यह सीट हॉट इसलिए मानी जा रही थी, क्योंकि भाजपा ने यहां पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के दामाद एवं विधायक नरपत सिंह राजवी को उतारा था। इससे मौजूदा भाजपा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या नाराज हुए और बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को मौका दिया था।
हनुमान बेनीवाल चुनाव जीते : पश्चिमी राजस्थान की नागौर सीट पर कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा ने अपनी भतीजी पूर्व सांसद ज्याेति मिर्धा को पराजित कर जीत हासिल की। यहां दिग्गज कांग्रेसी मिर्धा परिवार की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को भाजपा ने प्रत्याशी बनाकर उतारा था। कांग्रेस ने इसी परिवार से उनके चाचा हरेंद्र मिर्धा को टिकट देकर मुकाबला रोमांचक बना दिया था। हरेंद्र मिर्धा ने 13 हजार 970 वोटों से ज्योति मिर्धा को हराया। नागौर की खींवसर सीट पर नागौर के सांसद और रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल चुनाव जीत गए हैं। यहां बेनीवाल का मुकाबला कांग्रेस के तेजपाल मिर्धा और आरएलपी से भाजपा में शामिल हुए रेवतराम डांगा से था। यहां त्रिकोणीय मुकाबला था, जो जाट वोट बैंक को भी बांट रहा था।
कोटा उत्तर सीट पर रोमांचक मुकाबले में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने 2486 मतों से भाजपा के प्रह्लाद गुंजल को हराया। धारीवाल ने इस सीट से 94 हजार 899 वोट हासिल किए, वहीं भाजपा के प्रहलाद गुंजल को 92 हजार 413 वोट मिले। सीएम अशोक गहलोत के करीबियों में से एक यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से कांग्रेस आलाकमान 25 सितंबर को विधायकों के सामूहिक इस्तीफा प्रकरण के चलते नाराज था। इसलिए सबसे आखिरी लिस्ट में उन्हें टिकट दी गई। भाजपा ने 2013 में धारीवाल को हराने वाले प्रहलाद गुंजल जैसे मजबूत प्रत्याशी को मौका दिया था। रोमांचक मुकाबले में धारीवाल ने 2486 मतों से गुंजल को हरा दिया।
राजसमंद जिले की नाथद्वारा सीट पर भाजपा के विश्वराज सिंह मेवाड़ ने 7636 मतों से जीत हासिल की। यहां कांग्रेस के दिग्गज सीपी जोशी चुनाव हार गए हैं। एक भी राउंड में जोशी लीड नहीं बना पाए। विश्वराज सिंह को 94 हजार 242 वोट हासिल हुए। वहीं, सीपी जोशी को 86607 वोट मिले। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी को मौजूदा सीट पर ही टिकट दिया तो बीजेपी ने मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ को टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया था।
‘लाल डायरी’ वाले राजेंद्र तीसरे नंबर पर रहे
झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी सीट पर कांग्रेस के भगवानाराम सैनी जीते हैं। लाल डायरी के चलते चर्चा में आए मंत्रिमंडल से बर्खास्त विधायक राजेंद्र गुढ़ा की जीत-हार पर सबकी निगाह टिकी थी। सियासी संकट के दौरान मुख्यमंत्री का साथ देने वालों में से एक गुढ़ा भी थे। बसपा के सभी छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाने में भी गुढ़ा की अहम भूमिका रही थी, लेकिन बाद में कांग्रेस से गुढ़ा की बात बिगड़ गई थी। तब कांग्रेस ने यहां से पूर्व प्रत्याशी भगवानाराम सैनी को, तो भाजपा ने पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी को उतारा था। चौधरी 419 वोटों के अंतर से जीते। भगवानाराम को 67 हजार 183 वोट मिले। शुभकरण को 66 हजार 764 वोट मिले। राजेंद्र गुढ़ा 57 हजार 101 वोट हासिल कर तीसरे नंबर पर रहे।
अजमेर जिले की किशनगढ़ सीट पर कांग्रेस के विकास चौधरी ने 3620 मतों से जीत दर्ज की है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था। कांग्रेस ने भाजपा के टिकट पर पिछला चुनाव हारे विकास चौधरी को मैदान में उतारा था। भाजपा ने यहां अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को टिकट दिया था। मौजूदा विधायक सुरेश टांक ने एक बार फिर निर्दलीय चुनाव लड़ा था।
भाजपा के सतीश पूनिया भी चुनाव हारे
जयपुर की आमेर सीट पर भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और मौजूदा उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया 9092 वोट से हार गए हैं। उनके सामने कांग्रेस उम्मीदवार प्रशांत शर्मा ने 1 लाख 08 हजार 914 मत हासिल किए हैं। पूनिया को 99822 वोट मिले हैं। पूनिया के सामने कांग्रेस से सचिन पायलट के समर्थक प्रशांत शर्मा मैदान में थे। जातिगत समीकरणों के कारण ये सीट उलझी हुई थी और पूनिया हार गए।
दीया कुमारी जीतीं
जयपुर की ही विद्याधर नगर सीट से भाजपा की दीया कुमारी ने 71 हजार 368 रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल की है। यह जीत पूरे राजस्थान में सबसे बड़ी जीत है। दीया ने 1 लाख 58 हजार 516 मत और कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल ने 87 हजार 148 वोट प्राप्त किए हैं। जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य सांसद दीया कुमारी को टिकट मिलने के बाद इस सीट पर काफी बवाल हुआ था, लेकिन भाजपा ने इसे शांत करने में सफलता पाई। दीया पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ा। कांग्रेस ने उनके सामने पूर्व प्रत्याशी रहे सीताराम अग्रवाल को फिर से मौका दिया था।
झुंझुनूं की मंडावा सीट पर भाजपा सांसद और प्रत्याशी नरेंद्र खीचड़ 18 हजार 717 मतों से हार गए हैं। कांग्रेस की रीटा चौधरी ने यहां 98 हजार 747 मत हासिल किए। वहीं नरेंद्र खीचड़ को 80030 वोट मिले हैं। इस सीट पर सांसद की प्रतिष्ठा दांव पर थी।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जीते
जयपुर की झोटवाड़ा सीट पर भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 56 हजार 385 वोट से जीत हासिल की। उन्हें 1 लाख 46 हजार 440 वोट हासिल हुए हैं। वहीं कांग्रेस के अभिषेक चौधरी ने 96 हजार 55 मत हासिल किए। जाट-राजपूत बाहुल्य वाली इस सीट पर दोनों का यह पहला विधानसभा चुनाव था।
जालोर की सांचौर सीट पर भाजपा ने तीन बार से सांसद देवजी पटेल को उतार कर मुकाबले को हॉट बना दिया था। उनका मुकाबला कांग्रेस के मंत्री सुखराम विश्नोई से था। पिछले दो विधानसभा चुनावों में भाजपा हार रही है और विश्नोई लगातार चुनाव जीत रहे थे। यहां से भाजपा के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी जीवाराम चौधरी चुनाव जीत गए। कांग्रेस के सुखराम विश्नोई दूसरे और भाजपा के सांसद देवजी पटेल तीसरे नंबर पर रहे।
गहलोत चुनाव जीते
जोधपुर की सरदारपुरा सीट से अशोक गहलोत ने 26 हजार 396 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्हें 96859 वोट मिले, वहीं उनके सामने भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेंद्र सिंह राठौड़ को 70 हजार 463 वोट मिले हैं। इस सीट से पांचवीं बार विधायक बने गहलोत की हर बार एकतरफा जीत रही है, लेकिन मुख्यमंत्री पद के कारण सभी इस सीट के रिजल्ट पर फोकस करते हैं। इससे पहले गहलोत पांच बार जोधपुर सीट से सांसद रहे हैं। भाजपा ने गहलोत के सामने जोधपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन डॉ. महेंद्र सिंह राठौड़ को उतारा था। राठौड़ का यह पहला विधानसभा चुनाव था।
वसुंधरा अपनी सीट से पांचवीं बार जीतीं
झालावाड़ की झालरापाटन सीट से वसुंधरा राजे ने 53 हजार 193 वोट के बड़े अंतर के साथ कांग्रेस के रामलाल चौहान को हराया। इस सीट पर उनकी लगातार पांचवीं जीत है। वसुंधरा राजे को कुल 1 लाख 38 हजार 831 मत हासिल हुए हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 85 हजार 638 वोट मिले। राजे यहां से लगातार चार बार एकतरफा जीत कर विधायक बनी हैं। इससे पहले राजे झालावाड़ सीट से पांच बार सांसद भी रही हैं। कांग्रेस ने उनके सामने झालावाड़ के पूर्व जिला परिषद सदस्य रामलाल चौहान को उतारा था, जिनका यह पहला विधानसभा चुनाव था।
सचिन पायलट बडे़ अंतर से जीते
इसी तरह अजमेर संभाग की टोंक सीट से सचिन पायलट ने 29 हजार 237 वोट के बड़े मार्जिन से जीत हासिल की। उनके सामने भाजपा प्रत्याशी अजीत सिंह मेहता को 75 हजार 211 वोट मिले। पायलट ने कुल 1 लाख 4 हजार 448 वोट हासिल किए। कांग्रेस के बड़े नेता सचिन पायलट इस सीट से दूसरी बार मैदान में उतरे थे। भाजपा ने इस सीट से पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता को मौका दिया था। पिछली बार पायलट भाजपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री व राजे के नजदीकी यूनुस खान से 54 हजार से अधिक वोटों से जीते थे।
सवाईमाधोपुर सीट से भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ीलाल मीणा 25 हजार 510 वोट से जीत गए। पिछले तीन साल में पेपरलीक सहित कई मुद्दों पर अपने आंदोलनों-प्रदर्शनों के कारण सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने गहलोत सरकार की नाक में दम कर इस सीट को हॉट बना दिया था। इस सीट से भाजपा के किरोड़ी लाल और कांग्रेस के मौजूदा विधायक दानिश अबरार आमने-सामने थे। हिंदू-मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण और निर्दलीय आशा मीणा के खड़े होने से जातीय वोट बैंक में सेंध लगी थी।
भरतपुर संभाग में भाजपा नौ और कांग्रेस पांच सीटों पर विजयी
जयपुर। भरतपुर संभाग की उन्नीस सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर बढत बनाते हुए नौ सीटों पर अपना कब्जा जमाया है। कांग्रेस ने सात, राष्ट्रीय लोकदल, बसपा और निर्दलीय ने सीट पर जीत दर्ज की है। भरतपुर से राष्ट्रीय लोकदल के सुभाष गर्ग और सवाई माधोपुर से भाजपा के डॉ. किरोड़ी लाल चुनाव जीते हैं, जबकि सपोटरा से कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे रमेश मीणा और डीग कुम्हेर से विश्वेंद्र सिंह को हार का सामना करना पड़ा।
भरतपुर जिले में पांच सीटों पर भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल व निर्दलीय को एक एक सीट पर जीत मिली है। डीग-कुम्हेर से भाजपा के शैलेश सिंह 7895 और नदबई से भाजपा के जगत सिंह 15072 मतों और भरतपुर सीट से राष्ट्रीय लोकदल सुभाष गर्ग 5387 मतों से जीते हैं। डीग कुम्हेर से मंत्री विश्वेंद्र सिंह को हार का सामना करना पड़ा। बयाना से भाजपा से बागी और निर्दलीय रितु बनावत 40642 और नगर से भाजपा के जवाहर सिंह बेडम की 1531 मतों से जीत हुई हैं। वहीं कामां से भाजपा की नौक्षम चौधरी 13906 और वैर से भाजपा के बहादुर सिंह कोली की 6972 मतों से जीत हुई हैं।
राजस्थान में सोलहवीं विधानसभा के गठन के लिए संपन्न चुनाव में धौलपुर जिले में कांग्रेस का परचम लहराया है। कांग्रेस ने जिले की चार में से तीन सीटों पर कब्जा जमाया है। कांग्रेस की टिकट पर राजाखेडा से रोहित बौहरा,धौलपुर से शोभारानी कुशवाहा तथा बसेडी से संजय कुमार जाटव ने जीत दर्ज की है। जबकि बाडी सीट बसपा के खाते में गई है। बाडी से बसपा प्रत्याशी जसवंत सिंह गुर्जर ने जीत दर्ज की है। इस चुनाव में धौलपुर जिले से भाजपा का सफाया हो गया है।
धौलपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी शोभारानी कुशवाहा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के रितेष शर्मा को 16 हजार 789 मतों से हराकर जीत दर्ज की है। विजयी कांग्रेस की शोभारानी कुशवाहा को 69 हजार 724 मत मिले,जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी रितेष शर्मा को 52 हजार 935 मत मिले।
जिले की बाडी विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी जसवंत सिंह गुर्जर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के गिर्राज सिंह मलिंगा को 27 हजार 424 मतों के अंतर से पराजित किया। विजयी रहे जसवंत सिंह गुर्जर को एक लाख 6 हजार 60 मत मिले, जबकि पराजित गिर्राज सिंह मलिंगा को 78 हजार 636 मत ही मिले।
धौलपुर जिले की बसेडी विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी संजय कुमार जाटव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी सुखराम कोली को 27 हजार 110 मतों से हरा दिया। विजयी रहे संजय कुमार जाटव को 86 हजार 145 मत मिले। वहीं, सुखराम को 59 हजार 35 मत मिले।
आगरा की सीमा से सटी जिले की राजाखेडा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के रोहित बौहरा ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार नीरजा शर्मा को 15 हजार 557 मतों से पराजित किया। विजयी रोहित बौहरा को 89 हजार 120 मत मिले,जबकि पराजित नीरजा शर्मा को 73 हजार 563 मत ही मिल सके।
करौली जिले में चार सीटों में से दो कांग्रेस और दो सीट भाजपा को मिली है। करौली से भाजपा के दर्शन सिंह 2183, टोडाभीम से कांग्रेस के घनश्याम महर 28,861, हिंडौन से कांग्रेस की अनीता जाटव 38,276 वोट से और सपोटरा से भाजपा के हंसराज मीणा 43 हजार 834 वोट से जीते हैं। हंसराज मीणा ने कांग्रेस सरकार में मंत्री रमेश मीणा को हराया है। गंगापुर से कांग्रेस के रामकेश मीणा 19 हजार वोटों से चुनाव जीते है। बामनवास से कांग्रेस की इंदिरा मीणा करीब 8 हजार वोटों से चुनाव जीती है।