वाशिंगटन। अमेरिका के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया में यूनाइटेड स्टेट डिस्ट्रिक्ट की एक अदालत ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के आरोपित और पाकिस्तान मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी। अब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा उसे भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रमाणपत्र जारी करने का रास्ता साफ हो गया है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक न्यायाधीश डेल एस फिशर ने 10 अगस्त को तहव्वुर राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज करने का आदेश जारी किया। उधर, राणा ने इस आदेश के खिलाफ नाइंथ सर्किट कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें सुनवाई होने तक उसके भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाए जाने का अनुरोध किया गया है। राणा ने जून में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी, जिसमें उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने के अमेरिकी सरकार के अनुरोध को स्वीकार किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में एनआईए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में किए गए हमलों में राणा की भूमिका की जांच कर रही है। इन हमलों के दौरान अजमल कसाब नामक आतंकवादी जिंदा पकड़ा गया था। उसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई। बाकी आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने हमलों के दौरान ढेर कर दिया था। मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकी नागरिक सहित कुल 166 लोगों की जान गई थी।
US COURT
न्यूयॉर्क। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली स्तंभकार पर जवाबी मुकदमा दायर कर दिया है। ट्रंप ने अपने मुकदमे में दावा किया कि शिकायकर्ता पर उनके पैसे बकाया है वह उन्हें बदनाम करने के लिए उनपर झूठा बलात्कार का आरोप लगाया है।
अमेरिका में मैनहटन फैडरल ज्यूरी ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को वर्ष 1996 में स्तंभकार ई. जीन कैरल का यौन उत्पीड़न और उनकी मानहानि करने का दोषी पाया था। अदालत ने ट्रंप पर 50 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया था। हालांकि, अदालत ने कहा था कि कैरल यह साबित करने में विफल रहीं कि ट्रंप ने उनके साथ बलात्कार किया था।
कैरल ने आरोप लगाया था कि पूर्व राष्ट्रपति ने मैनहटन के एक डिपार्टमेंटल स्टोर में उनसे दुष्कर्म किया था। ट्रंप का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अलीना हब्बा और माइकल टी. मदाइओ ने मंगलवार देर रात मुकदमा दाखिल कर कहा कि कैरोल को ट्रंप को दंडात्मक क्षतिपूर्ति का भुगतान करना चाहिए और अपने मानहानिकारक बयानों को वापस लेना चाहिए।
गौरतलब है कि ट्रंप ने अलग-अलग महिलाओं द्वारा खुद पर लगाए गए यौन उत्पीड़न और यौन दुर्व्यवहार के आरोपों को लगातार खारिज किया है। उनका दावा है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और उनकी छवि खराब करने की साजिश है, ताकि वह व्हाइट हाउस की दौड़ में न शामिल हो पाएं।