भोपाल। रतलाम से भाजपा विधायक और हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कैबिनेट में मंत्री बने चेतन कश्यप ने पिछले दिनों विधानसभा में अपना वेतन त्यागने का ऐलान किया था। उनके इस फैसले की हर किसी ने सराहना भी की। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री ने मंत्री चेतन कश्यप के फैसले पर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि चेतन कश्यप सरकार को वेतन वापिस करने के बजाय वह राशि अभावग्रस्त लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर कहा कि हाल ही में मंत्री बने तथा रतलाम के एक संपन्न जैन व्यवसायी चेतन कश्यप ने अपनी संपत्ति 296 करोड़ घोषित की है। अभी कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के अखबारों में उनकी तारीफ़ लिखी थी कि वो अपना विधायक का वेतन नहीं लेते, जो कि साल भर का क़रीब 12 लाख होता है। 296 करोड़ वाला व्यक्ति अगर सरकार के 12 लाख छोड़ देता है तो इसमें कौनसी बड़ी बात है।
उमा भारती ने कहा कि चेतन कश्यप सरकार को वेतन वापस करने के बजाय वह राशि अभावग्रस्त लड़कियाँ की शिक्षा पर खर्च करें। हमें यह याद रखना पड़ेगा कि सभी विधायक बड़े व्यवसायी नहीं होते और न वो राजनीति से अपना व्यवसाय बढ़ाते हैं। एक बार सांसद वरुण गाँधी ने कहा था कि सांसदों को वेतन एवं पेंशन नहीं लेना चाहिए। वरुण गाँधी ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि वह हज़ारों करोड़ों की पैतृक संपत्ति के मालिक हैं। अपना सर्वस्व त्यागकर राजनीति के माध्यम से जनसेवा करने वाले जनप्रतिनिधियों को हर तरह की सहूलियत सरकार से मिलनी चाहिए।
उमा भारती ने कहा कि अगर विधायकों और सांसदों को ईमानदारी की राह पर चलना आसान बनाना है तो चेतन कश्यप जैसे पूँजीपति विधायकों को छोड़कर सभी विधायकों की वेतन एवं अन्य भत्ते आज की सभी परिस्थितियों को देखकर मिलना चाहिए।