नयी दिल्ली । देश में अगस्त 2022 में निर्यात के मुकाबले आयात के अधिक रहने से वाणिज्यिक वस्तुओं का व्यापार घाटा 139 प्रतिशत बढ़कर 27.98 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात में वार्षिक आधार पर 1.62 प्रतिशत की हल्की बढ़त दर्ज की गयी। अगस्त 2022 में निर्यात 33.92 अरब डॉलर रहा जो इससे एक वर्ष पूर्व 33.38 अरब डॉलर था। आलोच्य माह में 61.90 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात हुआ जो वार्षिक आधार पर 37 प्रतिशत अधिक है।
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2022 में पिछले वर्ष के मुकाबले निर्यात में सबसे अधिक तंबाकू में 76.4 प्रतिशत, खाद्य तेल में 73.7, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में 50.8 और चावल में 43.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्नाभूषण का निर्यात इस दौरान 1.64 प्रतिशत गिरकर 24.88 अरब डॉलर रहा। यह अगस्त 2021 में 25.29 अरब डॉलर था। गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्नाभूषण का आयात अगस्त 2022 में 37.53 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो इससे एक वर्ष पूर्व हुए 26.69 अरब डॉलर के आयात से 40.63 प्रतिशत अधिक है।
चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-अगस्त अवधि में वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात 17.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 193.51 अरब डॉलर रहा जो अप्रैल-अगस्त 2021 में 164.44 अरब डॉलर था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अगस्त 2022 में 318.03 अरब डॉलर की वाणिज्यिक वस्तुओं का आयात हुआ जो इससे एक वर्ष पूर्व समान अवधि में हुए 218.22 अरब डॉलर के आयात से 45.74 प्रतिशत अधिक है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, अप्रैल-अगस्त 2022 में वाणिज्यिक वस्तुओं के व्यापार घाटे का 124.52 अरब डॉलर रहने का अनुमान है जो अप्रैल-अगस्त 2021 में 124.52 अरब डॉलर था। इसमें 131.52 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है।
भारत का अगस्त 2022 में कुल निर्यात (वाणिज्यिक वस्तुओं और सेवा समेत) का 57.47 अरब डॉलर रहने का अनुमान है जो एक वर्ष पूर्व समान माह की तुलना में 6.75 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह कुल आयात आलोच्य माह में अनुमानित 75.84 अरब डॉलर दर्ज किया गया। यह वार्षिक आधार पर 33.15 प्रतिशत अधिक है।
देश का अप्रैल-अगस्त 2022 में कुल निर्यात सालाना आधार पर 19.72 प्रतिशत बढ़कर अनुमानित 311.82 अरब डॉलर होने का अनुमान है। इस अवधि में कुल आयात का 390.91 अरब डॉलर रहने का अनुमान है जो बढ़ोतरी के दृश्य से 43.78 प्रतिशत अधिक है।
trade deficit
नयी दिल्ली । भारत से व्यापारिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त 2022 में 33 अरब डॉलर के साथ लगभग एक वर्ष पहले के स्तर पर ही रहा लेकिन व्यापार-घाटा (आयात का आधिक्य) बढ़कर 28.68 अरब डॉलर हो गया।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2022 में वाणिज्यक निर्यात 33.0 अरब डालर रहा जबकि अगस्त 2021 में लगभग 33.38 अरब डालर का निर्यात हुआ था। अगस्त 2022 में वाणिज्यिक आयात 61.68 अरब डॉलर था, जो अगस्त 2021 में 45.09 अरब डॉलर से 36.78 फीसदी अधिक है।
अगस्त में कुल मिला कर निर्यात के फीके प्रदर्शन के बावजूद इलेक्ट्रानिक सामान, चवल और रसायनों के निर्यात में वृद्धि जोरदार रही।
विकसित देशों के बाजारों में नरमी, यूरोप में भू-राजनीतिक संघर्ष से आपूर्ति श्रृंखला में अड़चन तथा भारत द्वारा मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए कुछ जिंसों के निर्यात को हतोत्साहित करने जैसे उपायों से देश का निर्यात प्रभावित हुआ है। इसके विपरीत भारतीय अर्थव्यस्था की मजबूती और आर्थिक वृद्धि में तेजी रहने से आयात की मांग बढ़ रही है।
प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2022 में गैर-पेट्रोलियम निर्यात 28.09 अरब डॉलर था, जो अगस्त 2021 के 28.73 अरब डॉलर के गैर-पेट्रोलियम निर्यात की तुलना में 2.22 प्रतिशत की हल्की गिरावट दर्शाता है।
इस बार अगगस्त में गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न और आभूषण निर्यात का 24.8 अरब डालर मूल्य का रहा पिछले वर्ष अगस्त के 25.29 अरब डाल की तुलना में 1.96 प्रतिशत कम है।
अगस्त 2022 के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान (50.68फीसदी ), चावल (42.32फीसदी ), जैविक और अकार्बनिक रसायनों (13.35फीसदी ) के निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई।
अगस्त 2022 में गैर-पेट्रोलियम आयात 44.07 अरब डालर के बराबर रहा जो अगस्त 2021 में 35.65 अरब डालर था। इस तरह गैर-पेट्रोलियम आयात में सालाना आधार पर 23.63 प्रतिशत की वृद्धि रही। गैर-तेल, गैर-रत्न आभूषण आयात का मूल्य अगस्त 2021 के 26.69 अरब डॉलर की तुलना में 40.37 प्रतिशत बढ कर अगस्त 2022 में 37.46 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, आयात में वृद्धि भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि और भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी मजबूती के कारण घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूत मांग को दर्शाती है।।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार अगस्त 2022 में कोयला, कोक और ब्रिकेट्स, आदि वर्ग की वस्तुओं के आयात में 133.64 प्रतिशत, पेट्रोलियम, कच्चे और उत्पादों 86.44 प्रतिशत , कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन में 42.73 प्रतिशत तथा वनस्पति तेल में 41.55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी।