पाली। राजस्थान के पाली जिले में सूर्यनगरी एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरने की घटना के बाद रेलवे ने देशभर में बिछाई गई इस तरह की 1900 किलोमीटर की पटरियां बदलने का निर्णय किया है। हादसे वाली जगह का मुआयना करने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की है।
रेल मंत्री वैष्णव सोमवार शाम पाली पहुंचे। उन्होंने कहा कि ट्रैक निर्माण में कमी रही हैं। इसलिए पटरियां अब चेंज करेंगे ताकि पाली जैसा हादसा फिर कभी न हो। ट्रैक रिकॉर्ड समय में ठीक कर दिया गया है। मंगलवार सुबह से दोबारा गाड़ियां इस ट्रैक पर चलने लगी। पटरी में टेक्निकल डिफेक्ट था। रेल मंत्री खुद पटरी पर उतरे और क्षतिग्रस्त ट्रैक को चेक किया। भविष्य में इस तरह का हादसा न हो, इसके लिए दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि पटरी में एक टेक्निकल डिफेक्ट है। इसे रात में पूरी तरह ठीक कर दिया गया है। सुबह से इस ट्रैक पर दोबारा गाड़ियों का संचालन आरंभ हो गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि फैक्ट्री में रेलवे ट्रैक निर्माण के दौरान कुछ कमी रही है। इसलिए, देशभर में उस स्लॉट में बना 1900 किमी ट्रैक बदला जाएगा। इसको लेकर आदेश दे दिए हैं। ताकि, कहीं दूसरी जगह इस तरह का हादसा न हो।
रेलवे के सीपीआरओ शशि किरण ने बताया कि रेल मार्ग को रात 10:05 बजे दुरुस्त कर दिया गया है और लाइट इंजन नंबर 12839 चलाकर ट्रैक का ट्रायल भी कर लिया गया है। इसके बाद प्रथम मालगाड़ी संख्या IOTS/NELM BTPNE LOCO – 12208 को बोमादड़ा से 11:15 बजे रवाना कर घटनास्थल से गुजारते हुए 11:45 बजे राजकियावास पहुंचाया है। इस रेलखंड को 11:49 बजे क्लीयर दे दिया गया है।
गाड़ी संख्या 12480 बांद्रा टर्मिनस-जोधपुर सूर्यनगरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे राजकियावास-बोमादडा रेलखंड के मध्य रेल पटरी से उतर गए थे। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार दो जनवरी को अलसुबह 3.27 बजे ट्रेन के पटरी से उतरने की सूचना मिलते ही रेलवे द्वारा त्वरित कार्यवाही कर रेलकर्मियों के साथ स्थानीय लोगों की सहायता से बचाव कार्य प्रारम्भ किया गया। इस दुर्घटना में किसी भी प्रकार की कैजुअल्टी नहीं हुई। 26 यात्रियों को चोट आने के कारण पाली स्थित बांगड़ अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिये ले जाया गया। जोधपुर एवं आबूरोड से दुर्घटना राहत गाड़ी रवाना की गई एवं मण्डल रेल प्रबंधक-जोधपुर सहित अधिकारी मौके पर पहुंचे। जयपुर से महाप्रबंधक विजय शर्मा सहित अन्य उच्च अधिकारी स्थिति की समीक्षा कर दुर्घटनास्थल के लिये निकले तथा रेलमंत्री को लगातार घटनाक्रम की जानकारी दी।
बांद्रा टर्मिनस-जोधपुर सूर्यनगरी एक्सप्रेस रेलसेवा में कुल 1135 यात्री यात्रा कर रहे थे। इस रेलसेवा के दुर्घटनाग्रस्त होने के पश्चात् 725 यात्रियों को इसी गाड़ी के अगले 9 डिब्बों में, 185 यात्रियों को सरकारी बसों तथा शेष यात्रियों को निजी साधनों से गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया। यात्रियों के लिये पाली मारवाड़ और जोधपुर स्टेशनों पर जलपान की व्यवस्था की गई तथा जोधपुर व पाली मारवाड स्टेशनों पर हेल्पलाइन नम्बर जारी किये गये। हादसे के कारण पाली मारवाड़-मारवाड जं. रेलमार्ग अवरूद्ध हो जाने से इस मार्ग से गुजरने वाली नियमित रेलसेवाओं का संचालन प्रभावित रहा, जिसमें 14 रेलसेवाओं का मार्ग परिवर्तन, 1 रेलसेवा आंशिक रद्द व 6 रेलसेवाओं को रद्द किया गया।
रेलमंत्री ने घायल यात्रियों को राहत पहुंचाने के लिये 16 यात्रियों को 25-25 हजार रूपये तथा 1 गंभीर रूप से घायल यात्री को 1 लाख रूपये देने की घोषणा की तथा रेलवे प्रशासन ने अस्पताल में ही घायलों को यह राशि प्रदान की। रेलमंत्री ने घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ चेयरमैन तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी-रेलवे बोर्ड अनिल कुमार लाहौटी, महानिदेशक (संरक्षा)-रेलवे बोर्ड ब्रज मोहन अग्रवाल, महाप्रबंधक विजय शर्मा, डीआरएम गीतिका पाण्डे सहित कई अधिकारी थे। रेलमंत्री ने दुर्घटना की जांच के लिये रेल संरक्षा आयुक्त को जांच के आदेश दिये है। उन्होंने बताया कि एक यात्री को छोडकर अन्य यात्री उपचार के पश्चात् सकुशल अपने घर को चले गये है।
पाली शहर से 20 किलोमीटर दूर सोमवार सुबह साढ़े तीन बजे सूर्य नगरी एक्सप्रेस के 3 कोच पलट गए थे। हादसे में 11 कोच पटरी से उतर गए और 26 लोग घायल हो गए थे। हादसे की सूचना मिलते ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सुबह 4 बजे से बचाव कार्य की मॉनिटरिंग करते रहे। हादसे के तुरंत बाद उन्होंने रेलवे अधिकारियों और पाली सांसद पीपी चौधरी से फोन पर बात की। शाम होते-होते खुद मौके पर पहुंच गए। मुंबई सेंट्रल रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर मनोज अरोड़ा ट्रेन एक्सीडेंट की जांच के लिए तीन जनवरी को पाली पंहुचेंगे। उसी दिन घटनास्थल का दौरा करेंगे। इसके बाद 4 और 5 जनवरी को जोधपुर मंडल मुख्यालय में डिटेल इन्वेस्टिगेशन करेंगे।
Tracks
जयपुर। पैलेस ऑन व्हील्स यानी पहियों पर महल। इस राजसी ट्रेन में वो तमाम सुविधाएं हैं, जो किसी फाइव स्टार होटल में होती हैं…लग्जरी सुइट, जिम, स्पा, बार…। इसी कारण पैलेस ऑन व्हील्स को दुनिया की दूसरी सबसे लग्जरी ट्रेन का खिताब हासिल है। कोरोनाकाल के दौरान दो साल तक ट्रेन के सफर पर ब्रेक लग गया था। अब 12 अक्टूबर से दोबारा दिल्ली से इसकी शुरुआत हो चुकी है। यह ट्रेन बुधवार रात जयपुर पहुंची। पैलेस ऑन व्हील्स अपने पहले शाही सफर में 38 पैसेंजर लेकर जयपुर पहुंची हैं। पैलेस ऑन व्हील्स 1982 से लगातार चल रही थी। 2020 में कोविड के कारण इस ट्रेन को बंद कर दिया गया था। पूरे विश्व में 10 लग्जरी ट्रेनों में नौ अभी तक कोविड के बाद से नहीं चल पाई है।
रेड वेलवेट वाले सोफे और उन पर रियासतकालीन नक्काशियां, महीन कारीगरी वाला काॅरपेट और कोच में एंट्री से ही किसी महल में पहुंचने का अहसास इस सफर का एक अनूठा अंदाज हैं। हर कोच को शाही अंदाज में तैयार किया गया है। सैलानियों की खातिरदारी भी शाही अंदाज में हो रही है।
इस ट्रेन की सबसे खास बात है इसके स्पेशल लग्जरी सुईट। पूरे सफर में इन सुइट का किराया सबसे महंगा है। स्पेशल लॉन्ज के साथ इसे खास तौर पर कपल्स के लिए तैयार किया गया है। पैलेस ऑन व्हील्स में 22 कोच हैं। इनमें से 14 कोच को लग्जरी रूम की तरह तैयार किया गया है। इसके अलावा बाकी कोच में किचन, दो रेस्टोरेंट, एक बार, एक स्पा-हेल्थ क्लब है। वहीं, दो कोच टेक्निकल और अन्य स्टाफ के लिए तैयार किए गए हैं। इसमें पैसेंजर की खातिरदारी के लिए 49 लोगों का स्टाफ तैनात है।
ब्रिटेन में चलने वाली ओरिएंट एक्सप्रेस को सबसे लग्जरी ट्रेन माना जाता है। इसके बाद राजस्थान में पटरियों पर देसी-विदेशी सैलानियों को किले, महल, हवेलियों और ऐतिहासिक स्थानों के दर्शन कराने वाली पैलेस ऑन व्हील्स को दुनिया की दूसरी सबसे लग्जरी ट्रेन माना जाता है। बीते दो साल में इस ट्रेन में काफी बदलाव किया गया है। इसमें हर सैलून में डीलक्स कैटेगरी के तीन केबिन तैयार किए गए हैं। इन केबिन्स को अलग-अलग रियासतों का नाम दिया गया है। यहां दो पलंग, वार्डरोब, टेबल-चेयर के साथ बाथरूम है, जिसमें सभी आधुनिक और लग्जरी सुविधाएं मौजूद हैं। छत पर पत्थर का खूबसूरत झूमर है। कुर्सी, टेबल, पर्दे और यहां तक कि पलंग पर बिछाई जाने वाली बेडशीट को भी रॉयल टच दिया गया है। ट्रेन की लॉबी में खिड़कियों के सामने बैठकर किताब या मैगजीन पढ़ने का आनंद लिया जा सकता हैं। महाराजा रेस्टोरेंट स्काई ब्लू और वाइट थीम पर दुल्हन की तरह सजाया गया है।
आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ का कहना है कि दुनियाभर में 10 लग्जरी ट्रेन का संचालन किया जाता है, लेकिन कोरोनाकाल के बाद सिर्फ पैलेस ऑन व्हील ही ऐसी पहली ट्रेन है, जिसका संचालन दोबारा शुरू हुआ है। यात्रियों के सफर को शानदार बनाने के लिए हमने एक करोड़ रुपए से ज्यादा का रिनोवेशन करवाया है। पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन के मैनेजर प्रदीप बोहरा का कहना है कि ट्रेन का इंटीरियर पूरी तरह से बदल दिया गया है। पर्दे से लेकर काॅरपेट तक सब कुछ नया है। सफर के दौरान राजस्थानी लोक कलाकारों के साथ ही बैगपाइपर और स्पेशल बैंड द्वारा खास मेहमानों का स्वागत किया जा रहा है। ट्रेन में पैसेंजर्स के लिए जिम की भी व्यवस्था की है।
पैलेस ऑन व्हील्स के संचालन को करीब 40 साल हो चुके हैं। इतने सालों में 70 हजार से ज्यादा लोग इसमें सफर कर चुके हैं। सबसे ज्यादा मेहमान यूके, यूएस, यूएई समेत जर्मनी, फ्रांस, पेरिस, रूस और अमेरिका से आते हैं। साल में चार महीने के लिए इस ट्रेन की बुकिंग बंद होती है, क्योंकि आठ महीने के सफर के बाद हर साल चार महीने ट्रेन की सजावट की जाती है। हर साल इसके प्रॉफिट का 20 प्रतिशत हिस्सा इसकी सजावट समेत अन्य लग्जरी सुविधाओं पर खर्च किया जाता है।
प्रथम शाही रेल वर्ष 1982 में प्रारंभ हुई थी। रेलवे द्वारा समय-समय पर रेल की गेज परिवर्तन के फलस्वरूप मीटर गेज से ब्रॉड गेज ट्रेन वर्ष 1991 में दूसरी और 1995 में तीसरी शाही रेल का निर्माण किया गया। शाही रेलगाड़ी का सात दिवस का दिल्ली व आगरा के अलावा राजस्थान के खूबसूरत शहरों जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर तथा भरतपुर का सफर देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है।