कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी का नाम लिए बगैर उन्हें भी शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में संलिप्त करार दिया है। मालदा के गाजोल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार में और भी कई लोग शामिल हैं जिन्होंने पुरुलिया के बेरोजगार लोगों की नौकरी अपने जेब में डाल ली।
तृणमूल में रहने के दौरान शुभेंदु अधिकारी मालदा और पार्टी के प्रभारी थे। ममता ने कहा कि कई डकैत और गद्दार ने मेरी पार्टी को छोड़ दिया है। उन लोगों ने ही ऐसा किया था।
उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि मैं न्यायालय से अनुरोध करूंगी कि इस मामले को भी देखें। नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले पर पहली बार खुलकर अपना रुख स्पष्ट करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि नियुक्ति मामले को लेकर मैंने कभी कुछ नहीं कहा है। कानून के मुताबिक फैसला होगा। सामूहिक तौर पर किसी किसी को लग सकता है कि बहुत सारी गलतियां हुई हैं लेकिन जिन्होंने गलतियां की हैंं, वह अपनी जिम्मेवारी लेंगे।
केंद्र सरकार पर बोला तीखा हमला
इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। आवास योजना समेत मिड-डे-मील और अन्य योजनाओं में धांधली की जांच के लिए बार-बार आ रही केंद्रीय टीम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जहां उनका (भाजपा) शासन है, वहां भ्रष्टाचार चरम पर है लेकिन वहां कोई जांच नहीं होती। बंगाल से नफरत करते हैं, क्योंकि राजनीतिक तौर पर मेरे सामने टिक नहीं सकते, इसलिए यहां के मजदूरों का 100 दिनों के रोजगार का पैसा रोक रहे हैं। हमें डराने की कोशिश करते हैं लेकिन कोई लाभ होने वाला नहीं। मैं लोगों के लिए लड़ती रहूंगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दो दिनों के जिला सफर पर गई हैं। आज दौरे के आखिरी दिन मालदा में उनकी सभा थी।
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