ताइपे । चीन और ताइवान के बीच फिर तनाव बढ़ गया है। ताइवान ने सोमवार को दावा किया है कि पिछले 24 घंटे के भीतर चीन के 103 लड़ाकू विमानों ने उसकी तरफ उड़ान भरी। चीन की इस हरकत से इलाके में तनाव काफी बढ़ रहा है।
ताइवान रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सोमवार सुबह तक 24 घंटे की अवधि में 103 चीनी लड़ाकू विमानों के द्वीप की तरफ उड़ान भरने का पता लगाया गया। हाल के वर्षों में चीन द्वारा ताइवान की तरफ भेजे जाने वाले लड़ाकू विमानों की यह सबसे बड़ी संख्या है। मंत्रालय के मुताबिक, ताइवान की तरफ उड़ान भरने वाले चीनी विमान पहले की तरह ताइवान पहुंचने से पहले वापस हो गए।
गौरतलब है कि ताइवान एक स्वशासित द्वीप है जिसपर चीन दावा करता है। चीन ने ताइवान के आसपास हवा और पानी में बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास किए हैं।
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मनीला/ताइपे/ क्वालालंपुर । मनमाने ढंग से नया नक्शा जारी कर भारत, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान के क्षेत्रों पर दावा करने वाले चीन को हर ओर से सुननी पड़ रही है। भारत के बाद अब फिलीपींस, ताइवान और मलेशिया ने भी चीन के नए नक्शे को मान्यता देने से साफ इनकार कर दिया है। साथ ही चीन को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की सलाह भी दी है।
चीन ने बीती 28 अगस्त को नया नक्शा जारी कर भारत के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को चीन की सीमाओं के भीतर दिखाया है। चीन ने प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की ओर से जारी नए नक्शे में अपनी पश्चिमी सीमाओं पर क्षेत्रीय दावे करने के साथ ही पूरे दक्षिण चीन सागर को कवर करने वाली तथाकथित ‘नाइन-डैश लाइन’ को अपने मानचित्र पर दिखाया है। एक ‘दसवां डैश’ ताइवान के पूर्व में रखा गया है, जो द्वीप पर बीजिंग के दावों को रेखांकित करता है। इसके अलावा मलेशिया के समुद्री क्षेत्र और फिलीपींस के कई क्षेत्रों को भी चीन ने अपने नक्शे में शामिल कर उन पर दावा किया है।
भारत ने चीन की ओर से जारी तथाकथित नक्शे पर कड़ा विरोध व्यक्त करते हुए राजनयिक माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। भारत ने चीन के दावों को खारिज कर उन्हें निराधार बताया था। साथ ही कहा था कि चीन की ओर से इस तरह के कदम केवल सीमा मसले के समाधान को जटिल बनाएंगे। अब फिलीपींस, ताइवान और मलेशिया की ओर से भी विरोध के स्वर उठे हैं। फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने चीन के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन और फिलीपीन्स की संप्रभुता पर हमला करार दिया है। फिलीपींस ने चीन को अंतरराष्ट्रीय मर्यादाओं में रहने की सीख भी दी है।
मलेशिया ने भी अपने समुद्री क्षेत्र पर चीन के एकतरफा दावे को खारिज कर दिया है। मलेशिया की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन के नक्शे का मलेशिया पर कोई बाध्यकारी प्रभाव नहीं है। मलेशिया 1979 के मानचित्र के आधार पर मलेशिया की समुद्री विशेषताओं या समुद्री क्षेत्र पर संप्रभुता, संप्रभु अधिकारों और अधिकार क्षेत्र के किसी भी विदेशी पक्ष के दावों को खारिज करने की अपनी स्थिति पर कायम है।
ताइवान के विदेश मंत्रालय की ओर बयान जारी कर कहा गया कि ताइवान एक संप्रभु और स्वतंत्र देश है। चीन ने कभी भी ताइवान पर शासन नहीं किया है। यह एक तथ्य और यथास्थिति है जिसे आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता प्राप्त है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चीनी सरकार ताइवान की संप्रभुता के अपने दावे को कैसे विकृत करती है, यह हमारे देश के अस्तित्व के उद्देश्यपूर्ण तथ्य को नहीं बदल सकती है।
बीजिंग। ताइवान सीमा पर गश्त कर रही चीन की एक परमाणु पनडुब्बी पश्चिमी प्रशांत महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पनडुब्बी में सवार किसी भी व्यक्ति के बचने की उम्मीद नहीं है। बताया जा रहा है कि पनडुब्बी में सवार सात प्रशिक्षुओं सहित कई सैन्य अधिकारियों की जान चली गयी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन की सैन्य टुकड़ी इस समय ताइवान के आसपास गश्त कर रही है। ताइवान के उपराष्ट्रपति की अमेरिका यात्रा के बाद से चीन ने अमेरिका व ताइवान पर दबाव बनाने के लिए जल व वायु सेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया है। इसी के तहत सात सैन्य प्रशिक्षुओं और कई अधिकारियों के साथ परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बी भी ताइवान सीमा पर मौजूद थी। पश्चिमी प्रशांत महासागर के येलो सी क्षेत्र में यह पनडुब्बी गश्त कर रही थी, तभी दुर्घटना का शिकार हो गयी। बताया गया कि दुर्घटना इतनी भीषण थी कि पनडुब्बी में सवार किसी भी व्यक्ति के बचने की उम्मीद नहीं है। पनडुब्बी में चीन की सेना के सात प्रशिक्षु भी सवार थे। इन प्रशिक्षुओं सहित कई सैन्य अधिकारियों की मृत्यु का अंदेशा जताया गया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना आयोग के संयुक्त ऑपरेशन कमांड सेंटर से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है।
मॉस्को । ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन तकरार थम नहीं रही है। हाल ही में ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई के अमेरिकी दौरे से नाराज चीन भड़क गया है। चीन के रक्षा मंत्री ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि ताइवान के मसले पर अमेरिका आग से खेल रहा है।
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर मॉस्को कॉन्फ्रेंस में चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने कहा कि ताइवान का इस्तेमाल करके चीन को काबू करने की कोई भी कोशिश विफल होगी। ताइवान का चीन की मुख्य भूमि से मिलना अपरिहार्य है और इसे टाला नहीं जा सकता। ताइवान चीन का आंतरिक मामला है और इसमें कोई भी बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं है। चीनी रक्षा मंत्री ने कहा कि ताइवान को लेकर आग से खेलना और ताइवान की मदद से चीन को काबू करने की कोई भी कोशिश हर हाल में असफल होगी।
यूक्रेन युद्ध के बीच मॉस्को में दिए गए चीनी रक्षा मंत्री के इस बयान के बड़े मतलब निकाले जा रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी चीन का समर्थन किया है और अमेरिका पर वैश्विक संघर्षों को भड़काने का आरोप लगाया। पुतिन ने अमेरिका पर यूक्रेन की मदद का भी आरोप लगाया। दरअसल बीते दिनों ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई के अमेरिका दौरे से तनाव बढ़ा है। लाई ताइवान के राष्ट्रपति बनने की दौड़ में भी प्रमुख उम्मीदवार माने जा रहे हैं। विलियम लाई ने हाल ही में पराग्वे का दौरा किया और पराग्वे जाते हुए वह अमेरिका में रुके। जिसे लेकर चीन नाराज है। चीन ने विलियम लाई को लेकर कहा है कि वह बार-बार परेशानी खड़ी करते हैं। हाल के समय में कई बार ताइवान के मुद्दे पर चीन और अमेरिका में तनातनी बढ़ी है।
ताइपे । ताइवान को लेकर चीन का जबर्दस्ती वाला रुख एक बार फिर सामने आया है। दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बीच चीन ने ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में घुसपैठ की है। छह घंटे के भीतर चीन के तीस से ज्यादा लड़ाकू विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया है।
चीन और ताइवान के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चीन का दावा है कि स्वशासित ताइवान उसका इलाका है और जरूरत पड़ने पर चीन वहां एक दिन में काबिज हो जाएगा। चीनी सेना की घुसपैठ भी तेजी से बढ़ रही है। चीन ने ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र के तौर पर चिह्नित इलाके में घुसपैठ तेज की है, जो पिछले कुछ वर्षों की तुलना में दोगुनी से अधिक हो चुकी है। गुरुवार को चीन ने एक साथ कई बार ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में घुसपैठ की। ताइवान के रक्षा मंत्री चिउ कुओ चेंग ने बताया कि छह घंटे के भीतर ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में 37 चीनी लड़ाकू विमानों ने प्रवेश किया है।
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के प्रवक्ता सन ली फांग ने गुरुवार को बताया कि स्थानीय समय के हिसाब से सुबह पांच बजे से 11 बजे के बीच चीन के 37 सैन्य विमान ताइवान के दक्षिण पश्चिमी सीमा में प्रवेश कर गए थे। उनमें से कुछ लंबी दूरी के टोही प्रशिक्षण के लिए पश्चिमी प्रशांत की ओर बढ़ गए और वहीं रहे। इससे पहले नौ अप्रैल को करीब 45 चीनी लड़ाकू विमानों ने ताइवानी क्षेत्र में प्रवेश किया था, किन्तु गुरुवार को हुई घुसपैठ बहुत जल्दी-जल्दी हुई। ताइवान की सेना इस पर पैनी निगाह बनाए हुए है। इसके जवाब में गश्ती विमान, नौसैनिक जहाज और भूमि आधारित मिसाइल प्रणालियों को भेजा गया है।
ताइपे/बीजिंग । ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है । ताइवान के समीप चीन के जबर्दस्त युद्धाभ्यास के बीच अमेरिकी युद्धपोत मिलियस ताइवान जलडमरूमध्य पहुंच गया है। इसे लेकर चीन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन लगातार आमने-सामने आ रहे हैं। हाल ही में चीन ने ताइवान की सीमा पर जोरदार युद्धाभ्यास शुरू किया था। तब ताइवान के साथ अमेरिका ने भी चीन की आलोचना की थी। अब चीन के युद्धाभ्यास के बीच में ही अमेरिका ने भी अपने युद्धपोत ‘मिलियस’ को ताइवान जलडमरूमध्य में भेज दिया है। चीन का कहना है कि ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से अमेरिकी युद्धपोत को ट्रैक किया गया है। ये युद्धपोत उस समय ताइवान जलडमरूमध्य में पहुंचा है, जब चीन ने स्व-शासित ताइवान को घेरकर रखा हुआ है। चीन ने इस मामले में हाई अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि अगर ताइवान के क्षेत्र में अमेरिका आता है तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
इस मसले पर अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े का कहना है कि अमेरिकी युद्धपोत का ताइवान जलडमरूमध्य पहुंचना सामान्य प्रक्रिया है। यह नियमित अभियान का हिस्सा है। ये युद्धपोत जलडमरूमध्य में एक गलियारे से होकर गुजरा है, जो किसी भी तटीय राज्य के क्षेत्रीय समुद्र से परे है। इस बीच ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि चीन लगातार युद्धभ्यास कर रहा है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में ताइवान के आसपास 18 चीनी सैन्य विमानों और चार नौसैनिक जहाजों को देखा गया है। चीन लगातार ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए कोशिश कर रहा है।
ताइपे/ बीजिंग । ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन की अमेरिकी यात्रा पूरी होते ही चीन ने ताइवान को तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। चीन ने घातक युद्धक हथियारों के साथ ताइवान को घेरकर तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू किया है। चीन ने इस सैन्य अभ्यास को ‘कड़ी चेतावनी’ बताया है।
चीन और ताइवान के बीच चल रहे तनाव को इस सैन्य अभ्यास ने और बढ़ा दिया है। चीन की सेना सैन्य अभ्यास के जरियेताइवान को घेरने का पूर्वाभ्यास कर रही है। चीन ने कहा है तीन दिन के इस पूर्वाभ्यास में ताइवान के चारों ओर गश्त लगाकर घेरा जाएगा। चीन की सेना ने ताइवान के चारों ओर लंबी दूरी के रॉकेट, तोप, ड्रेस्ट्रॉयर्स, मिसाइल बोट्स, फाइटर जेट्स, बॉम्बर्स, जैमर और ईंधन भरने वाले सभी तरह के उपकरणों को तैनात कर दिया है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि चीन के 71 सैन्य विमानों और नौ जहाजों ने दोनों देशों के बीच अनौपचारिक बंटवारा बताने वाली लाइन ताइवान स्ट्रेट मेडियन लाइन को पार किया है। चीन की नौसेना के एक जहाज ने डेक से एक राउंड फायर भी किया। यह फायरिंग उस समय हुई जब चीन का यह जहाज ताइवान के सबसे करीब पिंग्टन द्वीप के पास गुजर रहा था। ताइवान ने कहा कि चीन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति और स्थिरता का गंभीर उल्लंघन किया है। उसकी इस हरकत से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ताइवान ने अन्य देशों से चीन की इन गतिविधियों का विरोध करने का आग्रह किया है।
बीजिंग । ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की अमेरिका यात्रा चीन को नागवार गुजरी है। ताईवान और अमेरिका के रिश्तो चीन भड़क गया है। साई के अमेरिका से लौटते ही चीन ने ताइवान सीमा के पास विमान और युद्धपोत तैनात किए हैं। इससे दोनों देशों के बीच टकराव की आशंका प्रबल हो गई है। इस बीच ड्रैगन ने आज से ताइवान के आसपास तीन दिनों का सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। चीन ने कहा है ताइवान के अलगाववादियों और बाहरी ताकतों को यह उसकी गंभीर चेतावनी है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह शांति और तर्कसंगत रूप से इसका जवाब देगा।
जानकारी के अनुसार चीन ताइवान को घेरने की तैयारी कर रहा है। दरअसल चीन की सेना तीन दिनों तक ताइवान के नजदीक युद्धाभ्यास करेगी। चीन की सेना पीएलए के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने यह जानकारी दी है। बता दें कि चीन का यह एलान ऐसे वक्त आया है, जब ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन हाल ही में अमेरिका के दौरे से लौटी हैं। ताइवानी राष्ट्रपति के इस दौरे से चीन नाराज है और चीन के युद्धाभ्यास को उसकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। ताइवान के चारों तरफ 13 चाइनीज एयरक्राफ्ट और तीन युद्धपोत देखे गए हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है।
चीनी सेना के प्रवक्ता शी यी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘ये ऑपरेशन अलगाववादी ताकतों और बाहरी ताकतों की मिलीभगत और उनकी भड़काऊ गतिविधियों के खिलाफ कड़ी चेतावनी का काम करेगा, जो कि ताइवान की स्वतंत्रता चाहती हैं।’
ताइवानी राष्ट्रपति अमेरिकी स्पीकर की मुलाकात से बौखलाया चीन
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने बीते बुधवार को अमेरिका के निचले सदन के सभापति केविन मैकार्थी से कैलिफोर्निया में मुलाकात की थी। यह पहली बार हुआ कि किसी ताइवानी राष्ट्रपति ने अमेरिका की धरती पर यूएस स्पीकर से मुलाकात की। इस मुलाकात पर चीन ने धमकी दी थी कि अगर राष्ट्रपति साई इंग वेन, अमेरिकी स्पीकर से मिलीं तो सही नहीं होगा। हालांकि ताइवानी राष्ट्रपति ने चीन की इस धमकी को दरकिनार कर अमेरिकी स्पीकर से मुलाकात की।
पहले भी ताइवान की घेराबंदी कर चुकी है चीन की सेना
बीते साल अगस्त में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन सभापति नैंसी पेलोंसी ने भी ताइवान का दौरा किया था। उस समय भी चीन ने इस पर कड़ा एतराज जताया था और ताइवान को धमकी दी थी। हालांकि ताइवान चीन की धमकी के आगे नहीं झुका। इसके बाद चीन ने ताइवान के जलीय क्षेत्र के चारों तरफ युद्भाभ्यास शुरू कर दिया था। इस तरह चीन ने एक तरह से ताइवान की चारों तरफ से घेराबंदी कर ली थी। चीन के 21 एयरक्राफ्ट्स ताइवान की सीमा में भी दाखिल हो गए थे। इस दौरान चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।
चीन द्वारा ताइवान की घेराबंदी के बाद अमेरिका ने भी अपने युद्धपोत ताइवान की सीमा के आसपास तैनात कर दिए थे। अब एक बार फिर चीन ताइवान की घेराबंदी की कोशिश कर रहा है। बता दें कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और यही वजह है कि वह ताइवान की राष्ट्रपति के अमेरिका दौरे का विरोध कर रहा है।
बीजिंग । चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी तीसरी पारी शुरू कर दी है। नई पारी की शुरुआत करते हुए जिनपिंग ने ताइवान की आजादी का हर हाल में विरोध करने का ऐलान किया है।
नेशनल पीपल्स कांग्रेस की वार्षिक बैठक में नए प्रधानमंत्री सहित अन्य प्रमुख दायित्वों की घोषणा हुई है। शी जिनपिंग को चीन का अब तक का सबसे ताकतवर राष्ट्रपति माना जा रहा है। कांग्रेस की वार्षिक बैठक के दौरान जिनपिंग ने साफ कहा कि ताइवान में आजादी को लेकर हो रहे बदलावों को वे स्वीकार नहीं करेंगे। वे हर हाल में ताइवान की पूर्ण आजादी का विरोध करेंगे। उन्होंने चीन को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ताइवान के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाने की बात भी कही। उन्होंने अपने भाषण में सुरक्षा और प्रगति के बीच सामंजस्य बिठाने की बात भी कही। उन्होंने चीनी सेना को इस्पात की अभेद्य दीवार के रूप में रेखांकित किया।
नेशनल पीपल्स कांग्रेस की बैठक के दौरान ही शनिवार को ली कियांग को चीन का नया प्रधानमंत्री बनाया गया था। चीन में राष्ट्रपति के बाद प्रधानमंत्री ही दूसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होता है। ली कियांग ने ली केकियांग की जगह ली है, जो लगातार दस सालों तक इस पद पर रहे। सरकार के अन्य अहम पदों पर भी शी जिनपिंग ने अपने करीबी सहयोगियों को जगह दी है। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के गवर्नर के पद पर यी गांग बने रहेंगे। चीन के वित्त मंत्री पद पर भी लियु कुन बरकरार रहेंगे।
ताइपे । चीन और ताइवान में दुश्मनी के बीच एक सकारात्मक पक्ष देखने को मिला है। दोनों देशों ने बीमार पांडा की मदद के लिए चीन के दो विशेषज्ञों को बुलाया है जो दोनों पक्षों के बीच सहयोग का एक तरह का दुर्लभ मामला है।
ताइपे चिड़ियाघर के तुआन तुआन नामक पांडा को घातक ब्रेन ट्यूमर होने का संदेह है, जिसके बाद दो चीनी विशेषज्ञ मंगलवार को ताइवान पहुंचे। इस पांडा और उसकी साथी युआन युआन को 2008 में चिड़ियाघर को बीजिंग की ओर से तब उपहार में दिया गया था जब चीन और ताइवान के बीच संबंध अच्छे थे। दोनों देश 1949 में गृहयुद्ध के चलते विभाजित हो गए थे।