बेगूसराय। देवताओं के नवविहान और वैदिक भारत के नववर्ष तथा सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति यूं तो सदियों से 14 जनवरी को मनाया जाता रहा है लेकिन कभी-कभी मकर राशि में सूर्य का प्रवेश देर से होने के कारण यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जाता है।
ऐसा ही इस बार भी हो रहा है। इस वर्ष मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी को सुबह से दोपहर 12 बजे तक है। ऐसा सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में देर से प्रवेश करने के कारण हो रहा है। पंडित आशुतोष झा ने बताया कि आमतौर पर 13 जनवरी की रात से 14 जनवरी के सुबह तक सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते थे। जिसके कारण मकर संक्रांति का पुण्य काल 14 जनवरी को सुबह में होता है लेकिन इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी की रात 2:31 बजे धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
उन्होंने बताया कि सूर्योदय सुबह 6:45 पर हो रहा है और सूर्य 49 दंड 24 पल यानी 19 घंटा 46 मिनट के बाद रात 2:31 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस समय रात्रि होने के कारण 15 जनवरी (रविवार) को सूर्योदय के साथ पुण्य काल शुरू होगा तथा मुख्य संक्रमण काल 12 बजे तक रहेगा। इसलिए शास्त्रानुसार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाना उचित है।
अधिकतर राशियों के लिए शुभ एवं फलदाई
उन्होंने बताया कि रविवार को तिल छूना और उसका उपयोग शास्त्रों में निषिद्ध किया गया लेकिन पर्व-त्यौहार, पूजा या किसी महत्वपूर्ण अवसर पर इस दिन भी तिल का उपयोग किया जा सकता है। वर्ष में 12 संक्रांति होते हैं लेकिन सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो वह सबसे खास संक्रांति होता है। मकर संक्रांति का सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा लेकिन अधिकतर राशियों के लिए शुभ एवं फलदाई है।
सूर्य का मकर राशि में विचरण करना बहुत ही शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन तिल, गुड़, मूंग दाल एवं खिचड़ी का सेवन अति शुभकारी होता है तथा स्नान, दान और पूजा से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि आएगी। इस दिन सभी लोगों को स्नान कर तिल एवं गुड़ से संबंधित वस्तु खानी चाहिए। गंगा में स्नान से पुण्य हजार गुणा बढ़ जाता है तथा किया गया दान महादान और अक्षय होता है। इसलिए साधु, भिखारी या बुजुर्ग योग्य पात्र को दरवाजा से खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए।
मकर संक्रांति के दिन घर में लहसुन, प्याज, मांसाहारी भोजन तथा नशीले पदार्थ का भी उपयोग नहीं करना चाहिए। मकर संक्रांति के साथ ही सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण हो जाएंगे तथा खरमास समाप्ति हो जाएगा। शास्त्रों में उत्तरायण अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं का रात माना जाता है। सूर्य के उत्तरायण होने के बाद से देवों के ब्रह्ममुहूर्त में उपासना का पुण्यकाल शुरू हो जाता है।
Surya
रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन रविवार को पत्नी कल्पना सोरेन एवं दोनों बेटे के साथ छठ व्रतियों के बीच पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देकर आस्था के महापर्व छठी मैया की पूजा की। मुख्यमंत्री ने भगवान भास्कर से झारखंडवासियों की सुख, समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा।
मुख्यमंत्री आज शाम सपरिवार रांची के नक्षत्र वन स्थित हटनिया तालाब पहुंचे तथा सैकड़ों व्रतियों के बीच छठ पूजा में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महापर्व सूर्य भगवान की आराधना के लिए जाना जाता है। छठ महापर्व प्रकृति की पूजा का प्रतीक है। प्रकृति पर आस्था और उससे जुड़ाव भारतीय संस्कृति की परंपरा रही है। उन्होंने राज्यवासियों को महापर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छठी मैया से प्रार्थना है कि सभी सुखी हो, सब निरोगी रहें, छठी मैया सबका मंगल और कल्याण करें।
कोरोना संक्रमण से मिली राहत ने बढ़ाया महापर्व का उत्साह
मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ महापर्व के अवसर पर हर तरफ भक्ति का रंग कुछ अलग ही दिखाई पड़ा। कोरोना महामारी के कारण जहां पिछले वर्ष महिलाओं ने सीमित रूप में ही व्रत किया था, वहीं इस बार कोरोना से राहत मिलने की स्थिति में फिर वही पुरानी उत्साह और जोश के साथ छठ का पर्व मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने भगवान भास्कर से प्रार्थना किया कि इसी उत्साह और उमंग के साथ हमारी सभी परंपराएं आगे बढ़ती रहें। सभी छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं पर भगवान भास्कर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें।
आगामी पीरियोडिक एक्शन फिल्म सूर्या 42 में नजर आने वाली अभिनेत्री दिशा पटानी इस तरह बड़ी परियोजना का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। दिशा ने कहा, मैं सूर्या सर और शिवा सर के साथ अपनी अगली फिल्म की घोषणा करने के लिए बहुत उत्साहित हूं। इस तरह के एक प्रोजेक्ट का हिस्सा बनकर बहुत अच्छा लग रहा है, जिसमें दर्शकों को बड़े पर्दे पर अनुभव करने के लिए सभी बड़े-से-बड़े तत्व मिले हैं।
उन्होंने कहा, इसके अलावा, मैं जो किरदार निभा रही हूं, वह भी काफी अनोखा है और मैं दर्शकों के सामने अपने पहले कभी न देखे गए अवतार को लाने के लिए भी उत्साहित हूं। फिल्म का निर्माण स्टूडियो ग्रीन ज्ञानवेल राजा द्वारा किया जा रहा है और इसका संगीत देवी श्री प्रसाद ने दिया है। इस फिल्म में दिशा पटानी मुख्य भूमिका में हैं, जिसकी छायांकन वेत्री पलानीसामी ने की है, जिन्होंने अजित-स्टारर वीरम और वेदालम जैसी सुपरहिट फिल्मों की शूटिंग की थी।
दिशा ने सूर्या 42 की आगामी फिल्म में अपनी मुख्य भूमिका की घोषणा के साथ दर्शकों के बीच उत्साह को प्रज्वलित किया है, अभिनेत्री करण जौहर की योद्धा में सिद्धार्थ मल्होत्रा और प्रोजेक्ट के में अमिताभ बच्चन, प्रभास और दीपिका पादुकोण के साथ नजर आएंगी।
निर्देशक सिरुथाई शिवा जो अब अभिनेता सूर्या की भूमिका वाली फिल्म पर काम कर रहे हैं, ने खुलासा किया कि फिल्म 3 डी में बनाई जा रही है और इसे 10 भाषाओं में रिलीज किया जाएगा। फिल्म का एक मोशन पोस्टर जारी करते हुए, जो एक विस्फोटक एक्शन एंटरटेनर है, जिसे अस्थायी रूप से हैशटैग-सूर्या 42 के रूप में संदर्भित किया जा रहा है, शिवा ने ट्वीट किया, सर्वशक्तिमान, सभी प्रशंसकों, मीडिया मित्रों और सिनेमा प्रेमियों के प्यार और आशीर्वाद के साथ।
रोमांचक मोशन पोस्टर में एक युद्ध के मैदान पर एक बाज मंडरा रहा है जिसमें शूरवीर इससे जूझ रहे हैं, जबकि एक कमांडर की पोशाक पहने सूर्या का चरित्र एक चट्टान पर खड़ा है और युद्ध के मैदान पर कार्यवाही का अवलोकन कर रहा है। तभी मोशन पोस्टर यह खुलासा करता है कि फिल्म को 3डी में शूट किया जा रहा है और इसे 10 भाषाओं में रिलीज किया जाएगा। पोस्टर में टैगलाइन भी है, एक शक्तिशाली बहादुर गाथा।
मोशन पोस्टर ने कई प्रशंसकों को आश्चर्यचकित कर दिया है कि सूर्या 42 एक ऐतिहासिक या युद्ध फिल्म है। फिल्म का निर्माण स्टूडियो ग्रीन ज्ञानवेल राजा द्वारा किया जा रहा है और इसका संगीत देवी श्री प्रसाद ने दिया है। इस फिल्म में दिशा पटानी मुख्य भूमिका में हैं, जिसकी छायांकन वेत्री पलानीसामी ने की है, जिन्होंने अजित-स्टारर वीरम और वेदालम जैसी सुपरहिट फिल्म शूट की थी।