शिमला। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में तालमेल की कमी और आपदा को संभालने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
जयराम ठाकुर ने शनिवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि सुक्खू सरकार में तालमेल की बहुत बड़ी कमी है। अभी तक आपदा में कितना नुकसान हुआ, उसको लेकर कांग्रेस सरकार के आंकड़े भी स्थिर नहीं हैं। मुख्यमंत्री कुछ कहते हैं, तो मंत्री कुछ और ही कहते हैं। आज तक प्रदेश में कभी ऐसा नहीं हुआ कि राशन डिपो से राशन खत्म हो गया हो, एक जगह डीजल के रेट बढ़ाकर महंगाई को बढ़ावा दे रहे हैं और दूसरी जगह राशन डिपो में राशन की कमी से जनता को परेशान कर रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जब से कांग्रेस सरकार बनी है, तब से 1000 से अधिक सरकारी संस्थान बंद हो चुके हैं। अब तो हद ही हो गई है कि सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी जिसके पास 140 से अधिक विश्वविद्यालय थे लेकिन अब इस संस्थान के पास केवल तीन जिलों के विश्वविद्यालय ही होंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय में एक और पद बनाया गया है, इसकी नोटिफिकेशन भी हुई है। आपदा की घड़ी चल रही है पर सरकार के खर्च कम नहीं हो रहे हैं। ओएसडी, राजनीतिक सलाहकार, सीपीएस की बड़ी फौज पहले ही खड़ी है। अब तो सरकार और लोन लेने जा रही है। पता चला है कि बड़ी जल्द 500 करोड़ रुपये का एक और लोन यह सरकार लेने वाली है। उन्होंने कांग्रेस सरकार को कुप्रबधन की सरकार करार दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भूस्खलन से प्रदेश भर में कई सड़कें ठप पड़ी हैं और उनको खोलने का काम अभी तक धरातल पर शुरू नहीं हुआ है। जहां भाजपा के लोग अपनी जेसीबी मुफ्त देकर रोड खोलना चाह रहे हैं, तो उनके युवा मंत्री साथ ही निर्देश में कह देते हैं कि भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता की जेसीबी काम पर नहीं लगेगी। केवल कांग्रेस की ही लगेगी, क्या आपदा में भी कोई एलिजिबिलिटी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक राजिंद्र राणा का पत्र सोशल मीडिया पर आया है। इस पत्र में गम्भीर बातें आई हैं और इन पर कांग्रेस को गंभीरता से काम करना चाहिए।