खार्तूम (सूडान) । संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल ने कहा है कि सूडान और दक्षिण सूडान के बीच तेल समृद्ध क्षेत्र अबेई में अंतर-सांप्रदायिक हिंसक झड़पों में 52 नागरिक और दो शांति सैनिक मारे गए । संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल अबेई की विज्ञप्ति में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश अबेई प्रशासनिक क्षेत्र में सप्ताहांत में हुई हिंसा से चिंतित हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने कहा है कि अबेई में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल पर हुए हमले में दो शांति सैनिकों ने कर्तव्य की पंक्ति में अपना जीवन बलिदान कर दिया। कर्तव्य पथ पर अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शांति रक्षकों में एक पाकिस्तान और एक घाना का है। महासचिव ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने हिंसा की निंदा करते हुए अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल की विज्ञप्ति के अनुसार, अबेई में जारी हिंसा में शनिवार को एक और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक की मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की स्थापना 2011 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा विवादित अबेई क्षेत्र की निगरानी के लिए की गई थी। इस समय सूडान और दक्षिण सूडान की सीमा पर 5,326 शांति सैनिक तैनात हैं। संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल अबेई ने आसन्न खतरे के मद्देनजर सभी व्यक्तियों को अपने कुछ शिविरों में शरण लेने की अनुमति दी है।
SUDAN
ऑपरेशन कावेरी: सूडान में फंसे भारतीयों का 10वां जत्था स्वदेश रवाना , दूतावास कर्मियों के परिजन पहुंचे जेद्दाह
खार्तूम जेद्दाह/ । हिंसक संघर्ष से प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियान, ऑपरेशन कावेरी में तेजी लाई गयी है। सूडान से भारतीयों का दसवां जत्था निकाला गया है। वहीं, सूडान स्थित भारतीय दूतावास कर्मचारियों के परिजन भी सूडान से निकल कर जेद्दाह पहुंच चुके हैं।
भारत सरकार ने सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू किया है। इस बीच सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच संघर्ष विराम 72 घंटे के लिए और बढ़ जाने का लाभ भी ऑपरेशन कावेरी से जुड़े अधिकारी लेना चाहते हैं। इस कारण सूडान से भारतीयों को निकालने में तेजी लाई जा रही है। इस अभियान के तहत जल व वायुमार्ग से सूडान में फंसे भारतीयों को निकाला जा रहा है। भारतीय वायुसेना के सी-130जे विमान ने सूडान से जेद्दाह के लिए उड़ान भरी। इस विमान से 135 भारतीयों का दसवां जत्था सूडान से निकाला गया है।
उधर, जेद्दाह में भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन स्वयं मौजूद रहकर ऑपरेशन कावेरी पर नजर रख रहे हैं। इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर सूडान से आए आठवें जत्थे का जेद्दाह में स्वागत करने की जानकारी दी थी। इस जत्थे में सूडान स्थित भारतीय दूतावास के कर्मचारियों के परिजन भी शामिल थे, जिन्होंने संकटग्रस्त सूडान से निकलने के बाद राहत की सांस ली।
सूडान में करीब तीन हजार भारतीय रह रहे थे। जिस रफ्तार से भारतीय टीम वहां से लोगों को निकाल रही है, इससे माना जा रहा है कि जल्द ही भारत का ऑपरेशन कावेरी सफलतापूर्वक पूरा हो जाएगा।
सूडान में 72 घंटे और बढ़ा संघर्ष विराम, विदेशी नागरिकों को निकालना होगा आसान
उधर ताज़ा जानकारी के अनुसार सूडान में चल रहा भीषण संघर्ष तीन दिन और रुका रहेगा। सूडान में 72 घंटे संघर्ष विराम बढ़ाने पर सहमति बन गयी है। इससे विदेशी नागरिकों को निकालना आसान होगा।
सूडान पर कब्जे को लेकर सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच लड़ाई छिड़ी हुई है। ईद के दिन पहली बार 72 घंटे का संघर्ष विराम लागू किया गया था, किन्तु उस पर अमल नहीं हो सका। इसके बाद तमाम कोशिशों के बाद 24 व 25 अप्रैल की रात से 72 घंटे का संघर्ष विराम शुरू हुआ। इस संघर्ष विराम के बाद भारतीय नागरिकों को सूडान से निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन कावेरी सहित सूडान में फंसे दुनिया भर के नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकाले जाने का रास्ता तैयार हुआ।
अब एक बार फिर संघर्ष विराम को 72 घंटे और बढ़ाने पर सहमति हो गयी है। सूडानी सेना ने बयान जारी कर कहा कि संघर्ष विराम को और 72 घंटे के लिए बढ़ाया जा रहा है। सेना ने कहा कि सऊदी अरब और अमेरिका ने इसके लिए मध्यस्थता की है। वहीं, दूसरे पक्ष रैपिड सपोर्ट फोर्सेस ने कहा है कि वह भी संघर्ष विराम बढ़ाने को राजी हो गए हैं। अमेरिका, सऊदी अरब, नॉर्वे, ब्रिटेन और यूएई ने इसका प्रस्ताव दिया था।
सूडान में संघर्ष विराम बढ़ाने में अफ्रीकन यूनियन व संयुक्त राष्ट्र के साथ सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देश प्रयासरत थे। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर सूडान में संघर्ष विराम बढ़ने की पुष्टि की है।
संघर्ष विराम बढ़ने से सूडान में फंसे भारतीयों सहित दुनिया भर के नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालना आसान हो जाएगा। वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन कावेरी के लिए भी यह राहत की खबर है। सूडान से अभी तक भारतीयों के आठ जत्थे सुरक्षित निकाले जा चुके हैं और जल्द ही सभी भारतीयों को सूडान से सुरक्षित निकालने का काम पूरा हो जाएगा।
- समु्द्री मार्ग से भारतीयों के जद्दा पहुंचने के बाद विमान से लाया जाएगा भारत
- आईएनएस सुमेधा के बाद नौसेना का दूसरा पोत तेग भी पहुंच गया सूडान के तट
खार्तुम/नई दिल्ली । सूडान में हिंसा के बीच ऑपरेशन कावेरी के तहत 278 भारतीय नागरिकों का पहला जत्था आईएनएस सुमेधा से जेद्दा के लिए रवाना हो गया है। इसके साथ ही सूडान में 72 घंटे के युद्ध विराम के दौरान वहां फंसे भारतीय नागरिकों को आवश्यक राहत सामग्री भी पहुंचाई गई।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार ऑपरेशन कावेरी के तहत तीन हजार भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू किया है। नौ सेना का दूसरा जहाज आईएनएस तेग भी सूडान के तट पर पहुंच गया है। भारत ने सूडान में फंसे भारतीयों को को निकालने व राहत सामाग्री पहुंचाने के लिए सऊदी अरब के शहर जेद्दा में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। इस बीच विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन भारतीयों को निकालने के मिशन की निगरानी के लिए जेद्दा पहुंच चुके हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में बताया कि ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान में फंसे 278 भारतीयों का पहला जत्था आईएनएस सुमेधा से जेद्दा के लिए रवाना हो गया। जेद्दा से भारतीय नागरिकों को भारतीय वायु सेना के विमानों से देश लाया जाएगा।
एक अन्य ट्वीट में बागची ने कहा कि भारतीयों को निकालने के लिए दूसरा आईएनएस तेग भी सूडान के तट पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कावेरी के तहत और भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए अधिकारियों के साथ आईएनएस तेग जरूरी राहत सामाग्री के साथ सूडान तट के दूतावास कैंप कार्यालय पर पहुंच गया है। सूडान में पिछले 12 दिनों से सेना और पैरामिलिट्री समूह के बीच भयंकर युद्ध में अबतक चार सौ लोगों की मौत हो चुकी है। सूडान से भारतीयों को निकालने के लिए भारत के प्रयास से सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच 72 घंटे के युद्ध विराम पर सहमति बनी है।
विदेश राज्यमंत्री मुरलीधरन ने कहा कि भारतीयों को निकालने के लिए सूडान और जेद्दा में जरूरी तैयारी की गई है। जेद्दा पहुंचने पर उन्होंने यहां स्थापित नियंत्रण कक्ष का दौरा किया।
उल्लेखनीय है कि भारत ने हिंसाग्रस्त सूडान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए सोमवार को ऑपरेशन कावेरी शुरू किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा था कि सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू हो गया है। भारतीय जहाज और विमान भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए तैयार हैं।
अमेरिका की कोशिश ने असर दिखाया , 427 लोगों की मौत के बाद सूडान में 72 घंटे का संघर्ष विराम
खार्तूम (सूडान) । लम्बे समय से हिंसाग्रस्त सूडान में अमेरिका की संघर्ष विराम की कोशिश रंग लाई है। दो दिन तक चली बातचीत के बाद संघर्षरत दोनों पक्ष 72 घंटे के लिए संघर्ष विराम पर सहमत हो गए। 24 अप्रैल की आधीरात से शुरू यह संघर्ष विराम अगले 72 घंटे चलेगा। हिंसा में यहां 427 लोगों की मौत हो चुकी है और 3700 से अधिक घायल हुए हैं।
सूडान में सूडानी सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच चल रहा भीषण संघर्ष पूरी दुनिया के लिए चुनौती बन गया है। ईद पर रैपिड सपोर्ट फोर्स ने संघर्ष विराम का ऐलान किया था, किन्तु तब वह प्रभावी नहीं हो सका था। इसके बाद अमेरिका ने दोनों पक्षों के बीच संघर्ष विराम कराने की कोशिश शुरू की।0
अमेरिकी विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने बताया कि 48 घंटे की लंबी बातचीत के बाद सूडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स राष्ट्रव्यापी संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गए। यह संघर्ष विराम 24 अप्रैल की आधीरात से शुरू होकर अगले 72 घंटे तक चलेगा।
इस बीच सूडान के हालात गंभीर बने हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार सूडान में हुई हिंसा में अब तक 427 लोगों की मौत हो चुकी है और 3700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में खार्तूम में मौजूद इजिप्ट के दूतावास के एक अधिकारी भी शामिल हैं।
अभी तक सूडान से विभिन्न देशों के चार हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा सका है। सूडान के निवासी भी बड़ी संख्या में चाड, इजिप्ट और दक्षिण सूडान पलायन कर गए हैं। लोगों को पानी, खाने और दवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
काएरो । सूडान के दक्षिणी ब्लू नाइल राज्य में भूमि विवाद पर हुए जातीय संघर्ष में 170 लोगों की मौत हो गई। दो आदिवासी समुदायों के बीच यह लड़ाई दो दिन तक चली।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ब्लू नाइल राज्य में पिछले हफ्ते हौसा लोगों और प्रतिद्वंद्वी समूहों के सदस्यों के बीच भूमि विवाद पर खूनखराबा हुआ है। यह लड़ाई राजधानी खार्तूम से करीब 500 किलोमीटर दूर दक्षिण में रोजेयर्स के पास वाड अल-माही क्षेत्र के आसपास हुई है। इस लड़ाई में बुधवार और गुरुवार को महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कुल 170 लोग मारे गए हैं। उल्लेखनीय है कि सूडान पिछले साल के सैन्य तख्तापलट के बाद से राजनीतिक अशांति और आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
खार्तूम । सूडान की ट्रांजिशनल सॉवरेन काउंसिल के नेताओं ने नागरिक राजनीतिक ताकतों द्वारा प्रधानमंत्री और राष्ट्राध्यक्ष की नियुक्ति पर सहमति जताई है। सूडान की ट्रांजिशनल सॉवरेन काउंसिल के उपाध्यक्ष मोहम्मद हमदान डागालो ने रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में कहा, संप्रभु परिषद के अध्यक्ष अब्देल फतह अल-बुरहान के साथ बैठक में गुरुवार को आपसी सहमति बनी कि नागरिक संप्रभु परिषद और कैबिनेट के लिए नागरिक प्रमुखों का चयन करें।
आरएसएफ के कमांडर डागलो ने अपने पिछले वादों का सख्ती से पालन करने पर जोर दिया और कहा कि सैन्य प्रतिष्ठान राजनीतिक परिदृश्य से बाहर निकलकर संविधान और कानून में निर्धारित कार्यो के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित कर देगा। बयान में कहा गया है कि उन्होंने आगे आशा व्यक्त की कि क्रांतिकारी ताकतें ट्रांजिशनल अवधि के कार्यो को पूरा करने के लिए एक पूर्ण नागरिक सरकार के गठन पर आम सहमति पर पहुंचेंगी, जो एक वास्तविक लोकतांत्रिक परिवर्तन की नींव है।
उन्होंने सभी सूडानियों के बीच समन्वय और सहयोग के महत्व पर जोर दिया, ताकि आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सके। एक स्थिर और लोकतांत्रिक राज्य के निर्माण में लोगों की आकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा सके।
सूडान राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। सूडानी सशस्त्र बलों के जनरल कमांडर अल-बुरहान ने 25 अक्टूबर, 2021 को संप्रभु परिषद और सरकार को भंग कर दिया था। तब से, राजधानी खार्तूम और अन्य शहरों में नागरिक शासन की वापसी की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।