हांगझू, । भारत ने 19वें एशियाई खेलों में ऐतिहासिक कामयाबी पाते हुए 107 पदकों के साथ अपने अभियान का समापन किया। भारत ने एशियाई खेलों में इससे पहले कभी भी 100 पदक नहीं जीते थे, बीते 72 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत ने एशियाई खेलों में 100 पदक जीते हैं। भारतीय दल के 107 पदकों में 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य पदक शामिल हैं।
भारत ने एथलेटिक्स में सर्वाधिक 29 पदक जीते, जिनमें 6 स्वर्ण, 14 रजत और 9 कांस्य पदक शामिल हैं। इसके बाद भारत ने शूटिंग में 22 पदक जीते, जिनमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 6 कांस्य पदक शामिल हैं।
इसके बाद भारत ने तीरंदाजी में 9 (5 स्वर्ण, 2 रजत और कांस्य), कुश्ती में 6 (1 रजत और 5 कांस्य), क्रिकेट में 2 (दोनों स्वर्ण), कबड्डी में 2 (दोनों स्वर्ण), हॉकी में 2 (एक स्वर्ण और एक कांस्य), रोईंग में 5 (2 रजत, तीन कांस्य) , स्क्वैश में 5 (2 स्वर्ण, 1रजत और दो कांस्य) और मुक्केबाजी में 5 (1 रजत और 4 कांस्य), सेलिंग में 3 (1 रजत और 2 कांस्य), घुड़सवारी में 2 (1 स्वर्ण, 1 कांस्य). वुशु में 1 रजत, टेनिस में 2 (1 स्वर्ण, एक रजत), गोल्फ में एक रजत, बैडमिंटन में 3 (1 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य), रोलर स्केटिंग में दो कांस्य, टेबल टेनिस में 1 कांस्य, कौनोई में 1 कांस्य, सेपकटक्रा में 1 कांस्य, ब्रिज में एक रजत, और शतरंज में दो रजत पदक शामिल है।
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जयपुर। राजस्थान यूथ कांग्रेस में चुनाव के बाद हुई प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को संकेत दिए है कि राजस्थान में प्रत्याशियों को टिकट इस बार दो महीने पहले दे दिया जाएगा। उन्होंने मंच पर मौजूद सह प्रभारी अमृता धवन की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि हमने प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी बात की है। हम प्रयास कर रहे हैं कि जो नेता चुनाव में टिकट लेना चाहता है, उसे दो महीने पहले ही टिकट का इशारा कर दिया जाए ताकि वह चुनाव में जुट सके। उन्होंने कहा कि जब टिकट की दौड़ लगती है तो दिल्ली में जिन्हें टिकट मिलता है, वह दौड़-दौड़ कर इतना थक जाते हैं कि चुनाव क्या लड़ेंगे।
गहलोत ने कहा कि जिस तरह से असम में प्रत्याशियों को दो महीने पहले टिकट दे दिए गए थे, उसी तरह राजस्थान में भी दो महीने पहले टिकट दिए जाएं। गहलोत ने कहा कि यह इसलिए भी जरूरी है कि भाजपा को छोड़ बाकी पॉलिटिकल पार्टियों को बहुत ज्यादा टाइट किया हुआ है, केवल भाजपा को छूट है। भले ही धन की कितनी भी बात हो, लेकिन चुनाव में दिल जीतना बड़ी बात होती है और जो दिल जीतता है वही चुनाव जीतता है। मुख्यमंत्री ने चुनाव में टिकट को लेकर जिताऊ कैंडिडेट की पैरवी की। उन्होंने कहा कि चुनाव में सिर्फ और सिर्फ जीत आधार होना चाहिए और जो नेता चुनाव जीत रहा है, उसे टिकट मिलना चाहिए। साफ है कि गहलोत चुनाव में टिकट के लिए किसी फार्मूले के पक्ष में न होकर जिताऊ को टिकट देने के पक्षधर हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बहाने टिकट मांग रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कहा कि वह अति संतुष्ट पॉलिटिशियन हैं। उन्होंने टिकट मांग रहे कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि एक बात दिमाग में रखो कि जो जिंदगी में आगे बढ़ना चाहता है, उसे पार्टी आलाकमान के फैसले को मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार इन फैसलों से दुख तो होता है कि मेरी इच्छा पूरी नहीं हुई, लेकिन उस समय दिल पर पत्थर रखकर राजनीति करनी होती है, जो ऐसी राजनीति करेगा वह कामयाब होगा।
गहलोत ने कहा कि यूथ कांग्रेस हमेशा अपने लिए टिकट मांगता है। टिकट वितरण के लिए पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बैठते हैं, उसमें कई बार ऐसा होता है कि यूथ कांग्रेस ज्यादा नाम दे देते हैं और टिकट नहीं मिल पाते हैं। जो नेता टिकट के दावेदार हैं, उनके नाम यूथ कांग्रेस को पहले ही सर्वे करने वाली एजेंसी को दे देने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर लोकल लेवल पर पहले से वह नाम पहुंच जाएंगे, जिन्हें चुनाव लड़ना है तो फिर सर्वे में भी कार्यकर्ता उनका नाम लेते हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार राजस्थान के माहौल से लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी सरकार रिपीट करेगी। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जनता ही अंतिम फैसला करती है, क्योंकि काम तो उन्होंने पहले भी किए थे, लेकिन कभी मोदी की आंधी में और कभी किसी और कारण से हमारी सरकार रिपीट नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि तीन बार की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित भी मोदी की आंधी में चुनाव हार गई थी। गहलोत ने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी की सरकार थी और संजय गांधी ने यूथ कांग्रेस को संभाला, उस समय काफी अवसरवादी लोग कांग्रेस में आ गए, जो चुनाव हारते ही गायब हो गए। जो चुनाव हारने के बाद साथ रहे, वही कामयाब होते हैं।