लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने “भारत जोड़ो यात्रा’ में आमंत्रण के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी धन्यवाद दिया है। साथ ही सपा अध्यक्ष ने यात्रा के सफल होने ही शुभकामनाएं दी हैं।
अखिलेख यादव ने सोमवार को अपने अधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से एक पत्र पोस्ट कर “भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए आमंत्रण मिलने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को धन्यवाद दिया है। अखिलेश ने ‘भारत जोड़ो’ की मुहिम की सफलता के लिए उन्हें शुभकामनाए दी हैं।
कहा है कि भारत भौगोलिक विस्तार से अधिक एक भाव है, जिसमें प्रेम, अहिंसा, करुणा, सहयोग और सौहार्द ही वो सकारात्मक सत्य है, जो भारत को जोड़ते हैं। आशा है ये यात्रा हमारे देश की इसी समावेशी संस्कृति के संरक्षण के उद्देश्य से अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगी।
success
- ध्वनि से पांच गुना अधिक तेज गति से हाइपरसोनिक वाहन ने किया उच्च क्षमता का प्रदर्शन
- पाकिस्तान और चीन की हर चाल को नाकाम करने के लिए अहम साबित होगा यह हथियार
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एकीकृत रक्षा स्टाफ ने संयुक्त रूप से हाइपरसोनिक वाहन का परीक्षण किया है। इस दौरान हाइपरसोनिक वाहन ने परीक्षण के लिए तय किये गए सभी आवश्यक पैरामीटर हासिल करके उच्च क्षमता का प्रदर्शन किया। शुक्रवार को इस सफल परीक्षण के बाद भारत के रक्षा क्षेत्र को और अधिक मजबूती मिलेगी। खासकर पाकिस्तान और चीन की चालबाजी को नाकाम करने के लिए यह अहम हथियार साबित होगा।
अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित हाइपरसोनिक वाहन अंतरिक्ष में तेजी से पहुंचकर लंबी दूरी पर सैन्य प्रतिक्रिया देने में सक्षम है। यह हाइपरसोनिक वाहन हवाई जहाज, अंतरिक्ष यान या मिसाइल हो सकता है। भारत अपने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल प्रोग्राम के हिस्से के रूप में एक स्वदेशी, दोहरी-सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी विकसित कर रहा है। यह मिसाइल पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ परमाणु हथियारों को भी दागने में सक्षम होगी।
क्या है हाइपरसोनिक मिसाइल
हाइपरसोनिक मिसाइल मैक 5 यानी आवाज की गति (343 मीटर/सेकंड) से 5 गुना ज्यादा या उससे भी ज्यादा स्पीड से टारगेट की ओर बढ़ती है। ये एक घंटे में करीब 6,200 किलोमीटर की यात्रा कर सकती है। परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल बहुत कम ऊंचाई पर भी आम बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल से ज्यादा गति से उड़ान भर सकती हैं। अपनी यात्रा के दौरान ये दिशा भी बदल सकती है, यानी आम मिसाइल की तरह लक्ष्य निर्धारित तय रास्ते पर ही नहीं चलती है।