आगरा । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को भव्य और दिव्य बनाने में जुटी हुई है। इसको लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। श्री राम मंदिर को महकाने के लिए गुजरात के वडोदरा से 108 फीट लंबी धूप बत्ती अयोध्या ले जाई जा रही है। भरतपुर से होते हुए आगरा के फतेहपुर सीकरी और किरावली पर यह धूपबत्ती पहुंची। इसके पहुंचते ही सैकड़ों की संख्या में लोग हाईवे पर पहुंच गए और धूपबत्ती को देखकर जय श्री राम के नारे लगाने लगे।
वडोदरा से शुरू हुआ सफर धूपबत्ती की शोभायात्रा में बदल गया है। सोमवार को राजस्थान के भरतपुर होते हुए यह करवा आगरा के फतेहपुर सीकरी और किरावली पर पहुंची। 3610 किलो वजन की 108 फुट लंबी और करीब साढ़े तीन फीट चौड़ी धूपबत्ती को देखने के लिए भारी संख्या में लोग जुट गए। लोगों ने धूपबत्ती का फूल बरसा कर स्वागत किया। 6 महीने में यह बनकर तैयार हुई धूपबत्ती वड़ोदरा में तैयार की गई है। इस विशेष धूपबत्ती को बनाने में अनेक तरह की जड़ी बूटियां का प्रयोग किया गया है। यह धूपबत्ती करीब डेढ़ महीने तक अनवरत चलेगी। करीब 50 किलोमीटर क्षेत्र में अपनी खुशबू फैलाएगी।
धूपबत्ती का निर्माण करने वाले गुजरात निवासी बिहाभरबाड़ ने बताया कि अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। इसमें भेंट करने के लिए इस धूपबत्ती का निर्माण किया गया है। इसे तैयार करने में देसी गाय का गोबर, देसी गाय का घी, धूप सामग्री सहित अनेक प्रकार की जड़ी बूटियां का इस्तेमाल किया गया हैं। इस धूपबत्ती का उपयोग किया जाएगा तो करीब डेढ़ महीने तक यह जलती रहेगी और 50 किलोमीटर क्षेत्र में अपनी खुशबू फैलाएगी।
shri ram mandir
लखनऊ । लखनऊ में प्रभु श्रीराम के भक्तों ने हाथों के हुनर से लकड़ी को सजाकर अयोध्या का राम मंदिर बनाया। राम मंदिर की खूबसूरती को लकड़ी पर सजाते हुए राम भक्तों ने बारीक काम किया है। जिससे लकड़ी से बने राम मंदिर की खूबसूरती को चार चांद लग गये हैं।
शहर के पुरनिया चौराहे के निकट स्थित प्रगति प्रिंटर्स की दुकान पर आजकल राम भक्तों को राम मंदिर की लकड़ी की झांकी देखने को मिल रही है। बड़े आकार के बने मॉडल राम मंदिर के बारे में बताते हुए रीता सिंह ने कहा कि राम मंदिर बन रहा है, तो अयोध्या से लेकर पूरे भारत में धूम मची हुई है। इसको देखते हुए हमारे यहां कार्यरत साथियों की मदद से लकड़ी का राम मंदिर बना दिया है। पांच हजार रुपये मूल्य में यह बिक्री को तैयार है।
रीता ने कहा कि राम भक्तों के मन में अपने घरों में राम मंदिर का मॉडल सजाने की बात आती है। इसके लिए राम मंदिर के छोटे आकार के मॉडल भी तैयार किये जा रहे हैं। जिसे बिक्री के लिए 15 सौ रुपये की दर से रखा जायेगा। इसे लेने के लिए पुरनिया के खुशबू काम्पलैक्स में आना होगा, जहां प्रगति प्रिंटर्स की दुकान है।
प्रगति प्रिंटर्स से राम मंदिर का मॉडल खरीदने वाले लोगों की माने तो राम मंदिर को घर में सजाने की मनोकामना के साथ वे आये थे और राम मंदिर का लकड़ी का माडल खरीदकर जा रहे हैं। उन्हें बेहद खुशी है कि अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है। 22 जनवरी के बाद वे सभी एक साथ अयोध्या जायेंगे और नव निर्मित मंदिर में प्रभु राम के दर्शन करेंगे।
शहर के दूसरे स्थानों जैसे ऐशबाग, चिनहट में भी हुनरमंद लोगों की ओर से लकड़ी को सजाकर राम मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। जिसे मजबूती देने के कुछ समय के बाद बाजार में बिक्री के लिए उतारा जायेगा। इन मॉडल मंदिरों की कीमत एक हजार रुपये के आसपास होगी। ये मॉडल मंदिर बनाने वाले दिनरात लगे हुए हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को देशवासियों से आग्रह किया है कि वे 22 जनवरी को अपने घरों में श्रीराम ज्योति जलाएं और दीपावली मनाएं। उन्होंने कहा, “श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन हिन्दुस्तान में जगमग जगमग होना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने शनिवार को अयोध्या में विकास परियोजनाओं से जुड़े उद्घाटन और शिलान्यास के बाद एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रही है और वे स्वयं इसके लिए उत्सुक हैं। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे 14 जनवरी से 22 जनवरी के बीच देशभर में हर मंदिर में स्वच्छता अभियान चलाएं।
सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि वह 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या आने का प्रयास न करें। जिन्हें न्यौता दिया गया वे ही आयेंगे। हमने 500 साल इंतजार किया है कुछ दिन और इंतजार कर सकते हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद वे कभी भी अयोध्या आ सकते हैं। प्रधानमंत्री ने संकल्प दोहराया कि वह अयोध्या धाम के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने अयोध्यावासियों से देश और दुनिया से आने वाले अतिथियों के स्वागत के लिए तैयार होने को कहा।
प्रधानमंत्री आज अयोध्या की यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने अयोध्या में नागरिक सुविधाओं के सुधार और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 11,100 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। आज के दिन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर का यह दिन ऐतिहासिक है और इस दिन 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान में भारतीय झंडा लहराकर आजादी का जय घोष किया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश प्रगति और परंपरा के उत्सव मना रहा है। देश पुरातन और नूतन को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा है। एक तरफ जहां रामलला को पक्का मकान मिल रहा है, वहीं देश के चार करोड़ गरीबों को भी पक्का मकान मिला है। देश न केवल तीर्थों का विकास कर रहा है बल्कि डिजिटल दुनिया में छाया हुआ है। काशी धाम के निर्माण के साथ ही देश में पंचायत भवनों का भी निर्माण हो रहा है। केदारनाथ धाम के विकास के साथ ही 315 नए मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। महाकाल माहलोक के साथ ही देश में ‘हर घर नल से जल’ पहुंचाने के लिए दो लाख टंकियां भी बनाई गई हैं। एक तरफ जहां हम चांद और सूरज की दूरी नाप रहे हैं, दूसरी तरफ वहीं दुनिया भर से अपनी विरासत से जुड़ी मूर्तियां और सामग्री भी वापस ला रहे हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने ‘मोदी की गारंटी’ का अपना स्लोगन दोहराया और कहा कि वह जो कहते हैं उसके लिए जीवन खपा देते हैं और जो गारंटी देते हैं उसके लिए दिन-रात एक कर देते हैं। इसकी मिसाल देते हुए उन्होंने उज्जवला योजना का जिक्र किया।
कार्यक्रम से पूर्व प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की 10 करोड़ वीं लाभार्थी से उनके घर पर मिलने गए थे। इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 55 साल में जहां 14 करोड़ परिवारों तक की गैस कनेक्शन पहुंचा था, उनकी सरकार ने एक दशक में 18 करोड़ परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचाया है। इनमें से 10 करोड़ कनेक्शन मुफ्त में दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि गरीब की सेवा साफ नीयत से की जाए तो ऐसे ही नतीजे आते हैं।
प्रधानमंत्री ने आज अयोध्या हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। श्री राम मंदिर की वास्तुकला को दर्शाने वाले टर्मिनल भवन के अग्र-भाग का भी उद्घाटन किया। उन्होंने अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। इसके अलावा दो नई अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, जिसके साथ ही देश में अमृत भारत ट्रेनों का परिचालन आरंभ हो गया।
प्रधानमंत्री ने आज छह नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। श्री राम मंदिर तक पहुंच बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री ने अयोध्या में चार नव विकसित, चौड़ी और सौन्दिर्यपूर्ण सड़कों का उद्घाटन किया। उन्होंने अयोध्या में 2180 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित की जा रही ग्रीनफील्ड टाउनशिप की आधारशिला रखी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में 4600 करोड़ रुपये से अधिक की अन्य विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया।
विकास परियोजनाओं की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की क्षमता 10-15 हजार लोगों की सेवा करने की है। स्टेशन का पूरा विकास होने के बाद अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर हर रोज 60 हजार लोग आ-जा सकेंगे। त्रिकालदर्शी महर्षि वाल्मीकि के नाम पर अयोध्या धाम एयरपोर्ट का नाम, इस एयरपोर्ट में आने वाले हर यात्री को धन्य करेगा। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण वो ज्ञान मार्ग है, जो हमें प्रभु श्रीराम से जोड़ता है। आधुनिक भारत में महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अयोध्या धाम, हमें दिव्य-भव्य-नव्य राम मंदिर से जोड़ेगा।
पूर्वी चंपारण। ब्रावो फार्मा ने रामलला अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में 25 स्तंभ लगाने का कार्य शुरू कर दिया है।यह स्तंभ रामलला के मंदिर तक जाने वाले प्रमुख मार्ग में लगाया जा रहा है। जिस पर कुल 2 करोड़ 3 लाख रुपए खर्च होंने का अनुमान है।
उक्त कार्य अयोध्या संरक्षण एवं विकास निधि समिति की देखरेख किया जा रहा है। जिसे लगाने में दो माह का समय लगेगा। ब्रावो फार्मा के सीएमडी ने राकेश पांडेय ने इसकी जानकारी देते इस कार्य की तुलना गिलहरी के योगदान से करते हुए भगवान राम के आस्था का प्रतीक अयोध्या में स्तंभ लगाने के शुरू किए गए कार्य को मील का पत्थर का बताया।
उन्होने बताया कि जब अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी जा रही थी, उस समय हमने अपने निजी कोष से 5 लाख 51 हजार योगदान स्वरूप दिया था। इस कार्य के लिए अयोध्या संरक्षण एवं विकास निधि समिति ने ब्रावो फार्मा को सहमति दी है। जिसके तहत कुल 25 स्तंभ स्तंभ लगाये जायेगे। लंबाई 6 मीटर होगी, जबकि चौड़ाई 1.5 मीटर रखा गया है। जिसे लगाने का काम दो माह में इसे पूरा कर लिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि श्रीराम स्तंभ दर्शनीय व अतुलनीय होंगे। मेरा यह निवेश इतिहास, संस्कृति एवं स्थायी भावना को बढ़ावा देने में एक गिलहरी का योगदान साबित होगा। यह सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि चंपारण के सभी भाई-बहनों के लिए सम्मान एवं हर्ष का विषय है। इधर, राकेश पांडेय द्वारा कराए जा रहे कार्य से चंपारणवासियों में खुशी की लहर है।
समाजसेवी वीरेंद्र जालान, संजय पांडेय,अमरेन्द्र सिंह, रामभजन, कौशल सिंह, हरीश कुमार, राजेश रंजन, वीरेंद्र प्रसाद साहू, उपेन्द्र पटेल, विनय कुमार, रविकेश मिश्रा, आर एस राहुल, रवि रंजन सिंह, समीर, पियूष सिंह, नंदन सिंह, मृत्युंजय इत्यादि ने इस ऐतिहासिक सहयोग के लिए राकेश पांडेय को बधाई दी है।
लखनऊ। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख घोषित होने के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट तैयारियों को अंतिमरूप देने में जुट गया है। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देशभर के लोग अयोध्या आयेंगे। इसलिए बाहर से आने वाले रामभक्तों के आवास व भोजन की व्यवस्था ट्रस्ट की ओर से किया जायेगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से अयोध्या में 25 हजार अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए अयोध्या में तीन स्थानों पर टेंट सिटी बनाई जा रही है। वहीं अयोध्या के विभिन्न होटलों में वीवीआईपी को ठहराने के लिए तीन हजार कमरे बुक कर दिये गये हैं।
कारेसवा जैसा होगा रामभक्तों का स्वागत
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान श्रीराम जन्मभूमि परिसर के अंदर 10 हजार लोग मौजूद रहेंगे। शेष लोग बाहर रहेंगे। इसके बाद प्रतिदिन बड़ी संख्या में रामभक्त रामलला का दर्शन करने अयोध्या आयेंगे। इस दौरान अयोध्या आने वाले रामभक्तों का स्वागत कारसेवा के दौरान मिलने वाले स्वागत व सहयोग जैसा होगा। अतिथियों की व्यवस्था में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक हजार से अधिक कार्यकर्ता लगेंगे।
लखनऊ, प्रयागराज, काशी व गोण्डा में खुलेंगे सहायता केन्द्र
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अगले तीन महीने तक देश के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में रामभक्त आयोध्या आयेंगे। इसलिए रामभक्तों को अयोध्या पहुंचने में कोई असुविधा न हो इसके लिए संघ परिवार लखनऊ, गोण्डा, प्रयागराज और काशी में सहायता केन्द्र खोलेगा। इन स्थानों पर पहुंचने के बाद वहां पर तैनात कार्यकर्ता रामभक्तों को अयोध्या पहुंचने व वापस जाने में सहयोग करेंगे।
अयोध्या में 20 स्थानों पर चलेंगे भण्डारे
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 से अगले दो महीने तक अयोध्या के विभिन्न स्थानों पर बड़े भोजनालय चलेंगें। इन स्थानों पर लोगों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए बड़े भोजनालयों का संचालन करने वाली संस्थाओं से सम्पर्क साधा जा रहा है।
15 स्थानों पर खुलेंगे अस्थाई चिकित्सालय
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की दृष्टि से अयोध्या के 15 स्थानों पर अस्थाई चिकित्सालय खोले जायेंगे। इन स्थानों पर सरकारी चिकित्सकों के अलावा नेशनल मेडिकोज आर्गनाईजेशन से जुड़े चिकित्सक भी अपना समय देंगे। समय देने वाले चिकित्सकों की सूची बनाई जा रही है।
लखनऊ । अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर निर्माणाधीन राम मंदिर के भीतर नक्काशी का कार्य तेजी से चल रहा है। राम मंदिर के प्रथम तल पर लगने वाले सभी स्तम्भ तैयार हो चुके हैं। उड़ीसा के कारीगर स्तम्भों पर देवी देवताओं की मूर्तियां व कलाकृतियां बनाने में लगे हैं। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डाॅ. अनिल मिश्रा ने दी।
डाॅ. अनिल मिश्रा ने बताया कि 350 फिट लंबाई ओर 245 फिट चौड़ाई में तीन मंजिला राम मंदिर बनेगा। मंदिर में पांच गुम्बद बनेंगे। राम मंदिर के 350 खम्भों पर 6050 कलाकृतियां उकेरी जाएंगी। राम मंदिर में राजस्थान के पिंक सैन्ड स्टोन पत्थर का उपयोग किया गया है। इस पत्थर में कलाकृतियां अच्छी बनती हैं। इस पत्थर की न्यूनतम आयु एक हजार वर्ष आंकी गयी है।
डाॅ. अनिल मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर के चारों तरफ एक परकोटा बनेगा। परकोटा 14 फिट चौड़ा और 778 मीटर लम्बा होगा जिसमें श्रद्धालु परिक्रमा कर सकेंगे। परकोटे में भगवान सूर्य, गणेश जी, भगवान शंकर, हनुमान जी व मां अन्नपूर्णा का मंदिर बनेगा। वहीं परकोटे से बाहर राम जन्म से जुड़े ऋषियों के मंदिर बनेंगे। ट्रस्ट के अनुसार परकोटे से बाहर गुरु वशिष्ठ, महर्षि वाल्मीकि, गुरु विश्वामित्र, अगस्त मुनि, अहिल्या व माता शबरी के मंदिर होंगे।
राम मंदिर में पूर्व दिशा से प्रवेश का मार्ग रहेगा। गर्भगृह में विराजमान रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 32 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेंगी। दिव्यांगों को दर्शन में सुविधा के लिए रैम्प बनेंगे। इसके अलावा तीन प्रकार की लिफ्ट भी मंदिर में लगेगी।
राम जन्म के समय रामलला पर पड़ेंगी भगवान सूर्य की किरणें
चैत्र रामनवमी के शुभ अवसर पर राम जन्म के समय गर्भगृह में विराजमान रामलला पर भगवान सूर्य की किरणें सीधी पड़ेंगी। रामजन्म के समय गर्भगृह में पड़ती सूर्य की किरणों को वहां उपस्थित श्रद्धालु देख सकेंगे। राम जनम के समय देश दुनिया में इसका प्रसारण किया जाएगा।