इस्लामाबाद । पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनाव में सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटों के आंकड़ों दूर दलों की जोड़तोड़ की कवायद आखिरकार कामयाब होती दिख रही है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं ने राजधानी इस्लामाबाद में मंगलवार देररात बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में पत्ते खोल दिए। इन नेताओं ने कहा अगले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ होंगे। आसिफ अली जरदारी को दोनों पार्टियां संयुक्त रूप से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करेंगी।
पाकिस्तान के जिओ न्यूज चैनल ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। जिओ न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने के लिए समझौता कर लिया है। दोनों प्रमुख दलों के शीर्ष नेताओं ने पुष्टि की कि वे “देशहित में” सरकार बनाने के लिए एक बार फिर हमराह बनेंगे।
पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के पास अब पूरी संख्या है और हम अगली सरकार बनाने की स्थिति में हैं।” बिलावल ने कहा कि शहबाज अगले प्रधानमंत्री होंगे और जरदारी राष्ट्रपति पद के लिए दोनों पार्टियों के संयुक्त उम्मीदवार होंगे। उन्होंने कहा कि दोनों दल देश को मौजूदा संकट से बाहर निकालने के लिए अगली सरकार बनाएंगे। सीनेट अध्यक्ष के रूप में पीएमएल-एन नेता इशाक डार के नामांकन के संबंध में एक सवाल पर, बिलावल ने जवाब दिया कि इसकी घोषणा बाद में की जाएगी। आसिफ अली जरदारी ने कहा कि वह लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनका संघर्ष “आपके, पाकिस्तान और आने वाली पीढ़ियों” के लिए है।
इस अवसर पर पीएमएल-एन के नेता शहबाज ने कहा कि ”हमारे पास अगली सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या है।” उन्होंने बिलावल और जरदारी को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। शहबाज ने भी कहा कि दोनों पार्टियों ने फैसला किया है कि जरदारी को राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि मंत्रालयों पर निर्णय पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ और पीपीपी के शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में बाद में लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि चुनाव में पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों ने सबसे अधिक नेशनल असेंबली की 92 सीट हासिल की हैं। पीएमएल-एन को 79 और पीपीपी को 54 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।
SHAHBAZ SHARIF
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ चार साल बाद लंदन से शनिवार दोपहर को अपने देश लौट आए। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के प्रमुख नवाज शरीफ के स्वागत के लिए इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर पूर्व विधि मंत्री आजम तरार समेत पार्टी के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। पीएमएल-(एन) के वरिष्ठ नेता इशाक डार के मुताबिक नवाज शरीफ आज ही इस्लामाबाद से लाहौर जाएंगे और शाम 05 बजे मीनार-ए-पाकिस्तान पर पार्टी की एक जनसभा को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करेंगे। इशाक डार के मुताबिक नवाज शरीफ लंदन से दुबई होते हुए इस्लामाबाद पहुंचे हैं।
नवाज ऐसे समय में पाकिस्तान लौटे हैं, जब देश में आम चुनाव की घोषणा कर दी गई है। पाकिस्तान में अगले साल जनवरी के अंतिम सप्ताह तक चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। फिलहाल पाकिस्तान के प्रशासनिक कामकाज की कमान कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में अनवार-उल-हक काकड़ संभाल रहे हैं। पाकिस्तान के लिए उड़ान भरने से पहले दुबई एयरपोर्ट पर नवाज ने पत्रकारों से कहा कि वो अल्लाह पर सब कुछ छोड़कर पाकिस्तान जा रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान के मौजूदा हालात पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देश के हालात 2017 की तुलना में कहीं अधिक बिगड़ गए हैं। हमारा देश आगे बढ़ने के बजाय पीछे चला गया है।
भ्रष्टाचार के दो मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद नवाज को वर्ष 2018 में कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया था। जेल में बंद नवाज को वर्ष 2019 में तबीयत बिगड़ने के बाद कोर्ट ने इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी। इसके बाद वह लंदन में रहकर अपना इलाज करा रहे थे और गिरफ्तारी के डर से पाकिस्तान नहीं लौटे थे। तीन दिन पहले ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने नवाज शरीफ की वतन वापसी का रास्ता साफ किया था। हाईकोर्ट ने नवाज को भ्रष्टाचार के दोनों ही मामलों में सुरक्षात्मक जमानत दे दी, यानी अब उनको जेल नहीं भेजा जाएगा। कोर्ट से राहत मिलने के बाद वो करीब चार साल बाद अपने वतन वापस आए हैं।
73 वर्षीय नवाज पाकिस्तान के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं। पाकिस्तान की राजनीति में उनके परिवार की अच्छी दखल है। नवाज और उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ दोनों प्रधानमंत्री रह चुके हैं। दोनों ही भाई पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। वर्ष 1990 में नवाज पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। इसके बाद 1997 और 2013 में क्रमशः दूसरी और तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए। पाकिस्तान में उनकी गैरमौजूदगी में पार्टी की कमान उनकी बेटी मरियम नवाज और भाई शहबाज संभाल रहे थे।
लंदन । पूर्व पाक प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि पार्टी प्रमुख नवाज शरीफ की वतन वापसी की योजना में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वह 21 अक्टूबर को ही पाकिस्तान पहुंचेंगे। शहबाज ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। मरियम और शहबाज दोनों गुरुवार देररात लंदन पहुंचे। शहबाज अपने भाई से कानूनी और राजनीतिक कदमों पर चर्चा करेंगे। यह जानकारी स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज ने यहां स्टैनहोप हाउस में नवाज शरीफ, मरियम नवाज, इशाक डार, तलाल चौधरी और अन्य लोगों की उपस्थिति में महत्वपूर्ण वार्ता के बाद मीडिया से बात की। शहबाज ने स्पष्ट किया कि नवाज शरीफ लाहौर लौटेंगे और फिर मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। वह गरीबी, बेरोजगारी से निपटने और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पार्टी की योजना देश के सामने रखेंगे। शहबाज ने कहा कि नवाज शरीफ ऐसा नेता हैं जो पहले भी पाकिस्तान को प्रगति और आशा के रास्ते पर ले गए और जनता के लिए काम किया। आगे भी वह ऐसा करेंगे। नवाज शरीफ मुल्क के लिए ‘आशा की किरण’ हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में शहबाज के हवाले से कहा गया है कि इमरान खान ने पाकिस्तान को अश्लीलता सिखाई। नवाज इस जहर को खत्म करेंगे। युवाओं को शिक्षित कर रोजगार दिया जाएगा। यह दुखद है कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय विमर्श में ‘जहर’ घोल दिया गया। अश्लीलता की संस्कृति को अभूतपूर्व स्तर पर ले जाया गया। इससे पाकिस्तान को नुकसान हुआ है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान को एक साथ लाना और आगे बढ़ना वक्त की जरूरत है। रोम एक दिन में नही बना था। नवाज शरीफ ने कभी भी अतिशयोक्ति वादे नहीं किए। हमेशा अपने वादे पूरे किए हैं। इस बीच, मरियम नवाज ने कहा है कि उनके पिता अब से लगभग एक महीने बाद लाहौर पहुंचेंगे। वहां उनका ऐतिहासिक स्वागत किया जाएगा।
इस्लामबाद । पाकिस्तान के निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि उनके बड़े भाई पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अगले माह स्वदेश लौटेंगे। कार्यवाहक सरकार के कार्यभार संभालते ही वह अपने बड़े भाई नवाज से मिलने के लिए लंदन जाएंगे।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक शहबाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ स्वदेश लौटने के बाद मुल्क में होने वाले आम चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व करेंगे। शहबाज ने नवाज की घरवापसी की सटीक तारीख बताए बिना कहा, वह स्वास्थ्य कारणों से नवंबर 2019 से लंदन में स्व निर्वासित निर्वासन में हैं।
उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार के मामलों में जवाबदेही अदालत से दोषी ठहराए जाने के बाद नवाज नवंबर 2019 में इलाज के लिए लंदन चले गए थे। तब से वह वहीं रह रहे हैं। 2016 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नवाज ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने पनामा पेपर्स लीक मामले में उन्हें दोषी ठहराया। दोष सिद्धि के विरुद्ध उनकी अपील फिलहाल संबंधित अदालत में लंबित है।
शहबाज ने उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी अगला आम चुनाव जीतेगी और वह नवाज के नेतृत्व वाली सरकार के तहत पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे। उनका बयान ऐसे समय पर आया है जब 9 अगस्त को नेशनल असेंबली के समय से पहले भंग होने के साथ ही कार्यवाहक सेटअप की नियुक्ति की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो चुकी है।
इस्लामाबाद । पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आज (बुधवार) अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। नेशनल असेंबली का कार्यकाल 12 अगस्त को पूरा हो रहा है। शहबाज समय से पहले इसे भंग कर चुनाव के लिए ज्यादा समय लेने में जुटे हैं। वह आज राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र लिख नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश करेंगे।
राष्ट्रपति अल्वी अगर उनकी सलाह को स्वीकार करते हैं तो 48 घंटे के भीतर नेशनल असेंबली को भंग किया जा सकता है। कल रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में प्रधानमंत्री शरीफ को विदाई दी गई। असेंबली के संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने की स्थिति में पाकिस्तान निर्वाचन आयोग 60 दिन के भीतर चुनाव कराने के लिए बाध्य है।
निर्धारित अवधि से पहले असेंबली भंग होने पर आयोग 90 दिनों के भीतर चुनाव कराता है। शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कार्यवाहक सरकार कार्यभार संभालेगी। कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
उधर, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पांच साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री खान ने ट्रायल कोर्ट के दोष सिद्धि फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
लाहौर । पाकिस्तान में नेशनल असेंबली चुनाव नवंबर में होने की संभावना है। यह संकेत प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को सियालकोट में सरकारी महिला कॉलेज के लैपटॉप वितरण समारोह के संबोधन में दिए। शरीफ ने कहा है कि वह असेंबली का कार्यकाल पूरा होने से पहले अगले महीने कार्यवाहक को बागडोर सौंप देंगे।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा नेशनल असेंबली का पांच साल का संवैधानिक कार्यकाल 12 अगस्त की आधी रात को समाप्त होना है। कानून के अनुसार, यदि निर्वाचित सदन पांच साल का अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा कर लेता है तो 60 दिन के भीतर आम चुनाव होते हैं। शीघ्र विघटन के मामले में 90 दिन के भीतर चुनाव होते हैं।
इससे पहले शहबाज ने लाहौर में युवा ऋण वितरण समारोह में कहा कि अगले चुनाव में लोगों का फैसला जो भी होगा, पीएमएल-एन उसे स्वीकार करेगी। प्रधानमंत्री ने नवाज शरीफ के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का भी संकेत दिया है। उन्होंने वादा किया कि अगर नवाज शरीफ दोबारा सत्ता में आए तो चौथी बार निर्वाचित प्रधानमंत्री के रूप में वह “पाकिस्तान को महान बनाएंगे।”
लाहौर । पाकिस्तान की मौजूदा शाहबाज़ शरीफ हुकूमत और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से शुरू हुआ घमासान थमता नज़र नहींआ रहा है। अब इमरान ने एक वीडियो जारी कर चेतावनी दी है कि पाकिस्तान एक बार फिर बांग्लादेश जैसे एक और विभाजन की ओर बढ़ रहा है। इमरान खान ने कहा कि ‘मुझे डरावने सपने आ रहे हैं कि देश तबाही की तरफ बढ़ रहा है। मैं सत्ता में बैठी ताकतों से अपील करता हूं कि चुनाव हो जाने दें और देश को बचाएं।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की कार्यवाहक सरकार ने बुधवार को इमरान खान के घर में आंतकी छिपे होने के आरोप लगाए थे। इसके साथ ही पुलिस ने इमरान के लाहौर स्थित घर को घेर लिया। इसके बाद एक वीडियो संदेश जारी कर इमरान ने कहा है कि पाकिस्तान, तबाही की तरफ बढ़ रहा है और पूर्वी पाकिस्तान (मौजूदा बांग्लादेश) जैसी स्थितियां फिर पैदा हो सकती हैं। इमरान खान ने पाकिस्तान की सत्ताधारी गठबंधन पर उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।
वीडियो में इमरान ने कहा कि उन्हें डरावने सपने आ रहे हैं और देश तबाही की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने सत्ता में बैठी ताकतों से अपील की कि चुनाव हो जाने दें और देश को बचाएं। इस पूरे हंगामे और राजनीतिक अस्थिरता का एक ही उपाय है कि चुनाव कराए जाएं। इमरान ने कहा कि पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) नेता और लंदन में रह रहे नवाज शरीफ को संविधान के अपमान, सरकारी संस्थानों के तबाह होने और पाकिस्तानी सेना की बदनामी से कोई फर्क नहीं पड़ता। वह सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं और लूटी गई दौलत को बचाने में जुटे हैं।
इस्लामाबाद । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को देश को विनाश के रास्ते पर ले जाने वाला बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का लाडला तक कह दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि दोहरे मानक पाकिस्तान में न्याय की मौत का कारण बने हैं।
खान को बड़ी राहत देते हुए हाई कोर्ट ने गुरुवार को नाटकीय अंदाज में की गई उनकी गिरफ्तारी को गैर कानूनी और अवैध करार दिया और उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश दिए। खान (70) को गत मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) के बाहर गिरफ्तार किया गया था और गत बुधवार को एक कोर्ट ने अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उन्हें आठ दिन की रिमांड पर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को सौंप दिया था।
शरीफ ने कहा कि यह और कुछ नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) है। शहबाज ने कहा कि जब वह (इमरान) गुरुवार को कोर्ट में उपस्थित थे, तो मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि आप को देखकर अच्छा लगा और उन्होंने यह भ्रष्टाचार के एक मामले में कहा।
शहबाज ने शुक्रवार को संघीय कैबिनेट को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आप इस लाडले का पक्ष लेते रहना चाहते हैं, तब तो आपको देश की जेलों में बंद सभी डकैतों को भी रिहा कर देना चाहिए। सभी को इसका लाभ मिले। उन्होंने पूछा कि यह नरमी उनके भाई पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अन्य नेताओं के प्रति क्यों नहीं दिखाई गई, जिन्हें इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते गिरफ्तार कराया था।
पीएम शरीफ ने इमरान खान और उनकी पार्टी को झूठा करार दिया और उन पर नकदी संकट से गुजर रहे देश को विनाश की ओर धकेलने का आरोप लगाया।
शरीफ ने मंत्रिमंडल को संबोधित करते हुए शरीफ ने खान के शासनकाल में उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं के जेल भेजे जाने पर साधी गई चुप्पी को लेकर अदालतों पर सवाल उठाया। उन्होंने सवाल किया, क्या उन्होंने (कोर्टों ने) संज्ञान लिया था, जब हमें जेल भेजा जा रहा था।
शरीफ ने दावा किया कि खान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से हुए समझौते का उल्लंघन किया और उनकी मौजूदा गठबंधन सरकार उसे ठीक करने की कोशिश कर रही है।
इस्लामाबाद । आर्थिक तंगी से जूझ रही पाकिस्तान की शरीफ सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय सहायता पाने के लिए जनविरोधी फैसले करने में कतई नहीं हिचक रही है। आईएमएफ ने पाकिस्तान पर क़र्ज़ देने के बदले बेहद कड़ी शर्ते रखी हैं।
शरीफ सरकार ने आईएमएफ की वित्तीय सहायता हासिल करने के लिए मंगलवार को प्राकृतिक गैस पर करों में भारी बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी से औद्योगिक और घरेलू दोनों तरह के उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ेंगी। आईएमएफ का कहना है कि सहायता के लिए पाकिस्तान को अपने कर ढांचे में सुधार लाना होगा, सब्सिडियां बंद करनी होगी और सेना एवं सरकार के खर्चे घटाने होंगे। इन शर्तों को पूरी करने की दिशा में कदम उठाते हुए पाकिस्तान ने घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए प्राकृतिक गैस पर कर 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 112 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही इसी सप्ताह बिजली की कीमतों में भी बढ़ोतरी की घोषणा की जा सकती है।
इससे पहले, आईएमएफ ने 2019 में बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्तान सरकार से बातचीत शुरू की थी। हालांकि, बाद में सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों के लिए अपेक्षित कदम नहीं उठाए जाने के कारण यह कार्यक्रम बीच में ही रोक दिया गया था।सरकार को आईएमएफ की सहायता से देश में बेहतरी आने की उम्मीद है, लेकिन आम जनता करों और महंगाई के बोझ से परेशान है। पाकिस्तान फिलहाल आर्थिक संकट, पिछली गर्मियों में आई विनाशकारी बाढ़ और कट्टरपंथी इस्लामी समूहों की हिंसा से जूझ रहा है। प्राकृतिक गैस पर कर वृद्धि से उत्पादन की लागत और महंगाई बढ़ने की संभावना है।
अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि नए करों के कारण पाकिस्तान की मुद्रास्फीति की दर 26 प्रतिशत बढ़कर 40 प्रतिशत हो सकती है। हालांकि उन्हें यह भी आशंका है कि अगर पाकिस्तान को आईएमएफ से ऋण नहीं मिलता है तो मुद्रास्फीति 60 प्रतिशत से ऊपर जाएगी। बता दें कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार फिलहाल तीन अरब अमेरिकी डालर से भी कम है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान से सोमवार को प्रकाशित अधिकांश अखबारों ने सरकार के जरिए आईएमएफ की शर्तों को मानते हुए पेट्रोल-डीजल 35 रुपये प्रति लीटर महंगा करने का फैसला लेने की खबरें दी हैं। वित्त मंत्री इसहाक डार ने एक बयान में कहा है कि कोशिश की गई है कि अवाम पर कम से कम बोझ डाला जाए। हम देश को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
अखबारों ने राजनीतिक दलों के जरिए पेट्रोल की कीमतों में की गई वृद्धि का कड़ा विरोध किए जाने की खबरें भी दी हैं। व्यापारिक संगठनों और आम लोगों में भी पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि को लेकर काफी गुस्सा है। अखबारों ने डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों के जरिए विरोध-प्रदर्शन किए जाने की खबरें देते हुए बताया कि किराए में 600 रुपये तक की वृद्धि कर दी गई है।
अखबारों ने पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई चेयरमैन इमरान खान का एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीब, तनख्वाहदार लोगों को कुचल कर रख दिया है। 200 अरब रुपये का मिनी बजट भी ला रहे हैं। अखबारों ने नेशनल असेंबली की 33 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद इन सभी क्षेत्रों से इमरान खान को ही मैदान में उतारने के पीटीआई के फैसले को भी महत्व दिया है।
बस खाई में गिरने से 41 लोग जिंदा जले
अखबारों ने बलूचिस्तान के जिला लसबेला में एक मुसाफिर बस के खाई में गिरने से 41 लोगों के जिंदा जलकर मरने की खबरें दी हैं। इस घटना में 3 लोग जख्मी भी हुए हैं। अखबारों ने खैबर पख्तूनख्वा के कोहाट डैम में कश्ती के उलटने से 10 छात्रों के डूब कर मरने की खबरें भी दी हैं।
अखबारों ने प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के इस्लामोफोबिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता के आह्वान को भी प्राकशित किया है। उनका कहना है कि स्वीडन में कुरान के अपमान का जो सिलसिला जारी है, वह निंदनीय है। अखबारों ने इस्लामी देशों की संसदीय यूनियन के जरिए अल्जीरिया में कश्मीर समस्या पर प्रस्ताव पेश किए जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नह्यान के पाकिस्तान की यात्रा पर आज आने की खबरें दी हैं। इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान को यूएई की तरफ से बड़े निवेश और मदद की घोषणा की उम्मीद है।
अखबारों ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश का एक बयान भी छापा है, जिसमें उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए। अखबारों ने पाकिस्तानी जायरीन के जरिए हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर हाजरी देने और पारम्परिक चादर पेश करने की खबरें भी दी हैं। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ आदि ने अपने पहले पन्ने पर प्रकाशित की हैं।
रोजनामा खबरें ने जम्मू-कश्मीर में अदालत के आदेश पर श्रीनगर के राजबाग स्थित हुर्रियत कांफ्रेंस के मुख्य कार्यालय को सील करने की खबर दी हैं। जांच एजेंसी एनआईए ने हुर्रियत कांफ्रेंस के इस दफ्तर को नई दिल्ली की एक अदालत के आदेश के बाद सील किया है।