इस्लामाबाद । पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनाव में सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटों के आंकड़ों दूर दलों की जोड़तोड़ की कवायद आखिरकार कामयाब होती दिख रही है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं ने राजधानी इस्लामाबाद में मंगलवार देररात बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में पत्ते खोल दिए। इन नेताओं ने कहा अगले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ होंगे। आसिफ अली जरदारी को दोनों पार्टियां संयुक्त रूप से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करेंगी।
पाकिस्तान के जिओ न्यूज चैनल ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। जिओ न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने के लिए समझौता कर लिया है। दोनों प्रमुख दलों के शीर्ष नेताओं ने पुष्टि की कि वे “देशहित में” सरकार बनाने के लिए एक बार फिर हमराह बनेंगे।
पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के पास अब पूरी संख्या है और हम अगली सरकार बनाने की स्थिति में हैं।” बिलावल ने कहा कि शहबाज अगले प्रधानमंत्री होंगे और जरदारी राष्ट्रपति पद के लिए दोनों पार्टियों के संयुक्त उम्मीदवार होंगे। उन्होंने कहा कि दोनों दल देश को मौजूदा संकट से बाहर निकालने के लिए अगली सरकार बनाएंगे। सीनेट अध्यक्ष के रूप में पीएमएल-एन नेता इशाक डार के नामांकन के संबंध में एक सवाल पर, बिलावल ने जवाब दिया कि इसकी घोषणा बाद में की जाएगी। आसिफ अली जरदारी ने कहा कि वह लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनका संघर्ष “आपके, पाकिस्तान और आने वाली पीढ़ियों” के लिए है।
इस अवसर पर पीएमएल-एन के नेता शहबाज ने कहा कि ”हमारे पास अगली सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या है।” उन्होंने बिलावल और जरदारी को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। शहबाज ने भी कहा कि दोनों पार्टियों ने फैसला किया है कि जरदारी को राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि मंत्रालयों पर निर्णय पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ और पीपीपी के शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में बाद में लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि चुनाव में पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों ने सबसे अधिक नेशनल असेंबली की 92 सीट हासिल की हैं। पीएमएल-एन को 79 और पीपीपी को 54 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।
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