धर्मशाला। चम्बा जिला के भटियात से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक कुलदीप सिंह पठानिया को सर्वसम्मति से हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया है। उनका चयन निर्विरोध हुआ है।
अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। सत्तापक्ष ने कुलदीप सिंह पठानिया के पक्ष में तीन प्रस्ताव दिये, जिसका विपक्ष ने समर्थन किया। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने कुलदीप सिंह पठानिया को विधानसभा अध्यक्ष घोषित किया। कुलदीप सिंह के नाम का सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रस्ताव पेश किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इसका समर्थन किया। दूसरा प्रस्ताव उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रखा, जिसका समर्थन कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने किया। तीसरा प्रस्ताव कांग्रेस के धनीराम शांडिल ने रखा और भाजपा के विपिन सिंह परमार ने इसका समर्थन किया। प्रोटेम स्पीकर चंद्र कुमार द्वारा अध्यक्ष की घोषणा के बाद पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर नए अध्यक्ष का अभिवादन किया।
सदन के नेता व मुख्यमंत्री सुक्खू, कुलदीप सिंह को अध्यक्ष के आसन तक ले गए। कुलदीप सिंह पठानिया के पद ग्रहण करने के बाद प्रोटेम स्पीकर की व्यवस्था खत्म हो गईं और चन्द्र कुमार सदस्यों के लिये बने स्थान पर जाकर बैठे।
इससे पहले प्रोटेम स्पीकर ने कुलदीप सिंह पठानिया के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 17 सितम्बर 1957 को सलाडा गांव में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिन्हुता में की। उन्होंने लखनऊ से बीएससी की पढ़ाई की जबकि कानून की डिग्री हिमाचल विश्वविद्यालय से ली। कुलदीप सिंह पठानिया कॉलेज में एनएसयूआई से जुड़े और सक्रिय सदस्य रहे। भटियात में किसानों-मजदूरों को संगठित करने की दिशा में काम किया। कुलदीप सिंह की सामाजिक सेवा में गहरी रुचि है और इन्होंने कई सामाजिक कार्य किये। वह वर्ष 1985 में पहली बार विधायक बने और उस वक्त सबसे युवा विधायक रहे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुलदीप सिंह पठानिया को नई जिम्मेदारी मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि कुलदीप सिंह एनएसयूआई से निकलकर आये हैं। पठानिया साधारण परिवार से आये और उनके परिवार से कोई भी राजनीति में नहीं है। कुलदीप सिंह ने कानून की पढ़ाई की और उन्हें विधि का पूरा ज्ञान है तथा वह सदन की कार्यवाही का संचालन विधिवत ढंग से करेंगे।
सुक्खू ने कहा कि कुलदीप सिंह पठानिया वर्ष 1985 में 28 साल की आयु में छठी विधानसभा के सबसे युवा विधायक बने। उन्होंने कहा कि जब मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष रहा, तब आप प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता बने थे। मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि कुलदीप सिंह पठानिया के संरक्षण में सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी और वो सभी सदस्यों को सदन में अपना पक्ष रखने के लिए उचित समय देंगे। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त अध्यक्ष को बेस्ट पार्लियामेंट्री अवार्ड मिल चुका है।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कुलदीप सिंह पठानिया को बधाई दी और आशा व्यक्त कि विपक्ष को सदन में उनका संरक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि कानून के ज्ञाता होने के चलते वह बेहतरीन तरीके से सदन का संचालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने नया कार्यभार संभालने पर कुलदीप सिंह को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 37 साल की तपस्या के बाद कुलदीप सिंह अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हुए हैं। इस कुर्सी को विट्ठल भाई पटेल ने सुशोभित किया है और वो पहले अध्यक्ष बने थे।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, पूर्व विस उपाध्यक्ष हंसराज, रोहित ठाकुर, अनिल शर्मा, राजेश धर्माणी, विक्रमादित्य सिंह, कुलदीप सिंह राठौर, रामकुमार चौधरी व अन्य सदस्यों ने अपने वक्तव्य के जरिये नवनियुक्त अध्यक्ष को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रदेश में शैक्षिक संस्थानों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए कहा कि शिक्षकों के समयबद्ध चयन के लिए सरकार गंभीर है। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का जल्द गठन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में एक ही आयोग से बेसिक, माध्यमिक, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के कॉलेजों में शिक्षकों का चयन होगा। यही आयोग टीईटी की परीक्षा भी कराएगा।
मुख्यमंत्री ने एकीकृत आयोग के रूप में ‘उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग’ के गठन के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि विगत पांच-साढ़े पांच वर्ष की अवधि में प्रदेश में संचालित विभिन्न चयन आयोगों की कार्यप्रणाली में शासन स्तर से अनावश्यक हस्तक्षेप न होने से आयोगों की कार्यप्रणाली में शुचिता और पारदर्शिता आई है। मेरिट के आधार पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन हो रहा है। प्रदेश में आये इस बदलाव का सीधा लाभ युवाओं को मिल रहा है। प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक, उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड एवं आयोग संचालित हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भी चयन की व्यवस्था लागू है। नीतिगत सुधारों के क्रम में भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए शिक्षक चयन आयोगों को एकीकृत स्वरूप दिया जाना उचित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक चयन अयोगों को एकीकृत स्वरूप देते हुए निगमित निकाय के रूप में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया जाना चाहिए। शिक्षकों के समयबद्ध चयन, मानव संसाधन का बेहतर उपयोग और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने में आयोग उपयोगी सिद्ध होगा। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग को एक स्वायत्तशासी निगमित निकाय का स्वरूप दिया जाना चाहिए। अध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में चयन परीक्षा, साक्षात्कार आदि के माध्यम से चयन की प्रक्रिया पूरी करते हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए नियुक्ति प्राधिकारी को संस्तुति की जाएगी। उक्त बिंदुओं के अनुरूप नए आयोग के स्वरूप, अध्यक्ष एवं सदस्यों की अर्हता, आयोग की शक्तियों और कार्यों के संबंध में रूपरेखा तय करते हुए आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए।
एडेड माध्यमिक विद्यालयों का होगा विकास
प्रदेश में 60, 70, 80 वर्ष अथवा और अधिक पुराने बहुत से माध्यमिक विद्यालय हैं। प्रदेश के शैक्षिक माहौल को समृद्ध करने में इन संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य सरकार से सहायता प्राप्त इन माध्यमिक विद्यालयों में आज अवस्थापना सुविधाओं के विकास की आवश्यकता है। ऐसे में शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के व्यापक हित को देखते हुए प्रबंध तंत्र की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए इन विद्यालयों के लिए एक बेहतर कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत किया जाए।
संस्कृत विद्यालयों के छात्रों को मिले छात्रवृत्ति
प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन भी इस नए आयोग के माध्यम से किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि टीईटी समय पर हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों का उन्नयन सरकार की प्राथमिकता में है। संस्कृत विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ-साथ अध्ययनरत विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए छात्रवृत्ति भी दी जानी चाहिए। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत करें।
मीरजापुर। मीरजापुर के देहात कोतवाली क्षेत्र के एक छोटे से गांव जसोवर निवासी सानिया मिर्जा ने एनडीए की महिलाओं की 19 सीट में से दूसरा स्थान प्राप्त कर परीक्षा में 149वीं रैंक हासिल की है।
एमए की डिग्री हासिल कर सानिया के पिता शाहिद अली वर्तमान में नगर के एक इलेक्ट्रानिक शाप मेंं टीवी मैकेनिक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि उनका परिवार सामान्य जीवन व्यतीत करता आया है। जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी सानिया पढ़ने में अच्छी है तो उसके लक्ष्य को अपना लक्ष्य समझ उसकी मदद करने की ठान ली। प्राइमरी से लेकर 10वीं तक की शिक्षा गांव के ही पंडित चिंतामणि दुबे इंटर कालेज में पूरी हुई। 2019 में जब सानिया ने यूपी बोर्ड की परीक्षा में जिला टाप किया तो उनका हौसला बढ़ गया। इसके बाद सानिया ने शहर के गुरु नानक गर्ल्स इंटर कालेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। जब सानिया ने एनडीए में जाने की इच्छा जताई तो पैसा बाधक बनने लगा। इसके बाद प्रयागराज के मांडा स्थित रामानंद मिश्रा डिग्री कालेज में बैचलर आफ साइंस इन एजुकेशन (बीएसई) की पढ़ाई करने लगी। वहीं दूसरी तरफ शाहिद ने भी हार नहीं मानी। वह दिन में दो से रात आठ बजे तक इलेक्ट्रानिक दुकान पर काम करते, इसके अलावा जसोवर गांव में भी काम करने लगे। वह बताते हैं कि प्रतिदिन 15 से 16 घंटे काम करने के बाद ढाई से तीन लाख रुपये जुटाए और सानिया को कोई परेशानी नहीं होने दी।
प्रथम महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी से हुईं प्रेरित
सानिया मिर्जा ने बताया कि प्रारंभ में उनका इंजीनियर बनने का सपना था। इसके लिए लगन से पढ़ाई भी कर रही थी। 11वीं कक्षा में जब पहुंची तो उन्होंने करेंट अफेयर्स की पढ़ाई के दौरान देश की प्रथम महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी के बारे में जाना। इसके बाद वह सानिया की प्रेरणा स्रोत बन गईं और उन्होंने भी एनडीए में जाने की ठान ली। सानिया ने बताया कि वह शुरू से ही ऐसा करना चाहती थी ताकि वह अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा बन सके। इसके बाद एनडीए की तैयारी में जुट गई। प्रथम प्रयास में परीक्षा पास नहीं कर पाई। बताया कि हमारे समाज में पढ़ाने से ज्यादा शादी के दहेज के लिए परिजन मेहनत करते हैं, लेकिन उनके पिता एवं मा तबस्सुम मिर्जा ने पूरी मदद की और पैसों का इंतजाम किया। इसके बाद लखनऊ स्थित सेंचुरियन डिफेंस एकेडमी से प्रशिक्षण भी लिया। सानिया ने बीते 10 अप्रैल को एनडीए की परीक्षा दी। नवंबर में लिस्ट जारी हुई, जिसमें उनका नाम भी शामिल था। वह फ्लाइंग में चुनी जाने वाली दो महिलाओं में से एक हैं।
सही तैयारी व रिवीजन से सफलता की राह हुई आसान
सानिया ने बताया कि यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को लगता है कि वह सीबीएसई, आइसीएसई बोर्ड से पढ़ाई करेंगे, तभी एनडीए में जाएंगे। ऐसा नहीं है। यूपी बोर्ड के विद्यार्थी भी कम नहीं है, बस सही तैयारी और रिवीजन से आगे बढ़ सकते हैं। सानिया एनडीए ट्रेनिंग के लिए 27 दिसंबर को पुणे में ज्वाइन करेंगी। बताया कि अगर कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो फिर इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। खास तौर पर तब जब आपके साथ आपके माता-पिता की भी चाहत हो। सानिया की मां तबस्सुम ने कहा कि उनकी बच्ची ने माता-पिता के साथ ही जनपद का मान रखा है। मां तबस्सुम ने भी एमए की पढ़ाई पूरी की है और गृहणी हैं। बताया कि बड़ा बेटा आबिद अली बीएड कर चुके हैं और छोटा बेटा राशिद अली एमएससी कर रहे हैं, जबकि सानिया सबसे छोटी हैं।
लखनऊ। केन्द्र व प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में प्रमुख सहयोगी दल अपना दल (एस) का चार नवम्बर को राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है। यह अधिवेशन इसलिए भी खास है कि राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद पहली बार अधिवेशन होगा और इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी चयन किया जाएगा।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अपना दल (एस) को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद शुक्रवार को राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने वाले अधिवेशन को लेकर कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे हुए हैं। अधिवेशन में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल एवं पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और उप्र सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय, प्रदेश पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी के सदस्यों के अलावा सभी जिलों के जिलाध्यक्ष सहित राज्य भर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल होंगे।
इस दौरान कार्यकर्ता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। इसके बाद पार्टी के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष की मौजूदगी में उनके दिशा-निर्देश पर पार्टी की गतिविधियों को और गति देने के लिए आगामी कार्यक्रम भी तय किए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपना दल (एस) प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है। इस ऐतिहासिक सफलता के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने पार्टी को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा दिया है। राज्य स्तरीय दर्जा मिलने के बाद पहली बार अपना दल (एस) का राष्ट्रीय अधिवेशन लखनऊ होने जा रहा है।
मुंबई। अखिल भारतीय वरिष्ठ चयन समिति ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के बाकी बचे दो मैचों के लिए दीपक चाहर के स्थान पर वाशिंगटन सुंदर को टीम में शामिल किया है।
इंदौर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टी-20 मैच के दौरान चाहर की पीठ में अकड़न थी और लखनऊ में खेले गए पहले एकदिवसीय मैच में भारत की प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं थे। वह अब वापस राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) जाएंगे और वहां की मेडिकल टीम उनकी निगरानी करेगी।
भारतीय टीम 9 अक्टूबर 2022 को रांची में दूसरा एकदिवसीय मैच खेलेगी और 11 अक्टूबर 2022 को नई दिल्ली में श्रृंखला का अंतिम एकदिवसीय मैच खेला जाएगा।
भारत की वनडे टीम इस प्रकार है: शिखर धवन (कप्तान), रुतुराज गायकवाड़, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर (उप-कप्तान), रजत पाटीदार, राहुल त्रिपाठी, ईशान किशन (विकेटकीपर), संजू सैमसन (विकेटकीपर), शाहबाज अहमद, शार्दुल ठाकुर, कुलदीप यादव, रवि बिश्नोई, मुकेश कुमार, अवेश खान, मो. सिराज, वाशिंगटन सुंदर।
रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ की रितिका ध्रुव का चयन नासा (नेशनल एयरोनोटिक्स ऐंड स्पेस एडमिनिट्रेशन) के सिटीजन साइंस प्रोजेक्ट के अंतर्गत क्षुद्रग्रह खोज अभियान के लिए हुआ है। नासा का यह प्रोजेक्ट इसरो के साथ अंतरराष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग कार्यक्रम का हिस्सा है। रितिका के महासमुन्द जिले के नयापारा के स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा है। रितिका की इस उपलब्धि पर स्कूल में खुशी का माहौल है।
सोसाइटी फॉर स्पेस एजुकेशन रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट (एसएसईआरडी) ने क्षुद्र ग्रह खोज अभियान की प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों को प्रोत्साहित करने कहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए देशभर से छह स्कूली विद्यार्थियों को चुना गया है। इसमें छत्तीसगढ़ के सिरपुर की रहने वाली रितिका ध्रुव भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने रितिका को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
रितिका ध्रुव को बचपन से ही विज्ञान के प्रति रुचि है। कक्षा 8वीं की पढ़ाई के दौरान उसने पहली बार अंतरिक्ष प्रश्नोत्तरी स्पर्धा में हिस्सा लिया था। इसके बाद वह लगातार ऐसी गतिविधि में हिस्सा लेती रही। इस समय वह इसरो के श्री हरिकोटा (आंध्र प्रदेश) सेंटर में प्रशिक्षण ले रही है।
इस प्रोजेक्ट में रितिका के साथ चयनित होने वालों में वोरा विघ्नेश (आंध्र प्रदेश), वेम्पति श्रीयेर (आंध्र प्रदेश), ओलविया जॉन (केरल), के. प्रणीता (महाराष्ट्र) और श्रेयस सिंह (महाराष्ट्र) शामिल हैं। इन सभी ने अंतरिक्ष के वैक्यूम में ब्लैक होल से ध्वनि की खोज विषय पर एक प्रस्तुति दी थी। जज पैनल में डॉ. बेलवर्ड (नासा), डॉ. जोनाथ (इसरो) और डॉ. ए. राजराजन (सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र) शामिल थे। रितिका 01 अक्टूबर से 06 अक्टूबर तक सतीश धवन स्पेस सेंटर श्री हरिकोटा आंध्र प्रदेश में प्रशिक्षण लेने पहुंची है। अगले चरण का प्रशिक्षण नवम्बर में बेंगलुरु में लेगी।