काठमांडू। आठ साल बाद तातोपानी क्रॉसिंग के जरिए नेपाल से चीन को होने वाले निर्यात को खोल दिया गया है। सोमवार को मितेरी ब्रिज के जरिए हस्तशिल्प और मुढा से भरे तीन कंटेनर चीन को निर्यात किए गए। 17 अप्रैल को सुरक्षा अधिकारियों की बातचीत के बाद पर नेपाल और चीन के बीच 6 बिंदुओं तातोपानी क्रॉसिंग को खोलने पर सहमति बनी थी।
नेपाल के बार-बार अनुरोध और द्विपक्षीय वार्ता के बाद सीमा दोनों दिशाओं में खोली गई है। हालांकि तातोपानी कस्टम्स के प्रमुख दयानिधि केसी ने कहा कि नेपाल को सिर्फ 182 वस्तुओं के निर्यात की इजाजत है। इन वस्तुओं में नूडल्स, जड़ी–बूटियाँ, हस्तशिल्प, पौधे आदि शामिल हैं।
तातोपानी क्रॉसिंग स्थित मितेरी ब्रिज के नेपाल की तरफ से सुरक्षा अधिकारी और सीमा शुल्क अधिकारी मौजूद थे। खासा पक्ष से चीन के अधिकारी भी मौजूद थे। अगर निर्यात खुल जाता है, तो भी नेपाल के लोग बिना वीजा के चीन की सीमा में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। भूकंप से पहले नेपाल के लोग अपना पहचान पत्र दिखाकर चीन के खासा बाजार जा सकते थे।
वर्ष 2015 के भूकंप के बाद तातोपानी क्रॉसिंग को बंद कर दिया गया था। बाद में चीन अपनी ओर से ही नेपाल को माल भेजता था। लेकिन नेपाल से आने वाले माल की क्रासिंग पर रोक लगा दी गई थी।
इसके साथ ही नेपाल और चीन के बीच दोतरफा आयात-निर्यात के लिए दो बॉर्डर क्रॉसिंग खोल दिए गए हैं। एक अप्रैल से रसुवागढ़ी क्रॉसिंग को दोनों दिशाओं में खोल दिया गया है।