- अभी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की मियाद 31 दिसंबर तक है
- 28 माह में योजना पर सरकार ने 1.80 लाख करोड़ रुपये किये खर्च
नई दिल्ली । गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया कराने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की समय-सीमा केंद्र सरकार एक बार और बढ़ा सकती है। सरकार के पास पर्याप्त अनाज भंडार होने का हवाला देते हुए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने गुरुवार को यह बात कही।
केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के बीच अप्रैल, 2020 में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए पीएमजीकेएवाई की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत मिलने वाले मुफ्त राशन की आखिरी तारीख 31 दिसंबर को खत्म हो रही है। पीएमजीकेएवाई का का आगे विस्तार करने का फैसला प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट की होने वाली बैठक में हो सकता है।
सरकार ने समय-समय पर इस योजना की डेडलाइन को बढ़ाया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को जारी रखा जा सकता है। गेंहू और चावल के अतिरिक्त स्टॉक के साथ सरकार इस फ्री स्कीम को आगे भी जारी रखने की योजना पर काम कर रही है। हालांकि, इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
दरअसल, पिछले हफ्ते खाद्य मंत्रालय ने कहा था कि एक जनवरी, 2023 तक केंद्रीय पूल में लगभग 159 लाख टन गेहूं और 104 लाख टन चावल उपलब्ध होगा जबकि एक जनवरी को बफर मानदंड के हिसाब से 138 लाख टन गेहूं और 76 लाख टन चावल के स्टॉक की जरूरत है। मंत्रालय के मुताबिक 15 दिसंबर तक केंद्रीय पूल में करीब 180 लाख टन गेहूं और 111 लाख टन चावल उपलब्ध था। ऐसे में जानकारों को मानना है कि सरकार एक बार और इस योजना को बढ़ा सकती है।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को प्रति माह पांच किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया जाता है। सरकार ने सितंबर में पीएमजीकेएवाई की समय-सीमा को तीन महीने के लिए यानी 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया था। पिछले 28 महीने में सरकार ने पीएमजीकेएवाई योजना के तहत गरीबों को मुफ्त राशन वितरण योजना पर 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं।