वाशिंगटन । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी । अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास व्हाइट हाउस में भारतीय प्रधानमंत्री के सम्मान में राजकीय डिनर का आयोजन किया गया। इसमें अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने दस्तरख्वान बिछाया और 400 विशिष्ट मेहमानों ने मोदी के साथ भोजन किया। इनमें मुकेश अंबानी, आनंद महिंद्रा, सुंदर पिचाई और सत्या नडेला जैसे दिग्गज शामिल रहे।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिकी दौरे के दूसरे दिन वाशिंगटन में उन्होंने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इसके बाद मोदी राजकीय डिनर के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे, जहां राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन ने भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस रात्रिभोज में मोदी के साथ दुनिया भर के 400 लोगों ने भोजन किया। पत्नी नीता अंबानी के साथ उद्योगपति मुकेश अंबानी से लेकर महिंद्रा कंपनी के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा, भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला और उनकी पत्नी अनु नडेला, भारतीय-अमेरिकी बिजनेस एक्जीक्यूटिव इंदिरा नूई और एप्पल के सीईओ टिम कुक भी व्हाइट हाउस के राजकीय डिनर में शामिल हुए।
डिनर में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा के साथ अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी और भारत में अमेरिकी दूत एरिक गार्सेटी भी मौजूद थे। भारतीय-अमेरिकी फिल्म निर्माता एम. नाइट श्यामलन, जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ, फ्लेक्सट्रॉनिक्स की सीईओ रेवती अद्वैथी, नेटफ्लिक्स की चीफ कंटेंट ऑफिसर बेला बजरिया, एडोब सीईओ शांतनु नारायण, अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू और भारतीय मूल के अमेरिकी प्रतिनिधि रो खन्ना और उनकी पत्नी रीता खन्ना के साथ राजाकृष्ण मूर्ति डिनर में शामिल हुए।
मेहमानों की सूची में रौनक देसाई और बंसारी देसाई, हुमा आबेदीन और हेबा आबेदीन, रीम एकरा और डॉ. निकोलस तब्बल, माला अडिगा (राष्ट्रपति की डिप्टी असिस्टेंट और फर्स्ट लेडी और चार्ल्स बिरो की नीति और परियोजनाओं की निदेशक), सलमान अहमद (डायरेक्टर पॉलिसी प्लानिंग स्टाफ), किरण आहूजा (यूएस ऑफिस ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट), सैम ऑल्टमैन और ओलिवर मुलहेरिन, अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन अपनी पत्नी चार्लेन ऑस्टिन, बेला बजरिया और रेखा बजरिया, डॉ. भरत बरई और पन्ना बरई, जोश बेकेंस्टीन और अनीता बेकेंस्टीन, जोशुआ बेल, राष्ट्रपति के सहायक और फर्स्ट लेडी के सीनियर एडवाइजर एंथोनी बर्नाल के नाम भी शामिल रहे।
जिल बाइडन ने तैयार किया मेन्यू
राजकीय डिनर के मेन्यू में मैरिनेटेड मिलेट, ग्रिल्ड कोर्न कर्नेल सैलेड, कॉम्प्रेस्ड वॉटरमेलन और टैंगी एवेकैडो सॉस शामिल रहा। मेन कोर्स में स्टफ्ड पोर्टोबेलो मशरूम, क्रीमी सैफरन इन्फ्यूज रिसोटो को शामिल किया गया था। इसके अलावा सुमैक रोस्टेड सी-बास, लेमन योगर्ट सॉस, क्रिस्प्ड मिलेट केक और समर स्क्वैश को शामिल किया गया। सबसे खास बात यह है कि मेन्यू को अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने गेस्ट शेफ नीना कर्टिस और व्हाइट हाउस के अन्य शेफ के साथ मिलकर तैयार किया।
satya nadela
नई दिल्ली । वैश्विक मंदी से डरी दुनियाभर की प्रौद्योगिकी कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही हैं। ट्विटर, अमेजन, मेटा और ओला के बाद दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भी इस साल अपने 10 हजार कर्मचारियों को बाहर करेगी। कंपनी के भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्या नडेला ने कंपनी के कर्मचारियों को लिखे पत्र में इसकी पुष्टि की है।
सीईओ नडेला ने कर्मचारियों के लिए लिखे ब्लॉगपोस्ट में कहा है कि कंपनी की आर्थिक परिस्थिति और उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी लंबी अवधि के लक्ष्यों पर केंद्रित कदम उठा रही है। नडेला ने कहा कि निकाले जाने वाले कर्मचारियों को सूचना दे दी गई है। इसमें से कुछ को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। इससे कंपनी को करीब 1.2 अरब डॉलर की बचत होगी।
दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में छंटनी की शुरुआत इंजीनियरिंग विभाग से होने वाली है। इससे पहले कंपनी जुलाई में भी अपने 1,000 कर्मचारियों को निकाल चुकी है। दरअसल, 30 जून, 2022 तक माइक्रोसॉफ्ट में कुल 2 लाख 21 हजार पूर्णकालिक कर्मचारी थे। इनमें से 1 लाख 22 हजार कर्मचारी संयुक्त राज्य अमेरिका में कार्यरत थे, जबकि 99 हजार कर्मचारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले ट्विटर, अमेजन और मेटा सहित कई टेक कंपनियों ने धीमी मांग और बिगड़ते वैश्विक आर्थिक हालात के मद्देनजर छंटनी की हैं। अमेजन समेत अन्य कंपनियां जनवरी के पहले छह दिनों में 30,611 लोगों को निकाल चुकी हैं। शेयरचैट ने भी 20 फीसदी छंटनी की घोषणा की है। वहीं, देश की चार सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों टीसीएस, विप्रो, इन्फोसिस और एचसीएल टेक में भर्तियों में 97 फीसदी की गिरावट आई है।