वाशिंगटन । अब यह पक्का हो गया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 15 नवंबर को मुलाकात होगी। यहां व्हाइट हाउस ने इसकी घोषणा की है।
मीडिया रिपोर्ट्स में व्हाइट हाउस के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडेन बुधवार (15 नवंबर) को एक साल में पहली बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से आमने-सामने मिलेंगे। इस मुलाकात को दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच तनाव को कम करने के उद्देश्य से उच्च-स्तरीय कूटनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
दोनों के बीच यह मुलाकात सैन फ्रांसिस्को के खाड़ी क्षेत्र में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन पर होनी है। इस मुलाकात में बीजिंग और वाशिंगटन के अधिकारियों के भी शामिल होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले इससे पहले बाइडेन और जिनपिंग पिछले साल 13 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले मिले थे।
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अमेरिका में चीनी महावाणिज्य दूतावास में घुसी कार, पुलिस ने चालक को मार गिराया, चीन ने बताया हमला
वाशिंगटन । अमेरिकी के सैन फ्रांसिस्को स्थित चीनी महावाणिज्य दूतावास में सोमवार को एक अनियंत्रित कार घुस गई। इस घटना को चीन ने हमला करार दिया है। अमेरिकी पुलिस ने दूतावास में कार सहित घुस जाने वाले ड्राइवर को गोली मार दी, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के सैनफ्रांसिस्को स्थित चीन के महावाणिज्य दूतावास में कामकाज अपनी गति से चल रहा था, उसी दौरान दोपहर करीब तीन बजे एक सेडान कार तेजी से आकर इमारत में घुसी और टकरा गयी। इससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोग इधर-उधर भागने लगे। दूतावास में मौजूद चीनी कर्मचारियों में दहशत फैल गयी। जिस समय यह घटना हुई, उस समय दूतावास में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। उन सबने इधर-उधर भागना शुरू कर देने से हड़कंप मच गया। चीन ने इस घटना को हमला करार दिया है। चीन ने कहा है कि मामला गंभीर है और यह चीनी दूतावास पर हमला है। चीन ने घटना की विस्तृत जांच की मांग की है। चीनी वाणिज्य दूतावास ने एक बयान में हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना से कर्मचारियों के जीवन और सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हुआ। हमारी सुविधाओं और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
पुलिस के मुताबिक आरोपित ने कार को चीनी महावाणिज्य दूतावास की लॉबी में घुसा दिया था। टीवी कैमरों में दिखा कि सेडान कार ने चीन के वीजा कार्यालय के दरवाजे से टक्कर मारी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपित कार ड्राइवर को गोली मार दी। घायल अवस्था में कार ड्राइवर को अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना में किसी अन्य के घायल होने की सूचना नहीं है। घटना के बाद पुलिस ने बिल्डिंग को चारों तरफ से घेर लिया है। साथ ही पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी भी कर दी है और घटना की जांच की जा रही है। क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और पुलिस ने लोगों से दुर्घटना स्थल से दूर रहने का आग्रह किया।
सैन फ्रांसिस्को। छह दिनों के अमेरिका दौरे पर पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा व भारतीय प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री भगवान को भी बता सकते हैं कि ब्रह्मांड कैसे बना। सेना को युद्ध कौशल सिखा सकते हैं। वैज्ञानिकों को विज्ञान के बारे में बता सकते हैं।
राहुल ने कहा कि भारत में कुछ लोगों को लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनमें से एक हैं। कैलिफोर्निया के सांता क्लारा के एक कार्यक्रम में राहुल ने कहा कि भाजपा और आरएसएस भारत में राजनीति के सभी उपकरणों को नियंत्रित कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने महसूस किया कि ऐतिहासिक रूप से राजनीति में इस्तेमाल होने वाले सामान्य उपकरण अब काम नहीं कर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा इसलिए शुरू हुई, क्योंकि लोगों से जुड़ने के लिए हमें जिन साधनों की जरूरत थी, वे सभी भाजपा-आरएसएस द्वारा नियंत्रित थे।
वाशिंगटन। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय दूतावास पर एक बार फिर खालिस्तान समर्थक पहुंचे। उन्हें पुलिस ने दूतावास की ओर बढ़ने नहीं दिया। पुलिस ने दूतावास की सुरक्षा बढ़ाते हुए यहां बैरिकेडिंग कर दी है।
भारत में वारिस पंजाब दे संगठन के जत्थेदार अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। इससे परेशान खालिस्तान समर्थकों ने ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के भारतीय दूतावासों पर हमला किया था। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर रविवार को कुछ खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने इमारत के बाहर खालिस्तानी झंडे लहराए थे। तब दूतावास के बाहर कोई सुरक्षा नहीं थी।
जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी सरकार के सामने नाराजगी जताई थी। अमेरिकी सरकार अब हरकत में आ गई है। सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर सरकार ने भारी सुरक्षा बल तैनात कर वहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पुलिस ने दूतावास के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी है। बुधवार को एक बार फिर कुछ खालिस्तान समर्थक दूतावास पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग के आगे बढ़ने नहीं दिया।
सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी समर्थकों के हमले के बाद व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी का बयान आया था। उन्होंने कहा था कि सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ ‘बिल्कुल अस्वीकार्य’ है और अमेरिका द्वारा इसकी निंदा की जाती है। अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय के नेताओं ने भी इसे लेकर विरोध जताया है। सिख नेताओं ने इन घटनाओं की निंदा की और कहा कि खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।
वाशिंगटन में रहने वाले सिख नेता जसदीप सिंह ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास के बाहर हुई किसी भी हिंसा या लंदन में भारतीय ध्वज के अपमान की निंदा करते हुए कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है लेकिन यह शांतिपूर्ण होना चाहिए और कोई हिंसा या तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप मीडिया में जो कुछ भी देख रहे हैं कि अमेरिका और कनाडा में खालिस्तान आंदोलन चल रहा है, वह सब बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उत्तरी अमेरिका में दस लाख से अधिक सिख रहते हैं और उनमें से केवल 50 भारतीय दूतावास के बाहर विरोध करने के लिए दिखाई देते हैं।
सैन फ्रांसिस्को (कैलिफोर्निया) । खालिस्तान समर्थकों का हौसला बढ़ता जा रहा है। लंदन के बाद अब इन लोगों अमेरिका में भारतीय दूतावास को निशाना बनाया है। खालिस्तान आंदोलन को हवा देने वाले कट्टरपंथी और अलगाववादी अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने इंग्लैंड के बाद यहां भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर तोड़फोड़ की है। सैन फ्रांसिस्को की गिनती संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और वित्तीय केंद्र के रूप में होती है। अमृतपाल सिंह भारत में पंजाब पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दिन-रात एक किए हुए है।
सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ करने से पहले अलगाववादी समर्थकों ने प्रदर्शन कर खालिस्तान के झंडे लहराए। भारतीय अधिकारियों ने इन झंडों को हटाया, तो उन पर हमला कर दिया। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इन लोगों ने दूतावास में घुसकर दरवाजे तोड़ते हुए नारेबाजी की। साथ ही दूतावास की दीवार पर फ्री अमृतपाल नारा भी लिख दिया।
इससे पहले ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भी अमृतपाल सिंह के समर्थकों का एक समूह भारतीय उच्चायोग में हंगामा कर भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का अपमान कर चुके हैं। लंदन की घटना पर भारत कड़ी आपत्ति जता चुका है।