नयी दिल्ली। रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के हावड़ा, गुजरात वडोदरा, महाराष्ट्र के संभाजीनगर और बिहार के सासाराम-नालंदा में हुई हिंसक घटनाओं को केंद्र सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया है।
हावड़ा हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को फोन कर स्थिति के बारे में जानकारी ली। वहीं इसे लेकर टीएमसी और बीजेपी के आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
पश्चिम बंगाल में सीएम के सख्त कार्रवाई के आदेश
रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल में हावड़ा के काजीपाडा इलाके में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान दो समूहों के बीच झड़प से माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस दौरान वाहनों में आगजनी और पत्थरबाजी की घटना भी सामने आई। कई दुकानों- ऑटो-रिक्शा में तोड़फोड़ की गई। पुलिस वाहनों सहित कई कारों में आग लगा दी गई। काजीपाडा में धारा 144 लगा दी गई है।
गुरुवार को भी यहां शिबपुर इलाके में पत्थरबाजी हुई थी, हालांकि पुलिस की भारी तैनाती के बीच शुक्रवार (31 मार्च) को इलाके में स्थिति शांतिपूर्ण हैं। अब तक उपद्रव में शामिल 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीएम ममता बनर्जी ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि बजरंग दल और अन्य ऐसे संगठनों के साथ बीजेपी हथियारों के साथ हुई इस हिंसा में शामिल थी।
टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पुलिस की कोई परमिशन नहीं थी। ये जुलूस अपना दम दिखाने के लिए किया गया था. बीजेपी तनाव पैदा कर रही है। वहीं बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में हावड़ा में रामनवमी के जुलूसों पर हिंसा और हमले की घटनाओं को लेकर जनहित याचिका दायर कर एनआईए जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हालातों पर सीएम ममता बनर्जी से बात की। उन्होंने सरकार से इस मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी। इसके साथ ही राज्यपाल ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त इंतजाम करने और शरारती तत्वों से सख्ती निपटने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने भी इस तरह की घटना दोबारा न हो उसे रोकने के लिए कड़ा और असरदार एक्शन लेने की बात कही है।
वडोदरा में आरोपी न्यायिक हिरासत
गुरुवार को वडोदरा के फतेपूरा इलाके में पत्थरबाजी की दो घटनाए हुई थी। पहली दोपहर डेढ़ बजे और दूसरी शाम 6 बजे हुई। पुलिस का मानना है कि दोपहर डेढ़ बजे दरगाह के पास हुई पत्थरबाज़ी की घटना बाइक सवार युवकों से हुई झड़प के बाद हुई। शोभायात्रा में जश्न मनाते समय पटाखे के कागज के टुकड़े उड़कर दरगाह में चले गए जिसके बाद बहस हुई और झगड़ा हुआ।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चार घंटे बाद इसी घटना से 200 मीटर दूरी पर दूसरी पत्थरबाजी की घटना हुई। जब मस्जिद के छत और अंदर से पत्थर फेंके गए। इस मामले में 23 आरोपियों में 5 को दो दिनों की रिमांड पर लिया गया है। 18 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 23 आरोपियों में 5 महिला हैं। इन पर पुलिस और शोभायात्रा पर पत्थर फेंकने का आरोप है।
महाराष्ट्र पुलिस अलर्ट मोड में
महाराष्ट्र में दोबारा किसी प्रकार का हिंसा न हो, इसके लिए पुलिस अलर्ट मोड में है। पुलिस सोशल मीडिया पर 24 घंटे निगरानी करेगी। मुंबई के मलाड इलाके में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान दो गुटों के बीच झड़प हुई। मुंबई की मालवानी पुलिस 300 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच और आरोपियों की तलाश में जुटी है। अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन पर इलाके में शोभायात्रा के दौरान माहौल खराब करने की कोशिश पर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मुंबई पुलिस के डीसीपी ने बताया की रामनवमी के जुलूस यात्रा के दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, कुछ समय के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन अब सब ठीक है।
sambhajinagar violence
महाराष्ट्र के संभाजीनगर में दो गुटों में मारपीट के बाद जमकर पथराव, भीड़ ने पुलिस की गाड़ियां भी फूंकी
मुंबई। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के किराडपुरा इलाके में दो गुटों में मारपीट हो गई है। बवाल बढ़ने के साथ ही दोनों गुटों की तरफ से पथराव होने लगा। मुख्यालय पर मिली जानकारी के अनुसार कुछ निजी और पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई है। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और अब स्थिति शांतिपूर्ण है। छत्रपति संभाजीनगर के सीपी निखिल गुप्ता ने बताया कि, बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएग।
पुलिस कमीश्नर निखील गुप्ता ने कहा, रात के 12.30 बजे की यह घटना है। कुछ लड़कों ने इस घटना को अंजाम दिया है। मैं अपील करता हूं की शांति से रहें। दंगाई पर कार्रवाई होगी. पुलिस अपना काम कर रही है।
रामनवमी के अवसर पर शहर के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शहर की मिली-जुली आबादी वाली बस्ती किराडपुरा स्थित राम मंदिर में भी तैयारियां चल रही थीं। रात करीब बारह बजे युवकों की टोली मंदिर की ओर जा रही थी। यहीं से तनाव की पहली चिंगारी भड़की. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार कुछ युवक मोटरसाइकिल पर जा रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे तभी उन्होंने युवकों को टक्कर मार दी और उनके बीच कहासुनी शुरू हो गयी। बाद में विवाद बढ़ गया। मंदिर के सामने खड़े पुलिस वाहन में दंगाइयों ने आग लगा दी। बेकाबू भीड़ सुनने को तैयार नहीं थी कुछ ही देर में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों समेत भारी फोर्स मौके पर पहुंच गई। लेकिन लोगों ने भी पथराव किया और कार के शीशे तोड़ दिए। नतीजा यह हुआ कि भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की। बाद में दमकल विभाग के वाहनों ने आग बुझाई। स्थानीय लोगों के मुताबिक भीड़ के नहीं सुनने पर धर्मगुरु को बुलाया गया। आजाद चौक से सिटी चौक तक पूरी पुलिस सड़क पर थी। अभी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. बता दें, 2 तारीख को यहां महाविकास आघाड़ी की रैली भी होनी है।
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय पार्षद मोहम्मद नसीरुद्दीन ने राम मंदिर के अंदर से एक वीडियो शेयर किया और कहा कि “कुछ गलत खबर फैलाई गई थी कि कुछ बदमाशों ने मंदिर पर हमला किया था”। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील मौके पर पहुंचे और शहर में शांति बनाए रखने और अफवाह पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।
इस मामले को लेकर सांसद इम्तियाज जलील की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, नशा करने वाले लडकों ने आतंक मचाया है. पुलिस घटनास्थल पर देरी से पहुंची. कोई सीनियर अधिकारी नहीं था। इसकी डिटेल जांच होनी चाहिए। यह घटना निंदनीय है।