नयी दिल्ली। वर्ष 2023 ख़त्म होने के ठीक पहले रूस ने यूक्रेन पर सबसे बड़ा और भयंकर हमला किया है। हमला इतना जबरदस्त था कि कई बिल्डिंगों के परखच्चे उड़ गए। कई गगनचुंबी इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। इस भीषण हमले में कई लोगों के मारे जाने की खबर है। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा कि रूस ने साल के सबसे बड़े हमलों में से एक में यूक्रेन पर रातभर में लगभग 110 मिसाइल और ड्रोन हमले किए। यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि अधिकतर मिसाइल और ड्रोन को मार गिराया गया, लेकिन हमले में कम से कम सात लोगों की जान चली गई।
रूस की ओर से किए गए इस साल के सबसे बड़े हमले में अभी कई और लोगों की मौत होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि कई लोग मलबे में दब गए हैं। साथ ही काफी संख्या में लोगों के घायल होने की खबर है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मलबे में दबे लोगों को तलाशने का काम जारी है। रूस के हमले से पूरे इलाके में दहशत फैस गई है। हमले के बाद आसपास खड़ी गाड़ियों के भी परखच्चे उड़ गए। धमाके इतने भयानक थे कि आसपास के कई शहरों तक इनकी आवाज सुनी गई।
रूस ने बरसाई बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें
ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूसी सेना ने बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों सहित विभिन्न प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल किया। यूक्रेनी वायुसेना के प्रवक्ता यूरी इहनाट ने कहा कि रूस ने पूरे यूक्रेन में लक्ष्यों पर हमले के लिए “स्पष्ट रूप से अपने पास मौजूद सभी चीजों का इस्तेमाल किया”। अधिकारियों के अनुसार, बृहस्पतिवार से शुरू हुए हमले लगभग 18 घंटे तक जारी रहे जिनमें राजधानी कीव और पूर्वी एवं पश्चिमी यूक्रेन के क्षेत्रों सहित छह शहरों को निशाना बनाया गया।
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मोदी को रूस आने का पुतिन ने दिया न्यौता, कहा- दुनिया में उथल-पुथल के बीच रूस-भारत के बीच मजबूत रिश्ते
मॉस्को । रूस की पांच दिनों की यात्रा पर पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने गर्मजोशी के साथ जयशंकर से मुलाकात की और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी को अगले साल रूस आने का न्यौता दिया। इस दौरान पुतिन ने कहा कि अगला साल चुनाव के लिहाज से भारत के लिए बहुत व्यस्त रहने वाला है। चुनाव के लिए उन्होंने मोदी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि चुनावी जीत किसी की भी हो, भारत-रूस के रिश्ते मजबूत और स्थिर बने रहेंगे।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। जयशंकर ने एक्स पोस्ट में इसकी जानकारी दी- `आज शाम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। प्रधानमंंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से उन्हें शुभकामनाएं दीं और एक निजी संदेश सौंपा। राष्ट्रपति पुतिन को उपराष्ट्रपति डेनिस मंतुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से हुई अपनी चर्चाओं से अवगत कराया। दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के उनके मार्गदर्शन की सराहना की।’
इस बातचीत के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि पीएम मोदी शांतिपूर्ण तरीके से रूस-यूक्रेन विवाद को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने कई मौकों पर इसका बार-बार उल्लेख किया। उन्होंने भारत-रूस संबंधों पर बात करते हुए कहा कि हम उर्जा से लेकर प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में एक साथ हैं। हम पेट्रोल के साथ-साथ उच्च तकनीकी क्षेत्र में भी साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में काफी उथल-पुथल के बावजूद रूस और भारत के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने भारतीय नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है।
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री ने रूस के विदेश मंत्री मर्गेई लावरोव से मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक में लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत ने जी 20 की अध्यक्षता कर अपनी विदेश नीति की ताकत को साबित कर दिया।
मास्को । राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के धुर आलोचक अलेक्सी नवलनी को देश के दूसरे भाग स्थित जेल में ले जाया गया है। वहां पहुंचने के बाद कानून के अनुसार उसके बारे में जानकारी दी जाएगी।
नवलनी की प्रवक्ता किरा यर्मिश ने कहा कि उन्हें कहां ले जाया गया है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। वकीलों को बताया गया है कि 11 दिसंबर को वह व्लादिमीर क्षेत्र से बाहर भेज गए हैं। उनके वकीलों ने छह दिसंबर से उन्हें नहीं देखा है।
बड़ा देश होने के कारण कैदियों को रेल से ले जाने में कई हफ्ते लग सकते हैं। इस दौरान कैदी के गंतव्य तक पहुंचने, उसके स्वास्थ्य आदि की जानकारी प्राप्त करने में वकील और परिवार के सदस्य असमर्थ होते हैं। पूर्व वकील नवलनी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद सुर्खियों में आए थे।
नवलनी को सर्बिया में अगस्त 2020 में जहर देने का आरोप लगा, लेकिन क्रेमलिन ने उनकी हत्या के प्रयास का आरोप खारिज कर दिया था। बाद में नवलनी को चिकित्सा कराने जर्मनी ले जाया गया, जहां जांच में पता चला कि उन्हें नर्व एजेंट (जहर) दिया गया था। 2021 में नवलनी जर्मनी से रूस लौटे।
मास्को। रूस और यूक्रेन की लड़ाई बहुत भीषण दौर में प्रवेश करती नज़र आ रही है। हाल के समय में रूस ने यूक्रेन पर हमले और तेज कर दिए हैं। साथ ही हमलों की संख्या बढ़ा दी है। इसी बीच रूस ने यूक्रेन पर ताजा गोलीबारी की है। इस घटना से रूस ने एक बार फिर अपने खतरनाक इरादे जता दिए। रूस ने यूक्रेन के दक्षिण शहर को निशाना बनाया है। इस हमले में दो लोगों के मारे जाने की खबर है।
मिली जानकारी के अनुसार रूसी सेना ने मंगलवार सुबह यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसान पर हमला किया। इसमें कम से कम दो लोग मारे गए। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी। क्षेत्रीय गवर्नर ओलेक्सांद्र प्रोकुदीन ने हमले के बाद एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें शहर की एक सड़क पर दो शव पड़े हुए देखे जा सकते हैं।
हमले में दो चिकित्सक भी घायल
खेरसान शहर प्रशासन के प्रमुख रोमन मरोचको ने कहा कि हमले में दो चिकित्साकर्मी भी घायल हुए हैं। रूसी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने क्रीमिया पर एक अन्य यूक्रेनी हमले का जवाब दिया है, जबकि यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि वायु रक्षा प्रणाली ने रूसी सैनिकों के ड्रोन और मिसाइल हमले का जवाब दिया। दोनों में से किसी भी पक्ष ने इसमें किसी के हताहत होने या क्षति पहुंचने की सूचना नहीं दी है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वायु रक्षा प्रणाली ने मंगलवार तड़के क्रीमिया और अजोव सागर के ऊपर 22 यूक्रेनी ड्रोन को नष्ट कर दिया और 13 को रोक दिया। इसके शीघ्र बाद, अन्य चार ड्रोन मार गिराये गए और दो को रोका गया। रूस और यूक्रेन दोनों ही एकदूसरे पर हमले कर रहे हैं। फिलहाल इस जंग का कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है।
पुतिन ने और सैनिकों की भर्ती के दिए हैं आदेश
रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब 22 महीने हो चुके हैं। ऐसे में रूसी राष्ट्रपति पुतिन अब युद्ध को और अधिक लंबा नहीं खींचना चाहते। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने लंबे समय से जारी संघर्ष के मध्य रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश की सेना को कम से कम 170,000 अतिरिक्त सैनिकों को शामिल करने के शुक्रवार को आदेश दिए। पुतिन का यह आदेश शुक्रवार को जारी हुआ और इसे तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया दिया गया। इससे रूसी सैन्यकर्मियों की बढ़कर संख्या 2,200,000 हो गई। इसमें 1,320,000 सैनिक भी शामिल हैं।
यूक्रेन ने क्रीमिया पर किया बड़ा ड्रोन हमला, रूसी गवर्नर का दावा- दर्जनों ड्रोन मार गिराए गए
कीव । यूक्रेन द्वारा क्रीमिया प्रायद्वीप पर किये गए बड़े बड़ा ड्रोन हमले को रूसी सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया है। रूसी अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की है।
यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर अवदीवका पर हमला करने के लिए अपने प्रयास और तेज कर दिए हैं । रूस ने 2014 में यूक्रेनी प्रायद्वीप क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। जून में शुरू हुए यूक्रेन के जवाबी हमले के बावजूद कोई भी पक्ष ज्यादा जमीन हासिल नहीं कर पाया है और विश्लेषकों का अनुमान है कि युद्ध लंबा चलेगा।सर्दियों का मौसम शुरू होने के साथ ही युद्ध के मैदान में बर्फबारी और हाड़ जमा देने वाली ठंड के बीच यूक्रेन और रूस ऐसी जमीन तलाश रहे हैं जो भविष्य में आगे बढ़ने के लिए मंच प्रदान कर सके। दक्षिणी यूक्रेन के खेरसान क्षेत्र के रूस के कब्जे वाले हिस्से के रूसी गवर्नर व्लादिमीर साल्डो ने कहा कि यूक्रेन ने शुक्रवार तड़के क्रीमिया पर एक बड़ा ड्रोन हमला किया। उन्होंने दावा किया कि हमला करने आए दर्जनों ड्रोन मार गिराए गए।
जेनेवा । रूस के साथ युद्ध में अब तक यूक्रेन के 10 हजार नागरिकों की जान जा चुकी है। हर दिन हो रहे रूसी हमलों के साथ मौत का यह आंकड़ा बढ़ रहा है। यूक्रेन के पूर्वी डोनेट्स्क और खार्कीव क्षेत्र में सोमवार देर रात रूस के मिसाइल हमलों में तीन लोगों की मौत हो गई और आठ घायल हो गए। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार को 10 हजार यूक्रेनी नागरिकों के मारे जाने पर गहरी चिंता जताई।
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। रूस-यूक्रेन युद्ध 21वें महीने में प्रवेश कर चुका है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि रूस द्वारा लंबी दूरी की मिसाइलों का प्रयोग करने के कारण आधी मौतें पिछले तीन माह में सीमा से बहुत दूर हुईं। मृतकों में एक तिहाई 60 साल से अधिक उम्र के हैं। हालांकि, मास्को जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाने की बात से इनकार करता रहा है।
इधर, सोमवार को रूस के हमलों से बखमुत का पूर्वी शहर तबाह हो गया। कीव की ओर बढ़ने में असफल होने पर रूस, यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्रों पर लगातार हमले कर रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को युद्ध में यूक्रेन की सेना की लगातार बिगड़ती स्थिति के बावजूद मास्को के साथ शांति वार्ता करने से इनकार कर दिया।
रूस के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कीव में वर्तमान शासन के साथ किसी प्रकार की बातचीत संभव नहीं है। यूरोपियन परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने मंगलवार को युद्धग्रस्त कीव का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूक्रेन लगातार ईयू के करीब आता गया और उसकी प्रगति उल्लेखनीय है। हम रूस के खिलाफ युद्ध में उसका समर्थन जारी रखेंगे।
जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने भी मंगलवार को कीव की अघोषित यात्रा की और रूस के खिलाफ युद्ध जीतने के कीव के प्रयासों का समर्थन जारी रखने की बात दोहराई।
अमेरिका ने सोमवार को यूक्रेन के लिए 10 करोड़ डॉलर के नए सहायता पैकेज की घोषणा की। जेवलिन, एटी-4 लांचर, छोटे हथियार बारूद, स्टिंगर विमान भेदी मिसाइलें आदि भी पैकेज में शामिल हैं। जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने भी यूक्रेन के लिए 142 करोड़ डालर के सैन्य सहायता पैकेज की घोषणा की।
नई दिल्ली । भारतीय वायु सेना ने रूस से मिले एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एस-400 को भगवान कृष्ण के हथियार ‘सुदर्शन चक्र’ के नाम पर ‘सुदर्शन’ रखा है। अब तक 3 स्क्वाड्रन भारत में आ चुकी है और बाकी दो की डिलीवरी 2024 तक होनी है। वायु सेना ने भारतीय सेना के साथ चीन की सीमा से लगे उत्तर पूर्व क्षेत्र में हुए ‘आकाश पूर्वी’ अभ्यास में पहली बार एस-400 को शामिल किया। यूक्रेन से युद्ध के चलते बाकी दो एस-400 की आपूर्ति में देरी होने की संभावना है, इसलिए भारत ने खुद एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एस-400 बनाने का फैसला लिया है।
चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत को ताकतवर रूसी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की बहुत जरूरत थी। इसलिए पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के कार्यकाल में भारत और रूस के बीच हुए पांच स्क्वाड्रन एस-400 मिसाइल सिस्टम का सौदा 35 हजार करोड़ रुपये में हुआ था। यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस अब तक भारत को 3 एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति कर चुका है, जबकि दो सिस्टम अभी मिलने हैं। तीनों एस-400 को देश की पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी सीमा पर तैनात किया जा चुका है। बाकी दो स्क्वाड्रन की डिलीवरी 2024 तक होनी है, लेकिन यूक्रेन से युद्ध के चलते इनकी आपूर्ति में देरी होने की संभावना है।
वायु सेना और भारतीय सेना ने पिछले माह चीन की सीमा से लगे उत्तर पूर्व क्षेत्र में ‘आकाश पूर्वी’ अभ्यास किया, जिसमें सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी के रूसी एस-400 को भी शामिल किया गया। इसके अलावा इस मेगा हवाई अभ्यास में सुखोई-30 एमकेआई, राफेल, स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस और अटैक हेलीकॉप्टर एलसीएच प्रचंड के साथ-साथ जमीनी सैनिक भी शामिल थे। इस अभ्यास ने भारतीय वायु सेना की परिचालन तत्परता को प्रदर्शित किया। वायु सेना ने भगवान श्रीकृष्ण के हथियार ‘सुदर्शन चक्र’ के नाम पर रूसी एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 का नाम ‘सुदर्शन’ रखा है।
भारत के पास पड़ोसी देशों से लगी लगभग 15 हजार किमी. लम्बी सीमा की निगरानी के लिहाज से मिसाइल डिफेंस सिस्टम कम हैं, इसलिए भारत ने रूस से पांचों एस-400 की आपूर्ति होने के बाद ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत भारत में 5 और एस-400 स्क्वाड्रन का निर्माण किये जाने की योजना है। भारत सिर्फ चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। ये सीमा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है। ये सरहद तीन सेक्टरों में बंटी हुई है, जिसमें पश्चिमी सेक्टर यानी जम्मू-कश्मीर, मध्य सेक्टर यानी हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड और पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश है।
डीआरडीओ की लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआरएसएएम) 2029 तक तैनाती के लिए तैयार हो जाएगी। प्रोजेक्ट ‘कुशा’ के तहत बनाई जा रही यह मिसाइल 250 किमी रेंज तक फाइटर जेट, मिसाइलों और ड्रोन और 350 किमी रेंज तक एडब्ल्यूईसीएस जैसे बड़े लक्ष्य का पता लगाने में सक्षम होगी। यह स्टील्थ फाइटर जेट्स का भी पता लगाने में सक्षम होगी। पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सीसीएस ने मई, 2022 में बहुत ही गुप्त तरीके से इस परियोजना को मंजूरी देने के साथ ही तेजी से विकास के लिए 21,700 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी थी। कुल 5 स्क्वाड्रन में 3 अलग-अलग तरह की 150 किलोमीटर, 250 किलोमीटर और 350 किलोमीटर तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें होंगी।
वाशिंगटन/यरुशलम/तेल अवीव। फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास और इजराइल के बीच छिड़ा युद्ध आज (शुक्रवार) 28वें दिन में प्रवेश कर गया। इस घमासान में दोनों पक्षों को भारी क्षति हुई है। इस बीच गाजा में अमेरिका के मानवरहित ड्रोन की बढ़ती हलचल और रूस के वैगनर समूह के आतंकी समूह हिजबुल्लाह को सैन्य सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा से युद्ध के लंबा खिंचने की आशंका प्रबल हो गई है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
हालांकि यह कहा गया है कि अमेरिकी एमक्यू-9 रीपर ड्रोन अपने बंधक बनाए गए नागरिकों का पता लगाने के लिए गाजा के ऊपर उड़ान भर रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने वाशिंगटन में कहा कि करीब एक सप्ताह से ड्रोन से निगरानी की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि 10 अमेरिकी नागरिकों का अब तक पता नहीं चल पाया है। संभावना है कि इनको हमास ने अपनी सुरंग में कैद कर रखा है। गाजा में 200 से अधिक लोग बंधक हैं।
अमेरिकी ड्रोन का निगरानी अभियान दक्षिणी गाजा में केंद्रित हैं। यह स्थान उत्तर में कहर बरपा रही इजराइली सेना से लगभग 15 मील दूर है। ड्रोन उड़ान पर नजर रखने वालीं विमानन शोधकर्ता अमेलिया स्मिथ के अनुसार इस प्रयास में कम से कम छह अलग-अलग एमक्यू-9 रीपर शामिल हैं। यह 24,000 से 26,000 फीट की ऊंचाई पर लगभग तीन घंटे तक गाजा में निगरानी करते हैं।
एमक्यू-9 को अमेरिकी वायुसेना के पहले ‘शिकारी-हत्यारे’ ड्रोन के रूप में डिजाइन किया गया था। एक समय में 20 घंटे से अधिक समय तक एक क्षेत्र के ऊपर मंडराने की क्षमता के कारण इसका उपयोग मुख्य रूप से निगरानी अभियान के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल इराक, अफगानिस्तान और सीरिया में हवाई हमले करने और खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए किया जा चुका है।
इस बीच इजराइल के सुरक्षाबलों ने लेबनान से सतह से हवा में मार करने वाली हिजबुल्लाह की मिसाइल को मार गिराया है। सुरक्षाबलों ने जेनिन में बमबारी की है। उधर, दावा किया गया है कि उत्तरी इराक के हरीर सैन्य अड्डे पर एक ड्रोन को मार गिराया गया है। गाजा में छिड़े युद्ध के बीच अमेरिकी खुफिया विभाग को पता चला है कि लेबनान के मिलिशिया समूह की इजराइल के साथ झड़प के बाद रूस का वैगनर समूह हिजबुल्लाह को एक वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली देने की तैयारी कर रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक के साथ बैठक में अपना रुख फिर स्पष्ट किया। उन्होंने हमास आतंकवादियों के खिलाफ गाजा में चल रहे जमीनी हमले में इजराइल के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इजराइल को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुरूप खुद की रक्षा करने का अधिकार है। अमेरिका उनके साथ इस युद्ध में खड़ा रहेगा।
तेल अवीव/यरुशलम/दमास्कस/मॉस्को । हमास के इजराइल पर किए गए बर्बर आक्रमण के बाद उठ रही युद्ध की लपटों में गाजा पट्टी समेत कई देश झुलस रहे हैं। रविवार को गोलान हाइट्स की ओर किए गए रॉकेट हमले के जवाब में इजराइली वायुसेना ने दक्षिणी सीरिया के सैन्य ठिकानों पर रातभर ताबड़तोड़ हमला किया है। साथ ही उत्तरी गाजा में इजराइल की थल और नभ सेना का कहर जारी है। उत्तरी गाजा में आज (सोमवार) तड़के कई स्थानों पर मिसाइल और रॉकेट दागे गए। इस बीच रूस ने अपने एक हवाई अड्डे को छह नवंबर तक के लिए बंद कर दिया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सीरिया की राजधानी दमास्कस में इजराइल के ताजा हमलों से निपटने की रणनीति तय की जा रही है। इसके अलावा इजराइल ने गाजा पट्टी पर जमीनी हमला न करने की वैश्विक अपील को ठुकरा दिया है। इजराइल की सेना लगातार गाजा पट्टी पर मौजूद हमास के आतंकी ठिकानों को जमींदोज कर रही है। हमास नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि सात अक्टूबर से आज तक गाजा में मरने वालों की संख्या 8,000 से अधिक हो गई है। इसमें 3,342 बच्चे शामिल हैं।
रूस ने दागेस्तान एयरपोर्ट बंद कियाः एक रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रविवार को रूस के काकेशस गणराज्य के दागेस्तान में इजराइल के नागरिकों और यहूदियों की तलाश कर रही भीड़ ने मुख्य एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया। भीड़ को आशंका थी कि इजराइल से एक उड़ान आ रही है। इस घटना के बाद रूस की विमानन एजेंसी ने कहा है कि भीड़ के हमले के बाद दागेस्तान का मुख्य हवाई अड्डा 6 नवंबर तक बंद रहेगा।
उत्तरी इजराइल के हाइफा में धमाकाः एक रिपोर्ट्स में आज सुबह उत्तरी इजराइल के सबसे बड़े शहर हाइफा में धमाका होने का दावा किया गया है। इजराइल डिफेंस फोर्सेज ने कहा कि सीरिया से दागे गए रॉकेट और मिसाइल खुले इलाकों में गिरे हैं। इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है।
आतंकी संगठन हमास नहीं जाने दे रहा विदेशी नागरिकों को मिस्रः इस युद्ध के बीच व्हाइट हाउस के मुख्य सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है कि मिस्र गाजा छोड़ने के इच्छुक अमेरिकियों और अन्य विदेशी नागरिकों को रास्ता देने को तैयार है पर इसमें हमास बाधा बन रहा है। हमास इन लोगों को गाजा से बाहर नहीं जाने दे रहा। वह इसके लिए मांग रख रहा है।
हमास के पतन के बाद की इजराइली योजनाः एक अन्य रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि गाजा में हमास के पतन के बाद इजराइल ने यहां के नागरिकों को मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में स्थानांतरित करने की योजना को मूर्तरूप दिया है। यह क्षेत्र 1982 से 2000 तक इजराइल की सेना के कब्जे में रहा है। मगर मिस्र ने इजराइल की इस योजना पर कड़ी आपत्ति जताई है।
वर्ष 2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण शनिवार 28 अक्टूबर को मध्य रात्रि के उपरांत लगेगा। भारत में यह मध्य रात्रि के बाद 01 बजकर 05 मिनट से 02 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। शनिवार को आश्विन माह की पूर्णिमा है। आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस चंद्र ग्रहण को भारत में देखा जा सकेगा, जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य होगा।
मुरादाबाद स्थित सुगम ज्योतिष केंद्र के संचालक एवं शिव शक्ति मंदिर रामगंगा विहार के पुरोहित पंडित हेमंत भट्ट ने गुरुवार को बताया कि 28 अक्टूबर को मध्य रात्रि उपरांत 01 बजकर 05 मिनट से 02 बजकर 24 मिनट तक खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण की अवधि एक घंटा 19 मिनट रहेगी। खंडग्रास चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व शनिवार शाम 04 बजकर 05 मिनट से सूतक लग जाएंगे। सूतक की शुरुआत होते ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे।
पंडित हेमंत भट्ट ने बताया कि इस ग्रहण में चंद्रमा की दक्षिण कोर मामूली रूप से ग्रसित होगी। इस ग्रहण को भारत के साथ-साथ श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, चीन, मंगोलिया, कजाकिस्तान, रूस, ईरान, इराक, सऊदी, अरब सूडान, तुर्किये, नाइजीरिया, अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका, जर्मन, पोलैंड, यूक्रेन, फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, नॉर्वे, स्वीडन, समेत पूरा यूरोप, थाईलैंड, मलेशिया, फिलिपींस, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया तथा ब्राजील के पूर्वी भाग आदि से भी देखा जा सकेगा।