वाशिंगटन। एक साल से अधिक का वक़्त गुज़र चुका है लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध थमता नहीं लग रहा है। अब दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम को लेकर अमेरिका और चीन के मतभेद सामने आए हैं। अमेरिका ने यूक्रेन में संघर्ष विराम संबंधी चीन की मांग के विरोध की बात कही है।
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद अमेरिका सहित पश्चिमी जगत खुलकर यूक्रेन के साथ खड़ा नजर आ रहा है। पश्चिमी जगत के अनेक बड़े नेता यूक्रेन का दौरा भी कर चुके हैं। अब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले सप्ताह रूस के दौरे पर जा रहे हैं। जिनपिंग के रूस दौरे को युद्ध के दौर में रूस के साथ चीन के खड़े होने के रूप में माना जा रहा है। माना जा रहा है कि रूस दौरे के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात के दौरान यूक्रेन में संघर्ष विराम की मांग करेंगे। अमेरिका ने ऐसी किसी मांग का विरोध किया है।
अमेरिकी का राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन में संघर्ष विराम की चीन की मांग का विरोध करता है क्योंकि इससे रूस को फायदा होगा और क्रेमलिन को एक नये आक्रमण की तैयारी करने में मदद मिलेगी। चीन के आधिकारिक नाम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संक्षिप्तीकरण पीआरसी का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कहा कि हम निश्चित तौर पर संघर्ष विराम की मांग का समर्थन नहीं करते हैं जिसका आह्वान पीआरसी मॉस्को में एक बैठक में करेगा, जिससे रूस को फायदा होगा। अमेरिका पिछले एक साल से रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन की मदद कर रहा है। वह चिंतित है कि युद्धविराम को प्राथमिकता देने से रूसी बलों पर दबाव कम हो जाएगा और क्रेमलिन को क्षेत्र के बड़े हिस्से पर अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिलेगा।
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हेग। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने यूक्रेन के क्षेत्र से रूस में बच्चों के अवैध डिपोर्टेशन और लोगों के ट्रांसफर के संदेह में पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है।
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से रूसी संघ में लोगों (खासकर बच्चों) के अवैध ट्रांसफर के युद्ध अपराध के लिए कथित रूप से जिम्मेदार हैं। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से जंग चल रही है। दोनों देशों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं है।
रूस ने अपने पड़ोसी यूक्रेन की ओर से लगाए गए इस तरह के अत्याचार के आरोपों को बार-बार खारिज किया है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के प्री-ट्रायल चैंबर-2 ने पुतिन समेत दो व्यक्तियों के लिए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। इनमें दूसरा नाम मारिया अलेक्सेयेवना लवोवा-बेलोवा का है।
वारंट जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि 24 फरवरी, 2022 को रूस के आक्रमण की शुरुआत से यूक्रेनी कब्जे वाले क्षेत्र में कथित रूप से अपराध किए गए थे। कोर्ट ने कहा कि इस बात पर विश्वास करने के लिए उचित आधार हैं कि पुतिन ने सीधे तौर पर, दूसरों के साथ संयुक्त रूप से और/या दूसरों के माध्यम से ऐसे कृत्यों को करने के लिए व्यक्तिगत आपराधिक जिम्मेदारी वहन की है।
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय में बच्चों के अधिकारों की आयुक्त मारिया अलेक्सेयेवना लवोवा-बेलोवा बच्चों के अवैध निर्वासन और लोगों के अवैध ट्रांसफर के युद्ध अपराध के लिए कथित रूप से जिम्मेदार हैं। गौरतलब है यूक्रेन और रूस के बीच पिछले साल फरवरी से जंग चल रही है। यूक्रेन ने कई बार रूस पर वार क्राइम के आरोप लगाए हैं।
इसी बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सोमवार से रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस दौरान वह व्लादिमीर पुतिन के साथ अहम बातचीत करेंगे और यूक्रेन में जंग को खत्म करने के लिए शांति वार्ता की पैरवी कर सकते हैं। वहीं अमेरिका ने शी-पुतिन की बैठक से पहले कहा कि वह यूक्रेन में संघर्ष विराम के आह्वान का विरोध करेगा।