चेन्नई (तमिलनाडु)। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को राज्यपाल आरएन रवि पर 12 फरवरी को मंत्रिपरिषद द्वारा तैयार किए गए पारंपरिक अभिभाषण को पढ़ने से इनकार कर सदी पुरानी तमिलनाडु विधानसभा का अपमान करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर ‘धन्यवाद प्रस्ताव’ पर चर्चा का उत्तर देते हुए यह आरोप लगाया, जिसमें तैयार पाठ के केवल पहले पृष्ठ को पढ़ने और कुछ वाक्यांशों को स्वयं शामिल करने के राज्यपाल के फैसले पर पीड़ा व्यक्त की गई थी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, “राज्यपाल को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा तैयार किए गए पाठ को वैसे ही पढ़ना होगा। लेकिन राज्यपाल ने इस तरह से कार्य किया है जैसे कि उन्होंने इस सदन का उपयोग अपनी राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया हो। यह हमारा (सत्तारूढ़ दल) अपमान नहीं है। लेकिन यह सदियों पुरानी विधान सभा और तमिलनाडु के करोड़ों लोगों का अपमान है। राज्यपाल ने इस तरह से काम किया है जो संविधान के खिलाफ है।”
पिछले 33 महीनों के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियों की एक लंबी सूची देते हुए सीएम ने कहा, “एक और उपलब्धि है जिसे हमारी सर्वोच्च उपलब्धि माना जा सकता है। तमिलनाडु को आगे बढ़ता देख हमारी जाति के दुश्मन नाराज हो रहे हैं और ईर्ष्या हम महसूस कर रहे हैं। यह इस द्रविड़ मॉडल सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जो लोग इस सरकार से ईर्ष्या करते हैं वे अलग-अलग तरीकों से अपना गुस्सा दिखाते हैं। संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल भी इसके अपवाद नहीं हैं लेकिन हम चुप नहीं रह सकते।”