इस्लामाबाद/ लंदन/ वाशिंगटन। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ आंदोलन करने वाले 1650 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बीच अमेरिका और इंग्लैंड ने मामले में दखल से इनकार किया है।
पाकिस्तान में चल रहे बवाल के बीच अमेरिका की प्रतिक्रिया आई है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिका पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी से अवगत है। अमेरिका किसी राजनीतिक उम्मीदवार या पार्टी की स्थिति पर कोई हस्तक्षेप नहीं करता। विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका दुनियाभर में लोकतांत्रिक सिद्धांतों और कानून के शासन का सम्मान करने का आह्वान करता हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी पाकिस्तान के लिए एक आंतरिक मामला है। एक सांसद को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिटेन शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और कानून के शासन के पालन का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है।
इस बीच पाकिस्तान में उपद्रवियों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हो गया है। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस ने एक बयान जारी कर 1650 से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार करने की बात कही है। पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि हिंसक गतिविधियों में शामिल सभी संदिग्धों का पता लगाया जा रहा है और उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। ऐसे लोग दया के पात्र नहीं हैं।
पीटीआई पर पाबंदियों की चर्चा के बीच विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि वह किसी भी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं हैं और वह इस तरह के फैसले से सहमत होने वाले अंतिम व्यक्ति होंगे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पीटीआई के लिए जरूरी है कि वह एक राजनीतिक दल के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखे और आतंकवाद का समर्थन करने वाले समूह के रूप में परिवर्तित न हो। उन्होंने कहा कि अगर पीटीआई ने देश के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह में शामिल होने का फैसला किया, तो सरकार के लिए पार्टी पर प्रतिबंध लगाना जरूरी हो सकता है।