अजमेर। स्पेशल आपरेशन ग्रुप की एएसपी दिव्या मित्तल को एसीबी जयपुर की टीम ने हिरासत में ले लिया है। एसीबी जयपुर की टीम ने एएसपी बजरंग सिंह के नेतृत्व में एआरजी अजमेर स्थित मित्तल के निवास से उन्हें हिरासत में लिया। इससे पहले उनके निवास पर एसीबी ने छापामार कर सर्च शुरू कर दी, जहां से संदिग्ध दस्तावेज बरामद होने की बात सामने आ रही है। एसीबी जयपुर ने दिव्या मित्तल के ऑफिस, चूरू के चिढ़ावा स्थित पैतृक निवास, उदयपुर के एक रिर्सोट व जयपुर के एक फ्लेट तथा उनके दलाल उदयपुर निवासी सुमित कुमार के निवास पर भी एक साथ तलाशी ली है।
एसीबी जयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह ने बताया कि आरोपित एसओजी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिव्या मित्तल पर विभिन्न तीन मामलों में तलाशी चल रही है। वर्तमान एक मामले में परिवादी से आरोपित ने दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसे लेकर आरोपित परिवादी को परेशान कर रही थी। परिवादी का यह भी कहना है कि वह उस मामले से संबंध भी नहीं रखता है फिर भी उसे परेशान किया जा रहा है। उसे कभी बुलाया जाता है, कभी दलाल से बात कराई जाती है। एएसपी बजरंग सिंह का कहना रहा कि उन के समक्ष मामला आने पर उसकी तस्दीक की गई। आरोपित दिव्या मित्तल ने दो करोड़ के बजाय एक करोड़ में मामला रफा-दफा करने के लिए दलाल के माध्यम से पहले 25 लाख रुपये देने फिर शेष 25 लाख की रकम बाद में देने के लिए रजामंदी की।
एसीबी जयपुर के एएसपी बजरंग सिंह ने बताया कि रुपये लेने के लिए आरोपित दिव्या मित्तल के भेजे दलाल जो कि उदयपुर का रहने वाला सुमित कुमार है, को अजमेर पहुंचने में कुछ समय लग गया। आरोपित को इस बात की भनक लग गई कि मामला निगरानी में आ गया है तो उन्होंने खुद को इधर-उधर कर लिया। एएसपी बजरंग सिंह ने बताया कि आरोपित के खिलाफ अन्य मामले भी है, इसलिए इस प्रकरण के साथ अब एक साथ सभी मामलों में भी आरोपित के सभी ठिकानों पर जांच एक साथ की जा रही है।
संदेह है कि पूर्व में अजमेर के रामगंज पुलिस थाने में दर्ज नशीली दवाओं के मामले में ही परिवादी से दो करोड़ की रिश्वत मांगी गई थी। परिवादी ने एसीबी जयपुर को बताया था कि एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में जिसमें उसका एफआईआर में नाम नहीं है, सिर्फ उसकी एक कंपनी है इसके बावजूद एसओजी की दिव्या मित्तल उन्हें परेशान कर रही है और उनसे घूस के दो करोड़ रुपये की मांग कर उन्हें दलाल के पास भेजा जा रहा है। इस मामले में पूर्व में भी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो चुकी है किन्तु आरोपित दिव्या मित्तल के विरुद्ध इसी मामले में दबिश दी गई है, इसकी पुष्टि एसीबीए के एएसपी बजरंग सिंह ने नहीं की है। उन्होंने तो यही कहा उनके परिवादी के खिलाफ एनडीपीएस के मामले में दिव्या मित्तल जांच कर रही थी। परिवादी का कहना था कि उसका एफआईआर में नाम दर्ज नहीं था, फिर भी उस पर दबाव बना कर रकम मांगी जा रही है।
Resort
ऋषिकेश। अंकिता हत्याकांड मामले के आरोपी पुलकित आर्या के रिसोर्ट और फैक्टी को लेकर अब नए नए खुलासे हो रहे हैं। पुलकित आर्या के दो पूर्व स्टाफ कर्मियों ने पुलकित का काला चिट्ठा बताया है।
ये वो कर्मचारी हैं जो अंकिता की तरह ही प्रताड़ित होकर यहां से किसी तरह अपनी जान बचा कर भाग निकले थे। मौजूदा समय में मेरठ में रहने वाले दोनों पति-पत्नी जून महीने तक यही काम कर रहे थे। मात्र 02 महीनों में वह इतने परेशान हो गए की, उन्हें रातोंरात यहां से भाग कर अपनी जान बचानी पड़ी। दोनों पति पत्नी ने पुलकित आर्याऔर अंकित उर्फ अंकित गुप्ता की पूरी कुंडली खोलकर रखी।
रुड़की के रहने वाले इन दो पूर्व कर्मचारियों ने होटल मैनेजमेंट के कोर्स किया था। इसके बाद ये नौकरी तलाश रहे थे। इसी बीच उन्हें पुलकित के इस रिजॉर्ट में स्टाफ रिक्वायरमेंट की जानकारी मिली। इसके बाद दोनों ने यहां पर आकर पुलकित से संपर्क किया। दोनों की यहां नौकरी लग गई। लगभग 2 महीनों की नौकरी में ही दोनों पति-पत्नी यहां इतने परेशान हो गए कि उन्हें रातोंरात यहां से भागना पड़ा। रिजॉर्ट की पूर्व कर्मचारी इशिता बताती हैं कि पुलकित उन्हें इतना परेशान कर रहा था कि कई बार उन्होंने यहां से भागने की कोशिश की, लेकिन हर बार वह असफल रहे। पुलकित अपने चंगुल में यहां के स्टाफ को फंसाकर रखता था। जिसके कारण यहां से निकलना बहुत मुश्किल होता था।
इशिता ने बताया कि पुलकित ने उनके ऊपर भी चोरी का आरोप लगाया था। चोरी का आरोप लगाने के बाद उनसे लिखित में माफी मंगवाई, जबकि उन्होंने कोई चोरी नहीं की थी। पुलकित की प्रताड़ना झेल रहे दोनों पति-पत्नी बड़ी मुश्किल से यहां से निकले।
इशिता और उनके पति ने बताया कि इस रिजॉर्ट में हमेशा कुछ लड़कियों का आना जाना लगा रहता था। इनके बारे में पुलकित साफ हिदायत देता था कि उनके नाम और नंबर कभी नोट नहीं करने हैं। दिन हो या रात यहां पर कुछ ऐसे लोगों को पुलकित लेकर आता था। जिनके लिए ये लड़कियां लाई जाती थीं। उन्होंने बताया पुलकित यहां पर स्टाफ को मारता और पीटता था। जैसे ही कोई यहां से जाने की कोशिश करता था तो उसको किसी तरह से फंसा देता था।
इशिता ने बताया कि यहां पर ना केवल भारी मात्रा में शराब आती थी बल्कि सुल्फा, गांजा और नशे के कई तरह के सामान यहां पर स्टॉक किए जाते थे। पुलकित के कुछ ऐसे दोस्त भी यहां पर आते थे, जिनके लिए विशेष इंतजाम किया जाता था। अलग-अलग तरह की लड़कियां यहां पर आती थीं। वह गेस्ट के रुप में ही रुकती थी। पुलकित उनके बारे में कोई भी जानकारी नोट नहीं करने देता था।
रिजॉर्ट में काम करने वाले पति-पत्नि ने बताया कि पुलकित ने मेरे पति से कहा अपनी पत्नी को रूम में भेज दो। तब हम दोनों को बहुत अजीब लगा। उन्होंने मुझसे जबरदस्ती रूम में खाना मंगवाने की जिद भी की थी। उस वक्त पुलकित शराब के नशे में था, लेकिन मैं वहां नहीं गई। इस बात से पुलकित बेहद नाराज हुआ। शुक्र था कि मेरे पति भी मेरे साथ काम करते थे, नहीं तो मेरे साथ कुछ भी हो सकता था। उन्होंने बताया कि पीछे तेज आवाज में कई बार डीजे में डांस होता था। लड़की लड़के एक साथ डांस करते थे, जो लड़कियां दूसरे कस्टमरों के लिए बुलाई जाती थी उसके साथ पुलकित भी एंजॉय करता था।
दोनों पति-पत्नी में बताया वह यहां से निकलने में कामयाब नहीं हो पा रहे थे। लोगों ने उन्हें बताया कि पुलिस को फोन करने के बाद यह जानकारी पता लगी कि ये पुलिस क्षेत्र नहीं है। यह राजस्व क्षेत्र है। जिसके बाद हमने पटवारी को फोन किया। पटवारी ने यहां पर आकर उल्टा हमें ही धमकाया। साथ ही पटवारी ने इस बात की भी हिदायत दी कि अगर यहां ज्यादा तेज बनने की कोशिश करोगे तो उन्हें अंजाम भुगतने होंगे।
उन्होंने बताया पटवारी अमूमन यहां पर कई बार रात और दिन में आया करता था। पुलकित के पटवारी और उससे जुड़े हुए लोगों से अच्छे संबंध थे। यहां पर कर्मचारियों से मारपीट की कई बार पटवारी को शिकायत दी जाती थी, मगर इस पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा पटवारी भी हमेशा ही कर्मचारियों को धमकाया करता था। दोनों ने बताया रिजॉर्ट में हमेशा ही पटवारी को विशेष ट्रीटमेंट दिया जाता था।
पूर्व कर्मचारी ने बताया कि पुलकित के कारनामों की पूरी जानकारी उसकी पत्नी को थी। वो लगातार इसका विरोध भी करती थी। पुलकित की पत्नी ने हम दोनों से कहा था कि तुम दोनों यहां काम मत करो। वे कहती थी यहां का माहौल ठीक नहीं है। यहां अच्छे लोग नहीं आते हैं।
देहरादून। उत्तराखंड के अंकिता भंडारी मर्डर केस में भारतीय जनता पार्टी के नेता के पुत्र की संलिप्तता का मामला सामने आने के बाद भाजपा नेतृत्व ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्या के पिता और भाई को पार्टी से निकाल दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर भाई अंकित आर्या को पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। इस बीच गुस्साए लोगों ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्या के रिजार्ट को आग लगा दी और मामले को लेकर खूब हंगामा किया।
पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त अंकित आर्या को राज्य मंत्री का दर्जा मिला हुआ था। भाजपा ने अपनी पार्टी के नेता विनोद आर्या को दल से निकालने की कार्रवाई अंकिता भंडारी मर्डर केस के तूल पकड़ने के बाद की। ऋषिकेश पुलिस ने बीती 18 सितंबर से लापता अंकिता भंडारी केस में शुक्रवार को मुख्य आरोपी पुलकित आर्या के अलावा दो अन्य आरेपियों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों से पूछताछ के बाद शनिवार को नहर से अंकिता का शव भी बरामद कर लिया गया। उसका पोस्टमार्टम डॉक्टरों के दल द्वारा किया जा रहा है।
उत्तराखंड के इस मामले का शर्मनाक पहलू यह है कि भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्या पर अपने रिजार्ट में देह व्यापार का धंधा करने का आरोप लग रहा है। यह आरोप लगाया जा रहा है कि रिजार्ट में रिशेपनिस्ट अंकिता भंडारी पर इस धंधे में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। उसके नहीं मानने पर पार्टी से निकाले जा चुके भाजपा नेता के बेटे पुलकिल आर्या ने अपने साथियों के साथ उसे मिल कर मार डाला और शव को नहर में फेंक दिया था।
ऋषिकेश के इस मामले की जानकारी मिलने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। शुक्रवार को जब आरोपियों को गिरफ्तार कर ले जाया जा रहा था, तब लोगों ने वाहन पर हमला कर दिया। मामले में राज्य के लोगों के आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच का काम एसआईटी को सौंप दिया है।
अंकिता मर्डर केस को लेकर विपक्ष और आम आदमी के भारी दबाव के बाद भाजपा ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्या के पिता विनोद आर्या और भाई अंकित आर्या को पार्टी से निकाल कर माहौल को शांत करने की कोशिश की है। इसी के साथ उत्तराखंड में अन्य रिजार्ट की जांच के भी आदेश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए। मुख्यमंत्री धामी ने इस मामले में दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की बात कही है।
ऋषिकेश। उत्तराखंड की सियासत में तूफान पैदा करने वाले अंकिता मर्डर केस में लक्ष्मण झूला पुलिस ने मुख्य अभियुक्त वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य सहित 2 अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर केस वर्कआउट कर लिया है। शनिवार को पुलिस ने अंकिता के शव को भी नहर से बरामद कर लिया। उसके पिता ने उसके शव की पहचान कर ली है। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, उत्तराखंड के भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का पुत्र है।
जनपद पौड़ी के गंगाभोगपुर में स्थित एक रिजॉर्ट से रहस्यमय परिस्थितियों में डोभ श्रीकोट की रहने वाली लड़की के लापता होने के मामले में अब जांच राजस्व से रेगुलर पुलिस को सौंप दी गयी है। जिसके बाद मामले में लक्ष्मणझूला पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। श्रीनगर सीओ श्याम दत्त नौटियाल के अनुसार पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित सहित तीन लोगों को अरेस्ट कर लिया है।
विगत 5 दिनों से गुमशुदा चल रही अंकिता भंडारी मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है, पुलिस ने आरोपी रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य समेत दो अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद आरोपियों ने खुलासा किया है कि उनके द्वारा अंकिता भंडारी को सुनसान जगह पर ले जाकर शराब पिलाई और तत्पश्चात शराब के नशे में हत्या कर उसका शव नहर में फेंक दिया, पुलिस द्वारा अंकिता भंडारी का शव खोजा जा रहा है।
अंकिता भंडारी हत्या मामले में लोगों में आक्रोश है। आक्रोशित ग्रामीणों ने रिजॉर्ट तोड़फोड़ करते हुए आग लगाने की कोशिश की। ऐसे में मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने बमुश्किल ग्रामीणों को रोका है। खबर आ रही है कि ग्रामीणों ने पुलकित आर्य को कोर्ट ले जा रही पुलिस की गाड़ी को रोककर उसमें तोड़फोड़ की, इसके साथ ही आरोपियों की भी पिटाई की गई।
उल्लेखनीय है कि ग्राम श्रीकोट, पट्टी नादलस्यूं, पौड़ी गढ़वाल निवासी 19 वर्षीय अंकिता भण्डारी की गुमशुदगी के सम्बन्ध में राजस्व पुलिस चौकी उदयपुर तल्ला में 6 दिन पहले मुकदमा पंजीकृत हुआ था। जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल द्वारा उपरोक्त मुकदमा 22 सितम्बर को राजस्व पुलिस से थाना लक्ष्मणझूला पुलिस को स्थानान्तरित किया गया।
गौर हो कि रिजॉर्ट से लापता हुई अंकिता भंडारी मामले का खुलासा हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उसकी हत्या करके उसको चीला बैराज में फेंक दिया गया था। बता दें कि पहले यह मामला राजस्व पुलिस के पास था लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए इसके बाद इसे लक्ष्मण झूला पुलिस को ट्रांसफर के गया था, जिसके बाद मामले में लक्ष्मणझूला पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। बेटी की हत्या की खबर के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है अंकिता दवे शुद्ध हो गए और न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार तीनों आरोपियों ने कई राज उगले हैं। पुलिस इस मामले की जल्द खुलासा कर सकती है। अंकिता के परिवार का रो रोकर बुरा हाल है।
आपको बता दें कि पुलकित आर्य बीजेपी के वरिष्ठ नेता का बेटा बताया जा रहा है जो कि उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं। लड़की के दोस्तों से हुई बातचीत में पता चला है कि रिजॉर्ट के मालिक व किसी कर्मचारी द्वारा लड़की को किसी स्पेशल गेस्ट को विशेष सेवा ऑफर करने की बात की गई। लड़की ने मना किया और अंकिता गायब हो गई। अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि अंकिता हैवानों की हैवानियत का शिकार हुई है। अंकिता के व्हाट्सएप चैट से कई खुलासे हुए हैं।
वनंतरा रिसोर्ट के कर्मचारी के अनुसार 18 सितंबर को शाम छ: बजे के आसपास एक घंटे तक अंकिता के रूम में था पुलकित, अंकिता रो रही थी और हेल्प-हेल्प चिल्ला रही थी, उसके बाद पुलकित, अंकित और सौरभ उसे दुपहिया में बैठा के ऋषिकेश की ओर ले गये और जब वापस आये तो अंकिता इनके साथ नहीं थी, चीला बैराज की सीसीटीवी फुटेज चेक की गई है। अंकिता केस को सुलझाने में अहम कड़ी हो सकती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए लक्ष्मणझूला पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अन्दर मुख्य अभियुक्त वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित सहित 02 अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर केस वर्कआउट कर लिया गया है।