मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है।
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को यहां द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिनों तक चली समीक्षा बैठक के नतीजे की घोषणा करते हुए कहा कि ग्रामीण मांग में तेजी जारी है, शहरी खपत मजबूत बनी हुई है। वहीं, पूंजीगत व्यय में वृद्धि के कारण निवेश का चक्र रफ्तार पकड़ रहा है। उन्होंने कहा कि निजी निवेश में भी सुधार के संकेत दिख रहे हैं।
शक्तिकांत दास ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान जताया। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर क्रमशः 7.2 फीसदी और 6.8 फीसदी रहेगी, जबकि अक्टूबर-दिसंबर और जनवरी-मार्च तिमाही में इसके सात फीसदी रहने का अनुमान है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं। दास ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर 7.3 फीसदी है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की गति अगले वित्त वर्ष 2024-25 में भी जारी रहने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं, आरबीआई ने पिछली बार विकास दर अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर सात फीसदी कर दिया था, जबकि वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 फीसदी से लेकर 6.9 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है।
RBI GOVERNOR
मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लगातार छठी बार नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। रेपो दर को 6.5 फीसदी पर कायम रखने के मायने हैं कि मकान, वाहन समेत विभिन्न लोन पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को यहां मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए यह बात कही। शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी की छह सदस्यीय टीम ने 5-1 की सहमति से नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर ही रखने का फैसला किया है।
क्या होता है रेपो रेट
रेपो रेट वह नीतिगत ब्याज दर है, जिस पर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है। फिलहाल रेपो रेट 6.50 फीसदी है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने पिछले एक साल से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था।
नई दिल्ली। मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए लेन-देन की सीमा को पहले के 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रति कर दिया है। ये तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि ऑफलाइन भुगतान लेन-देन की ऊपरी सीमा बढ़ाकर 500 रुपये कर दी गई है। यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान से संबंधित अन्य सभी निर्देश पूर्ववत रहेंगे।
आरबीआई ने 10 अगस्त को अपने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक के बाद ऑफलाइन लेन-देन की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव किया था। आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी के फैसले की जानकारी देते हुए कहा था कि प्रति लेन-देन सीमा 500 रुपये तक बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, कुल भुगतान की सीमा 2000 रुपये ही होगी।
नई दिल्ली । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड से नवाजा गया है। आरबीआई गवर्नर को लंदन में सेंट्रल बैंकिंग अवॉर्ड्स 2023 में बुधवार को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया। शक्तिकांत दास को यह सम्मान कोरोना महामारी के दौरान लिए गए फैसलों और मुद्रास्फीति के कुशल प्रबंधन के लिए दिया गया है।
सेंट्रल बैंकिंग एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक शोध पत्रिका है। पब्लिकेशन की ओर से मार्च 2023 में शक्तिकांत दास के नाम की इस अवॉर्ड के लिए सिफारिश की गई थी। आयोजकों के मुताबिक आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को इस अवॉर्ड के लिए इसलिए चुना गया, क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान और आर्थिक उठापठक के दौरान पैदा हुए आर्थिक संकट के बीच भारत के बैंकिंग सिस्टम को उन्होंने बखूबी संभाला। इसके साथ ही महंगाई को मैनेज करने में भी उन्होंने दक्षतापूर्वक सफलता हासिल की।
उल्लेखनीय है कि शक्तिकांत दास ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले देश के दूसरे आरबीआई गवर्नर हैं। इससे पहले साल 2015 में रघुराम राजन को ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
नई दिल्ली/मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वैश्विक स्तर पर बढ़ते संकट के मद्देनजर वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई का चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7 फीसदी के अनुमान से कम है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी। शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक के आंतरिक सर्वेक्षण के मुताबिक विनिर्माण, सेवा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनियां कारोबारी परिदृश्य को लेकर वे आशान्वित है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव, विभिन्न देशों में वित्तीय स्थिति कड़ी होने तथा विदेशों में कमजोर मांग की स्थिति घरेलू परिदृश्य के लिए जोखिम हैं।
रिजर्व बैंक गवर्नर ने बताया कि स्थिर मूल्य पर वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दास ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर क्रमश: 7.8 फीसदी और 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है। अक्टूबर-दिसंबर और जनवरी-मार्च तिमाही में इसके क्रमश: छह फीसदी और 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए आरबीआई का मौद्रिक नीति के स्तर पर तत्परता से कदम उठाने का सिलसिला आगे जारी रहेगा। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते वक्त जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी और मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सात फीसदी रहने का अनुमान जताया था। कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों और रेटिंग एजेंसियों ने भी देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर छह से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
नई दिल्ली/मुम्बई। रिजर्व बैंक ऑफ इडिया की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक की सोमवार को शुरू हो गई। यह बैठक तीन दिन चलेगी। बैठक कि अध्यक्ष्ता आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं। एमपीसी की बैठक के नतीजे का ऐलान 7 दिसंबर को होगा।
जानकारों का मानना है कि आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान हो सकता है। खुदरा महंगाई दर में नरमी के संकेत और ग्रोथ बढ़ाने की जरूरत के बीच आरबीआई की तीन दिवसीय एमपीसी की समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.35 फीसदी तक इजाफा कर सकता है। फिलहाल रेपो रेट 5.90 फीसदी है।
बैंकिंग क्षेत्र के एक्सपर्ट्स ने कहा कि रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दर में लगातार तीन बार 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी के अब रेपो रेट में 0.25 से 0.35 फीसदी का इजाफा कर सकता है। आरबीआई ने पिछली बैठक (30 सितंबर) में खुदरा महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था। इस तरह रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 में रेपो रेट में अब तक 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी की है।