मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लगातार छठी बार नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। रेपो दर को 6.5 फीसदी पर कायम रखने के मायने हैं कि मकान, वाहन समेत विभिन्न लोन पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को यहां मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए यह बात कही। शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी की छह सदस्यीय टीम ने 5-1 की सहमति से नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर ही रखने का फैसला किया है।
क्या होता है रेपो रेट
रेपो रेट वह नीतिगत ब्याज दर है, जिस पर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है। फिलहाल रेपो रेट 6.50 फीसदी है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने पिछले एक साल से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था।
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नई दिल्ली/मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौजूदा चालू वित्त वर्ष में लगातार छठी बार नीतिगत ब्याज दर में इजाफा किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के साथ ही रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक के रेपो दर में इजाफा के बाद होम लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन चली समीक्षा बैठक के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान किया। शक्तिकांत दास ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि एमपीसी के छह में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में अपनी सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि जनवरी-मार्च 2023 के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर 5.6 फीसदी रहने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल इसी समय पर यह 5.9 फीसदी रही थी।
आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया। हालांकि, दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7 फीसदी ही रखा गया है। उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 4 फीसदी के दायरे से ऊपर रहने की संभावना जताई है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने इससे पहले दिसंबर, 2022 में रेपो दर में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में अबतक छह बार नीतिगत ब्याज दर में इजाफा किया है। इससे पहले रेपो दर तीन बार 0.50 फीसदी तक बढ़ाई गई। चालू वित्त वर्ष की पहली एमपीसी बैठक में रेपो दर 4 फीसदी पर स्थिर था, लेकिन 2 और 3 मई को आपात बैठक बुलाकर आरबीआई ने रेपो दर 0.40 फीसदी बढ़ाया था। इस तरह रेपो दर 4 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी पर पहुंचा गया, जो इस बढ़ोतरी के बाद 6.50 हो गया है।
नई दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी एचडीएफसी बैंक की तर्ज पर चलते हुए सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) बढ़ा दी है। आईओबी ने एमसीएलआर में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की है। नई दरें शुक्रवार से लागू हो गईं।
आईओबी ने गुरुवार को रेग्युलेटरी फाइलिंग में दी जानकारी में बताया कि एमसीएलआर दर को 0.15 से 0.35 फीसदी तक बढ़ाया गया है। इसके साथ ही बैंक ने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (आरएलएलआर) को भी बढ़ाकर 9.10 फीसदी कर दिया है। इस तरह बैंक के ये दोनों बदलाव 10 दिसंबर लागू हो जाएंगे। बैंक के इस बदलाव से टर्म लोन की ईएमआई दर और बढ़ने की संभावना है।
इंडियन ओवरसीज बैंक के मुताबिक कर्ज की ब्याज दर (एमसीएलआर) में ये बढ़ोतरी अलग-अलग अवधि के के लिए की गई है। आईओबी ने बताया कि एक रात की अवधि के लिए एमसीएलआर बढ़ाकर 7.65 फीसदी, एक महीने के लिए 7.70 फीसदी, तीन महीने के लिए 8.00 फीसदी, छह महीने के लिए 8.15 फीसदी और एक साल के लिए 8.25 फीसदी कर दी गई है। इसी तरह दो साल की अवधि के लिए यह 8.35 फीसदी और तीन साल की अवधि के लिए 8.40 फीसदी होगी।
नई दिल्ली । कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) उदय कोटक का अनुमान है कि अभी एक बार और रेपो रेट में इजाफा हो सकता है। उनका कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) नीतिगत दर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की एक और वृद्धि कर सकता है। आरबीआई के रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी के एक दिन बाद कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) उदय कोटक ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में यह बात कही।
उदय कोटक ने यहां आयोजित उद्योग मंडल सीआईआई के वैश्विक आर्थिक नीति सम्मेलन 2022 को संबोधित करते हुए कहा कि आरबीआई नीतिगत दर 0.25 फीसदी का एक और इजाफा कर सकता है। फिलहाल आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाकर 6.25 फीसदी किया है, जो बढ़कर 6.50 फीसदी हो सकता है। कोटक ने कहा कि महंगाई दर को संतोषजनक स्तर की उच्च सीमा छह फीसदी से नीचे लाने के लिए ऐसा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बुधवार को आरबीआई ने संकेत दिया था कि वह चाहता है कि महंगाई दर ऊपरी संतोषजनक सीमा से नीचे हो और फिर चार फीसदी के लक्ष्य की ओर बढ़े। कोटक ने कहा कि मेरी समझ से नीतिगत दर में एक और वृद्धि हो सकती है, लेकिन उस समय यह सोचना होगा कि यह कहां रुकेगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई गवर्नर के संकेत से लग रहा है, शायद यह दर बढ़कर 6.50 फीसदी तक होगी, लेकिन हमें आंकड़ों को बहुत करीब से देखना होगा।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 0.35 फीसदी का इजाफा किया है, जो बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में मई से लेकर अब तक रेपो रेट में पाचवीं बार इजाफा किया है।
नई दिल्ली ।रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बुधवार को रेपो रेट बढ़ाने की घोषणा का असर बैंकिंग सेक्टर में दिखने लगा है। एचडीएफसी बैंक ने सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.10 फीसदी तक की बढ़ाई है। आरबीआई के नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि के साथ ही एचडीएफसी ने एमसीएलआर दर में 0.05 फीसदी से लेकर 0.10 फीसदी का इजाफा किया है।
एचडीएफसी बैंक के आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक एमसीएलआर की नई दरें बुधवार, 7 दिसंबर से लागू हो गई है। इस बढ़ोतरी के साथ ही बैंक के ग्राहकों को एक रात से लेकर एक महीने तक के लोन पर एमसीएलआर दर बढ़कर 8.30 फीसदी हो गयी है। इसी तरह तीन महीने के लोन पर एमसीएलआर 8.35 फीसदी और 6 महीने के लोन पर यह बढ़कर 8.45 फीसदी पहुंच गया है।
इसके अलावा एक साल अवधि वाले लोन के लिए एमसीएलआर बढ़कर 8.60 फीसदी हो गया है, जबकि 2 साल की अवधि वाले लोन पर यह बढ़कर 8.70 फीसदी पर पहुंच गया है। वहीं, सबसे ज्यादा 3 साल की अवधि वाले लोन के लिए एमसीएलआर दर बढ़कर 8.80 फीसदी पहुंच गया है। एमसीएलआर दर में इस बढ़ोतरी का असर कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर पड़ेगा औरे उनकी ईएमआई बढ़ जाएगी।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई के नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 0.35 इजाफा करने के बाद एचडीएफसी बैंक ने एमसीएलआर बढ़ा दिया है। दरअसल एमसीएलआर के आधार पर बैंक लोन पर ब्याज दरों को लागू करते हैं। एमसीएलआर बढ़ने पर लोन पर ब्याज की दरें बढ़ जाती है। फिलहाल रेपो रेट 0.35 फीसदी बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया है।