नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शुक्रवार को 5 अक्टूबर से शुरू होने वाले आगामी वनडे विश्व कप के लिए कमेंटरी पैनल की घोषणा की।
पैनल में शेन वॉटसन, लिसा स्टालेकर, रमीज राजा, रवि शास्त्री, एरोन फिंच, सुनील गावस्कर और मैथ्यू हेडन जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इनके अलावा नासिर हुसैन, इयान स्मिथ, इयान बिशप, वकार यूनिस, शॉन पोलक, अंजुम चोपड़ा और माइकल एथर्टन सहित अधिक अंतरराष्ट्रीय आइकन और पूर्व कप्तान भी कमेंट्री बॉक्स से एक्शन को लाइव सुनाएंगे।
इनके अलावा साइमन डूल, मपुमेलेलो मबांगवा, संजय मांजरेकर, केटी मार्टिन, दिनेश कार्तिक, डर्क नैनेस, सैमुअल बद्री, अतहर अली खान, रसेल अर्नोल्ड, हर्षा भोगले, केस नायडू, मार्क निकोलस, नताली जर्मनोस, मार्क हॉवर्ड और इयान वार्ड शामिल हैं।
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच मैच के साथ टूर्नामेंट की शुरुआत होगी।
भारत 8 अक्टूबर को चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगा। टूर्नामेंट का समापन 19 नवंबर को अहमदाबाद में फाइनल के साथ होगा।
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रावलपिंडी । इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान इस्तेमाल की गई पिच की आलोचना करते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रमुख रमीज राजा ने कहा कि यह क्रिकेट के लिए शर्मनाक है और अच्छी पिचों तैयार करने के लिए एक सीज़न और लगेगा।
बता दें कि रावलपिंडी की पिच पर इंग्लैंड ने टेस्ट के पहले दिन 506 रनों का विश्व रिकॉर्ड बनाया। पिच पर इंग्लैंड के चार और समाचार लिखे जाने तक पाकिस्तान के भी दो बल्लेबाज अब्दुल्ला शफीक (114) और ईमाम उल हक (नाबाद 166) शतक लगा चुके हैं, जबकि टेस्ट मैच का आज तीसरा ही दिन है।
ईएसपीएन क्रिकइन्फो ने रमीज के हवाले से कहा, यह हमारे लिए शर्मनाक है, खासकर जब आपके पास अध्यक्ष के रूप में एक क्रिकेटर हो। यह क्रिकेट के लिए अच्छा पिच नहीं है। हम इससे बेहतर क्रिकेट देश हैं।
पिच की गुणवत्ता जांच का विषय बन गई है, खासकर जब से रमीज ने पिछले साल पीसीबी प्रमुख का पद संभाला था। उन्होंने पाकिस्तान में ड्रॉप-इन पिचें लाने का वादा किया था। लेकिन इस मामले पर प्रगति न के बराबर है।
उन्होंने कहा, आखिरकार, एकमात्र स्थिति एक ड्रॉप-इन पिच है, जो बहुत महंगी है अगर हम इसे विदेश से ला रहे हैं। इसके बजाय, हम यहां ड्रॉप-इन पिचों के लिए मिट्टी विकसित कर सकते हैं, इस तरह, हम स्क्वायर टर्नर या बाउंसी विकेट तैयार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, यह पिच पर घास छोड़ने का मुद्दा नहीं है। हमें उछाल बनाने की जरूरत है, जो घास के बिना हो सकती है, जैसा कि ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर होता है। वे पिच पर बहुत घास नहीं छोड़ते हैं। हमें सिडनी, मेलबर्न और पर्थ में अलग-अलग पिचें मिलती हैं। हमारे पास एक ही पिच है क्योंकि हमें एक ही तरह की मिट्टी मिलती है। हमने विदेश से एक क्यूरेटर लाने की कोशिश की है; हमें लाहौर टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया से एक क्यूरेटर लाने की जरूरत थी, क्योंकि स्थिति हाथ से निकल गई है।
बता दें कि इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के रावलपिंडी दौरे तक पिच की गुणवत्ता को लेकर देश में काफी विवाद हुआ। एक मैच में, पिच पांच दिनों में केवल 14 विकेट ही गिरे और उसे खराब रेटिंग दी गई। साथ ही आईसीसी द्वारा पिच को एक डिमेरिट पॉइंट भी दिया गया।