नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारत-चीन सीमा विवाद पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार स्थिति स्पष्ट करे।
खड़गे ने शनिवार को ट्वीट किया है कि चीन के सैनिक डोकलाम क्षेत्र में जम्फेरी रिज तक निर्माण कर रहे हैं। यह स्थान सिलीगुड़ी कॉरिडोर के बहुत करीब है। यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़नी चाहिए।
इस मुद्दे पर कांग्रेस सड़क से संसद तक मोर्चा खोले हुए है। कई दिनों से कांग्रेस इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की मांग कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी लगातार भाजपा पर हमलावर हैं। राहुल ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि उधर चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है, इधर भाजपा सरकार ‘इवेंट मैनेजमेंट’ में लगी है। देश से सच्चाई छुपाने की कोशिश करने से बेहतर होगा चीन को भारत की शक्ति दिखाई जाए।
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जयपुर। सोशल मीडिया पर सक्रिय ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा पिछले कई दिनों से अपने ट्वीटस में सरकार के मंत्रियों पर फोकस कर रही हैं। इस बार उनके निशाने पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी हैं। राजस्थान विधानसभा में प्रदेश के 70 साल की ऐतिहासिक राजनीतिक यात्रा और संस्कृति से रूबरू कराने वाले डिजिटल म्यूजियम का हाल ही में लोकार्पण करने के बाद उन्हें एक बात चुभ गई है। इसी के लिए उन्होंने ट्वीट कर जोशी को एक पैगाम भेजा है।
राजस्थान विधानसभा के डिजिटल म्यूजियम में अब तक रहे प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों के सिलिकॉन से बने स्टैच्यू लगाए गए हैं। म्यूजियम की मूर्तियां शुरुआत से ही विवाद का विषय रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बाद अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की पौत्री और ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा ने भी इस पर सवाल खड़े किए हैं। दिव्या ने ट्वीट के जरिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी तक अपना पैगाम पहुंचाया है।
दिव्या मदेरणा ने शुक्रवार देर रात विधानसभा के डिजिटल म्यूजियम में लगी कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की मूर्ति की तस्वीर को साझा किया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को टैग करते हुए दिव्या ने लिखा कि स्वर्गीय परसराम मदेरणा से प्रतिमा सूक्ष्म रुप से भी मिलती-जुलती नहीं है। मैं इस बारे में सीपी जोशी को लिखूंगी और उनसे अनुरोध करूंगी की प्रतिमा को तुरंत बदल दिया जाए। उन्होंने यह भी लिखा कि मुझे इस बात का ध्यान है कि मूर्तिकला में हम किसी तस्वीर के प्रारूप तक पूर्ण रूप से नहीं पहुंच सकते हैं, परंतु परसराम जी की इस मूर्ति में बिल्कुल भी समानता नहीं है।
म्यूजियम में मूर्तियों के प्रारूप पर सवाल खड़े करने वालों में अकेली दिव्या मदेरणा नहीं है। उनसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी मूर्तियों के स्वरूप पर सवाल खड़े किए थे। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जब म्यूजियम का काम चल रहा था, तब पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने विधानसभा के अधिकारियों के साथ इस संग्रहालय का दौरा किया था। जहां पूर्व मुख्यमंत्रियों के आदमकद स्टेच्यू लगाए गए थे। सिलिकॉन से बने स्टेच्यू को लेकर वसुंधरा राजे ने तब मौजूदा अधिकारियों से पूछा था कि क्या यह मूर्ति मेरी जैसी नहीं लगती है? इस पर अधिकारी असहमति जताते हुए एक दूसरे की तरफ झांकने लगे थे।
बेसमेंट में बने डिजिटल म्यूजियम में राजे की नजर पड़ी थी, जिस पर वसुंधरा राजे का नाम अंकित था। इसके बाद राजे ने अधिकारियों से पूछा, यह मेरी प्रतिमा है क्या? तो अधिकारियों ने हां… में जवाब दिया। जब पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा क्या यह प्रतिमा मेरी जैसी दिखाई दे रही है, तो अधिकारी भी बिना जवाब हो गए। राजे की आपत्ति के बाद विधानसभा में उनकी मूर्ति को बदलने का फैसला किया गया था, जिसे कुछ ही दिनों में बदल दिया जाएगा।
राजस्थान विधानसभा परिसर में बने राजनैतिक आख्यान संग्रहालय के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था के बारे में युवा पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाएगी। यहां 14 नवंबर से 1 महीने के लिए बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा। स्मार्ट सिटी लिमिटेड (जेएससीएल) के बनाए इस संग्रहालय का 16 जुलाई 2022 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन. वी. रमणा ने उद्घाटन किया था। छब्बीस हजार स्क्वॉयर फीट में बने इस विशाल संग्रहालय में अत्याधुनिक तकनीकी से राजस्थान की गौरवमयी गाथा और राजनीतिक आख्यानों को प्रस्तुत किया गया है। संग्रहालय में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, निर्वाचन क्षेत्र और विधायकों के बारे में जानकारी भी प्रदर्शित की गई हैं। मंत्रिमंडल, विपक्ष के नेता और अन्य जनप्रतिनिधियों की भूमिका को प्रदर्शित करता यह संग्रहालय पूरे देश में अनूठा उदाहरण है। डिजिटल म्यूजियम में आगंतुक अत्याधुनिक तकनीकी से लोकतंत्र, विधानसभा के कार्य और प्रशासन प्रणाली और सामान्य नागरिक से जनता के सर्वाेच्च प्रतिनिधि तक की यात्रा का सफर हैं। चालीस से अधिक इंस्टॉलेशन और विभिन्न टेक्नोलॉजी से सुसज्जित यह डिजिटल म्यूजियम नई पीढ़ी को अहम जानकारियां देगा। टॉक विद द स्पीकर स्टूडियो में सवाल किए जा सकेंगे। म्यूजियम की विषय वस्तु हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में है। टच स्क्रीन के माध्यम से भाषा का चयन किया जा सकेगा।
बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपनी पहचान बना चुकी देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा लगभग तीन साल बाद भारत लौटी हैं। प्रियंका जब मुंबई एयरपोर्ट पहुंची तो पैपराजी ने उन्हें घेर कर उनकी कई तस्वीरों को कैमरे में कैद किया। हालांकि इस दौरान प्रियंका के साथ उनकी बेटी मालती मैरी उनके साथ नहीं थी। वहीं प्रियंका के एयरपोर्ट पहुंचने के बाद की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
इन तस्वीरों के सामने आने के बाद फैंस उनसे सवाल कर रहे हैं कि उनकी बेटी मालती मैरी कहाँ है। फैंस को प्रियंका के साथ मालती के आने की भी उम्मीद थी। ऐसे में प्रियंका के साथ उनकी बेटी को न देख कर फैंस में थोड़ी नाराजगी है। वहीं मुंबई आने के बाद प्रियंका ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर यहां की कुछ तस्वीरें व वीडियोज अपनी इंस्टा स्टोरी पर साझा किये हैं। प्रियंका ने प्लेन के अंदर से फोटो शेयर की और बताया कि वे मुंबई पहुंच गई हैं। इसके बाद एक छोटा-सा वीडियो शेयर किया, जो उन्होंने कार में बैठकर बनाया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘मुंबई मेरी जान।’
इसके बाद मुंबई में अपने घर पहुंचते ही प्रियंका चोपड़ा ने आराम फरमाने के साथ-साथ टीवी पर करण जौहर का शो ‘कॉफी विद करण’ भी देखा। उन्होंने कैप्शन में लिखा कि अगर आपने टीवी पर करण जौहर का शो नहीं देखा तो आप तब तक मुंबई में नहीं हैं। साथ ही वे अपना मनपसंद जंकफूड भी खा रही हैं।
वहीं प्रियंका के वर्कफ़्रंट की बात करें तो प्रियंका चोपड़ा जल्द ही हॉलीवुड फिल्म इट्स ऑल कमिंग बैक टू मी नजर आएंगी। इसके अलावा प्रियंका अभिनेत्री आलिया भट्ट और कैटरीना कैफ के साथ फिल्म जी ले जरा में भी नजर आएंगी।