लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विभिन्न मंत्रियों, विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों के साथ अयोध्या और वाराणसी में संचालित विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के समग्र विकास के लिए अनेक दिशा-निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उत्साहपूर्वक भाग लेने वाले एक-एक निवेशक से संपर्क कर उनकी आवश्यकताओं-अपेक्षाओं को जानें और नीतियों-नियमों के अनुरूप उन्हें तत्काल उसका लाभ दिलाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि निवेशकों से जुड़ी कोई भी फाइल अनावश्यक लंबित न रहे। औद्योगिक विकास आयुक्त स्तर से एमओयू की साप्ताहिक विभागवार समीक्षा की जाए। कोई समस्या हो तो मुख्य सचिव को अवगत कराएं, तत्काल समाधान निकालें।
प्रदेश में स्थापित हो रहीं औद्योगिक इकाइयों, कंपनियों को स्किल्ड, सेमी स्किल्ड, अनस्किल्ड मैनपॉवर की आवश्यकता होगी। हमारे आईटीआई के प्रशिक्षार्थियों के लिए रोजगार के बड़े अवसर सृजित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री इंटर्नशिप प्रोग्राम के अंतर्गत इकाइयों में प्रशिक्षण के लिए युवाओं को अवसर दिलाएं। नई स्थापित होने जा रहीं इकाइयों के साथ संवाद करते हुए युवाओं को अधिकाधिक लाभ दिलाया जाए।
उन्होंने कहा कि निवेशकों की सुगमता के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र योजना अंतर्गत ”उद्यमी मित्रों की तैनाती तत्काल कर दी जाए। राष्ट्रीय स्तर, अथॉरिटी लेवल और हर जिले में न्यूनतम उद्यमी मित्र की तैनाती कर दी जाए। चयन में पारदर्शिता हो और योग्य युवाओं का ही चयन करें।
विगत कुछ दिनों में एच3-एन2 इन्फ्लूएंजा संक्रमण की स्थिति देखी जा रही है। शासन सहित सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड रहे। हर जिलों में इसके मरीजों की दैनिक मॉनीटरिंग की जाए। एक-एक मरीज को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएं। आम लोगों को इसके लक्षणों की पहचान और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाए। कोविड के केस भी बढ़ रहे हैं, स्थिति पर सतत नजर बनाए रखें, आवश्यकतानुसार टेस्टिंग बढ़ाई जाए।
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कोलकाता। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आर्थिक नीतियों पर कोलकाता ने भी मुहर लगा दी। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए योगी सरकार ने विस्तृत कार्ययोजना बनाई और उस पर कार्य कर रही है। इसके तहत टीम योगी ने मंगलवार को कोलकाता में रोड शो इवेंट कर निवेशकों को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में आने का न्योता दिया।
कोलकाता के द ओबराय ग्रैंड होटल में आयोजित कार्यक्रम में दिग्गज उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान उद्योगपतियों ने 7000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव के लिए 14 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम के दौरान उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वीडियो संदेश भी देखा। रोड शो इवेंट के दौरान को उत्तर प्रदेश के यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, श्रम व सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, आईटी राज्यमंत्री अजीत सिंह पाल, अपर मुख्य सचिव (कृषि) मनोज सिंह, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी, एमएसएमई सचिव प्रांजल यादव आदि मौजूद रहे।
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने योगी सरकार की निवेश फ्रेंडली नीतियों के बारे में बताते हुए उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि यूपी की नीति और माहौल सबसे बढ़िया है, इसलिए हम आप सभी को बड़े बाजार में आमंत्रित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने निवेशकों को दिया न्योता
रोड शो इवेंट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया। योगी आदित्यनाथ ने संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत निवेशकों की पसंदीदा जगह बन गई है। पीएम के नेतृत्व में राजनैतिक स्थायित्व और गुड गवर्नेंस के नए दौर का सृजन हुआ है। प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध यूपी गुड गवर्नेंस, अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस, सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार, सिंगल विंडो पोर्टल निवेश मित्र, निवेश फ्रेंडली नीतियों के साथ ईज आफ डूइंग में अग्रणी राज्य है।
यूपी हर लिहाज से निवेश के लिए सर्वोत्तम जगह है। यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तरफ अग्रसर है। वैश्विक कोरोना महामारी के बावजूद यूपी में रिकार्ड 4 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजनाएं आरंभ हुई हैं। यह यूपी के प्रति निवेशकों का विश्वास दर्शाता है। पीएम के संकल्प के अनुरूप यूपी भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ को गति देने के लिए तैयार है।
कोलकाता में यहां से साइन हुआ एमओयू
कोलकाता से कई उद्योगपतियों ने एमओयू साइन किया। कोलकाता में कुल 7000 करोड़ रुपये के एमओयू साइन किये। टाटा स्टील डाउन स्ट्रीम प्रोडक्ट्स लिमिटेड की तरफ से 250 करोड़ एमओयू हुआ। हल्दीराम भुजिया वाला ने 500 करोड़, अनमोल फीड्स की तरफ से मछली पालन के लिए 50 करोड़, ग्रीनटेक एनवायरनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने 2000 करोड़, एलेनबेरी (मेडिकल गैस) के लिए 200 करोड़, श्याम मेटालिक्स ने 630 करोड़, ईस्टर्न इक्यूपमेंट ईएनटी ने 25 करोड़, टेक्सटाइल में लक्स इंडस्ट्री लिमिटेड ने 50 करोड़, कैप्टन स्टील ने 1650 करोड़, चार नौक हॉस्पिटल (एसकेएम ग्रुप) 200 करोड़, एसआरएमबी ने स्टील मैनुफैक्चरिंग में 250 करोड़, इनफिनिटी इंफोटेक पार्क ने 400 करोड़, फ़ूड प्रोसेसिंग के लिए बाला जी वेफर्स ने 500 करोड़, मेघदूतम ट्रेवल्स ने 150 करोड़ रुपये का एमओयू किया।
14 हजार से अधिक रोजगार की संभावनाओं पर जोर
कोलकाता से आने वाले उद्योगपतियों ने उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए 14 हजार से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार के कदमों की सराहना की। टाटा स्टील डाउन स्ट्रीम प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने 300 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की सहमति दी। हल्दीराम भुजिया वाला ने 1500 युवाओं, अनमोल फीड्स की तरफ से मछली पालन के लिए 200 रोजगार, ग्रीनटेक एनवायरनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने 5000 युवाओं, एलेनबेरी (मेडिकल गैस) के लिए 200 रोजगार, श्याम मेटालिक्स ने 720 रोजगार, ईस्टर्न इक्यूपमेंट ईएनटी ने 50 रोजगार, टेक्सटाइल में लक्स इंडस्ट्री लिमिटेड ने 500 रोजगार, कैप्टन स्टील ने 1800 रोजगार, चार नौक हॉस्पिटल (एसकेएम ग्रुप) 1700 लोगों को रोजगार, एसआरएमबी ने स्टील मैनुफैक्चरिंग में 750 युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को कहा। इनफिनिटी इंफोटेक पार्क ने 500, फ़ूड प्रोसेसिंग के लिए बाला जी वेफर्स ने 1500 और मेघदूतम ट्रेवल्स ने 5000 युवाओं को रोजगार के लिए उत्तर प्रदेश आने का आश्वासन दिया।
नई दिल्ली। दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों में टेस्टिंग सर्विस को और आउटसोर्सिंग करने के लिए दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को उपराज्यपाल (एलजी) ने मंजूरी दे दी है। हालांकि इसे दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डायग्नोस्टिक सेवाओं को मजबूत करने के बजाए प्राइवेट आउटसोर्सिंग का प्रयास मानते हुए उन्होंने गंभीर आपत्ति भी जताई है। प्रस्ताव के तहत तीन प्राइवेट वेंडर मोहल्ला क्लिनिकों को डायग्नोस्टिक सेवाएं देंगे। एलजी ने कहा है कि पुराना अनुबंध 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है ऐसे में प्रस्ताव मंजूर करने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है।
एलजी ने समय कम होने के चलते टेस्टिंग सर्विस की आउटसोर्सिंग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन फाइल पर अपनी टिप्पणी में कहा है कि 2022 में मोहल्ला क्लीनिकों की संख्या 450 से बढ़कर 519 हो जाने के बावजूद मरीजों की संख्या 3,416 (वर्ष 2021) प्रति महीना से कम होकर इस साल 1,824 मरीज प्रति महीना हो गई है।
मरीजों की संख्या तो कम हुई, मगर 2021 में 6,30,978 टेस्ट हर महीने से बढ़कर 2022 में 9,30,000 टेस्ट प्रति महीने हो गए। एलजी ने पिछले तीन साल में लैब टेस्ट की गुणवत्ता को लेकर एसेसमेंट स्टडी कराने की सलाह भी दी है।
इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एलजी को चिट्ठी लिखी थी कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में लैब सेवाओं के लिए अनुबंध 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है। नए अनुबंध पर तुरंत स्वीकृति की जरूरत है, ताकि नए साल में एक जनवरी से फिर से काम शुरू हो वरना सभी अस्पतालों में टेस्ट बंद हो जाएंगे।
एलजी कार्यालय की ओर से बताया गया कि दिल्ली कैबिनेट के 28 जुलाई के फैसले में यह तय किया गया था कि सरकारी अस्पतालों, डिस्पेंसरी, पॉलीक्लिनिक और हेल्थ कैंप में पुराने पैटर्न पर ही जोकि मोहल्ला क्लीनिकों में दिसंबर 2019 से चल रहा है, डायग्नोस्टिक सेवाएं आउट सोर्स की जाएंगी। कैबिनेट ने इसके लिए तीन प्राइवेट बिल्डर भी चुने, इसी को एलजी के सामने 12 दिसंबर को रखा गया था।
अब एलजी कार्यालय के बयान में कहा गया है कि, मोहल्ला क्लीनिकों में चलने वाली डायग्नोस्टिक सेवाओं के लिए प्राइवेट वेंडर का अनुबंध दो साल का होता है और इसे दो बार बढ़ाया गया है। अब इसे और एक्सटेंशन देना मुमकिन नहीं था। समय पर निर्णय नहीं लेने की स्पष्ट चूक के कारण और अगस्त में बहुत पहले निर्णय लेने के बावजूद सहमति के लिए उपराज्यपाल को फाइल नहीं भेजी गई। जब कोई निर्णय नहीं लिया गया तब भी वह मीडिया में कुछ ऐलान करते रहें, जिसके बाद शर्मिंदगी से बचने के लिए 12 दिसंबर को फाइल उपराज्यपाल को भेजी।
सिसोदिया ने 24 दिसंबर को केवल आठ कार्य दिवसों में एलजी को पत्र लिखकर मंजूरी का अनुरोध किया था। 12 दिसंबर को दिल्ली वालों को नए साल का तोहफा देते हुए दिल्ली सरकार ने अपने सभी अस्पतालों में 450 तरह के टेस्ट मुफ्त करने का फैसला लिया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में 238 से अधिक जांच के लिए निःशुल्क व्यवस्था करने के स्वास्थ्य विभाग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
वर्तमान में सरकार द्वारा मुफ्त में उपलब्ध कराए जाने वाले चिकित्सा परीक्षणों की संख्या 212 है। मुख्यमंत्री ने अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में 238 और जांच निःशुल्क करने के स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, उसके बाद फाइल एलजी को भेजी गई थी।
लखनऊ। पुलिस विभाग में खाली पड़े 35 हजार से अधिक सिपाहियों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया नए वर्ष से शुरू की जाएगी। सीधी भर्ती के लिए पुलिस मुख्यालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है।
भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजकुमार विश्वकर्मा के मुताबिक पुलिस मुख्यालय से 35,757 पदों पर भर्ती के लिए भर्ती प्रस्ताव मिला है। इसको लेकर बोर्ड द्वारा एक कार्यदायी संस्था के चयन की कार्रवाई की जा रही है। इस प्रक्रिया को पूरा होने में कुछ समय लगेगा। इसके बाद अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे जाएंगे।
उन्होंने बताया कि उप्र पुलिस एवं सतर्कता विभाग में लिपिक संवर्ग के 1,329 के पदों पर चल रही भर्ती की प्रक्रिया को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए लिखित परीक्षा, टंकण परीक्षा और आशुलिपि परीक्षा कराई जा चुकी है। दिसम्बर माह के अंत तक इसका चयन परिणाम आ जाएगा।