कानपुर देहात। जनपद में सोमवार को हुए अग्निकांड में हुई मां-बेटी की मौत के बाद बुधवार को उनका अंतिम संस्कार होने जा रहा है। शवों का पहले घटना की जगह अंतिम संस्कार होना था लेकिन बाद में स्थान बदलते हुए अब कानपुर के बिठूर घाट में कड़ी सुरक्षा के साथ ले जाया गया है।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व सोमवार को कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र में आने वाले मड़ौली गांव में उप जिलाधिकारी मैथा एक अवैध कब्जे को हटाने गए थे। प्रशासन ने बताया कि कृष्ण गोपाल ग्राम समाज की जगह पर कब्जा किया गया है। जिस घर को गिराया जा रहा था वो लोग मौके पर प्रदर्शन कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों ने खुद को आग लगाने की धमकी भी दी थी। जिस दौरान जेसीबी से घर को गिराया जा रहा था। छप्पर में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई थी। आग की चपेट में आकर कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी की उसी में जलकर मौत हो गई थी।
घटना देख ग्रामीणों ने वहां पर खड़ी प्रशासनिक टीम को मौके से खदेड़ दिया। 24 घण्टे बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से बात करने के बाद परिजनों ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए जाने दिया था। मंगलवार को देर रात कड़ी सुरक्षा में डाक्टरों के पैनल के माध्यम से शवों का पोस्टमार्टम हुआ था। उसके बाद दोनों शवों को गांव भेज दिया गया था।
परिजनों के मुताबिक पहले शवों का अंतिम संस्कार वहीं होना था, जहां पर उनकी जलकर मौत हुई थी। वहीं, बुधवार सुबह तक उनके निर्णय में परिवर्तन हो गया और फिर शवों को कड़ी सुरक्षा में कानपुर के बिठूर घाट में अंतिम संस्कार के लिए रवाना कर दिया गया। शवों को बिठूर ले जाने के लिए जनपद और कानपुर जोन के आलाधिकारी भी पहुंच गए हैं।
Pramila Dixit
कानपुर। कानपुर देहात में घटित घटना के बाद मंगलवार को पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे सपा विधायक और उनके सहयोगियों को हाइवे से हिरासत में ले लिया गया है। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
कानपुर देहात के मैथा तहसील के रूरा थाना क्षेत्र में स्थित मड़ौली गांव में सोमवार को अतिक्रमण हटाने गई टीम की लापरवाही के चलते मां प्रमिला और उसकी बेटी नेहा की आग की चपेट में आने से जान चली गई थी। इस मामले को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा है।
पार्टी के आलाकमान ने मामले की जांच के लिए 11 सदस्यीय दल को कानपुर देहात के रुरा जाने के निर्देश दिए हैं। दल में मुख्य सचेतक मनोज पांडे के नेतृत्व में विधायक अभिताभ बाजपेई, विनोद चतुर्वेदी, प्रदीप यादव, मो. हसन रुमी, पूर्व विधायक रामप्रकाश कुशवाह, कमलेश दिवाकर, प्रमोद यादव, वेद व्यास निराला, बलवान उर्फ मुन्ना व प्रवीण यादव शामिल थे। यह लोग पीड़ित से मिलकर प्रकरण की जांच रिपोर्ट तैयार करेंगे।
पार्टी के निर्देश पर विधायक अमिताभ बाजपेई, हसन रूमी, पूर्व पार्षद हरिओम पाण्डेय सहित कई पार्टी के पदाधिकारी कानपुर देहात के लिए निकले। सचेंडी हाइवे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। जब वे धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे तो पुलिस ने विधायक सहित सभी को हिरासत में लेकर राजकीय विद्यालय में ले गए।
सुबह ही पुलिस ने डाला डेरा
सपा दल के कानपुर देहात जाने की जानकारी होते ही पुलिस सुबह ही विधायक अमिताभ बाजपेई के घर पर डेरा डाल है। घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था। इसके अलावा पुलिस के अधिकारी विधायक को अपने नजरों के सामने ही रखे हैं कि कही चकमा देकर वो कानपुर देहात के लिए रवाना न हो जाए।