द्वारका । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देवभूमि द्वारका में साहसिक स्कूबा डाइविंग कर गहरे समुद्र में डूबी पौराणिक नगरी द्वारका के दर्शन कर पुरातन भव्यता एवं दिव्यता का अनुभव किया। मोदी ने साहसिक मानी जाने वाली स्कूबा डाइविंग कर गहरे समुद्र में भगवान श्री कृष्ण की प्राचीन नगरी द्वारका के दर्शन किए। इससे पहले प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप में भी साहसिक स्कूबा डाइविंग की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि “पुरातत्वीय जानकारों ने द्वारका नगरी पर अनेक शोध-अनुसंधान किए हैं, जिसके कारण मेरी प्राचीन द्वारका दर्शन करने तथा उसे देखने की वर्षों से इच्छा थी। मेरा यह सपना आज पूरा हुआ है।
उन्होंने कहा, “आज जब मुझे भगवान श्री कृष्ण की पावन भूमि पर पधारने का अवसर मिला, तब मैंने समुद्र में रही प्राचीन द्वारका नगरी के दर्शन कर पुरातन भव्यता एवं दिव्यता का अनुभव किया। मैं भगवान श्री कृष्ण का स्मरण कर प्राचीन द्वारका नगरी को मोरपंख अर्पित कर गौरव का अनुभव कर रहा हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “इस दर्शन के दौरान मेरी आंखों के समक्ष 21वीं शताब्दी में भारत के वैभव की तस्वीर भी घूम रही थी। प्राचीन द्वारका नगरी के दर्शन कर विकसित भारत का मेरा संकल्प और मजबूत हुआ है। सौराष्ट्र में अरब सागर के तट पर आस्था एवं पर्यटन में एक और मोती जुड़ा है। पर्यटक स्कूबा डाइविंग से मूल द्वारका के दर्शन कर सकें; इसके लिए गुजरात सरकार कटिबद्ध है।”
सौराष्ट्र के सागर के तट पर जब सोमनाथ, माधवपुर, पोरबंदर, द्वारका, शिवराजपुर बीच, नागेश्वर तथा सुदर्शन सेतु से पर्यटन विभाग को बढ़ावा मिल रहा है, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारका के गहरे समुद्र में साहसिक स्कूबा डाइविंग की। प्रधानमंत्री ने कहा कि शास्त्रों में भी प्राचीन द्वारका का उल्लेख है। भगवान विश्वकर्मा ने द्वारका नगरी का निर्माण किया था, जो भारत में श्रेष्ठ नगर का उत्तम उदाहरण है।
भगवान श्री कृष्ण की कर्मभूमि द्वारकाधाम को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण द्वारकाधीश स्वरूप में यहां विराजमान हैं। यहां जो होता है, वह द्वारकाधीश की इच्छा से होता है। आदि शंकराचार्य ने यहां शारदा पीठ की स्थापना की थी। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, रुक्मणि मंदिर यहां के आस्था केन्द्र हैं।
pm narendra modi
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आज (शनिवार) शुरू हुई । इसकी पूर्व संध्या (शुक्रवार) पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भारत मंडपम में ‘मोदी सरकार की 10 साल की उपलब्धियों’ को रेखांकित करती प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीयमंत्री रविशंकर प्रसाद पार्टी मुख्यालय में 15 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बारे में विस्तार से जानकारी दे चुके हैं। प्रसाद के अनुसार, इसमें देशभर के लगभग 11,500 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। प्रतिनिधियों में देशभर से पार्टी के पदाधिकारी, वर्तमान और पूर्व सांसद, विधायक और निर्वाचित महापौर शामिल हैं। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उद्घाटन भाषण देंगे। अगले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के साथ बैठक का समापन होगा।
भाजपा नेता प्रसाद के अनुसार, इससे पहले परिषद की बैठकें साल 2014 और 2019 के आम चुनाव से ठीक पहले आयोजित की गई थीं। भाजपा ने 2014 में लोकसभा में बहुमत हासिल किया और पांच साल बाद उससे भी बड़ी जीत हासिल की। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली दो परिषदों की बैठकों में भी अपने विचार रखे थे और अब उन्होंने पार्टी के लिए 370 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य तय किया है जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए 543 में से 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य तय किया है। प्रधानमंत्री के आह्वान को फलीभूत करने के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया गया है।
नई दिल्ली । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस घोषणा पर खुशी जाहिर की और समाजवादी नेता के योगदान को याद किया।
राष्ट्रपति भवन की ओर से मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, “राष्ट्रपति श्री कर्पूरी ठाकुर को (मरणोपरांत) भारत रत्न से सम्मानित करते हुए प्रसन्न हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, “मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने समाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। उनकी जन्म-शताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी जी की अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है। यह भारत रत्न न केवल उनके अतुलनीय योगदान का विनम्र सम्मान है, बल्कि इससे समाज में समरसता को और बढ़ावा मिलेगा।”
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देशवासियों को नए साल पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने एक्स हैंडल जारी शुभकामना संदेश में कहा कि 2024 सभी के जीवन में समृद्धि, शांति और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी एक्स हैंडल पर लोगों को नव वर्ष 2024 की बधाई देते हुए उनके सुखी होने और समृद्धि की कामना की है।
अयोध्या । रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्यावासी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत को आतुर हैं। रामलला 500 वर्षों बाद जब 22 जनवरी को भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो वह पल अविस्मरणीय, अकल्पनीय होगा। इससे पहले, प्रधानमंत्री विकास की नई गंगा बहाने 30 दिसंबर को रामनगरी में होंगे। प्रधानमंत्री इस दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डे के लोकार्पण के साथ ही हजारों करोड़ की विकास परियोजनाएं समर्पित करेंगे। अयोध्या में 30 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं पहले ही चल रही हैं। लिहाजा, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अयोध्यावासियों पर ‘अपनत्व’ का नया रंग सिर चढ़कर बोल रहा है।
रामपथ पर जहां तक नजर गई, एक ही रंग में रंगी अयोध्या मानों त्रेता युग सी लगने लगी। अयोध्या पौराणिक दृष्टिकोण से समृद्ध तो है ही, लेकिन कॉमन बिल्डिंग कोड के जरिए एक रंग में नजर आने वाली अयोध्या की सुंदरता रामनगरी को भौतिक रूप से भी भव्य बना रही है। भक्तिपथ हो, धर्मपथ या जन्मभूमि पथ, यहां अलग-अलग रंग में अयोध्या अलग-अलग रूप में निखरी नजर आ रही है, लेकिन इन सब पर चढ़ा सबसे बड़ा रंग है राम का। पूरी अयोध्या राम के रंग में रंगी है।
लखनऊ-अयोध्या-गोरखपुर हाई-वे पर लगीं मूर्तियां अयोध्या की पौराणिकता बयां कर रही हैं। सहादतगंज से लेकर रामघाट तक भगवान राम के बाल स्वरूप से लेकर वनवास और राजा राम तक के विभिन्न रूपों की मूर्तियां विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। रामायण के प्रसंगों से सजी अनेक मूर्तियां त्रेता की परिकल्पना को साकार करती दिख रही हैं। हैदराबाद से आईं जसप्रीत कौर सेखों बताती हैं कि मूर्तियां तो अनेक शहरों और जिलों में लगी हैं, लेकिन यहां लगीं मूर्तियों को देखकर आध्यात्मिक रूप से अलग ही अनुभूति हो रही है।
दीपोत्सव हो या भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही अयोध्या का दीदार, यहां पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। धार्मिक, आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अयोध्या के साथ ही उत्तर प्रदेश में घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई। पिछले वर्ष घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों की कुल संख्या मिलाएं तो यह आंकड़ा दो करोड़ 21 लाख से अधिक का रहा। हर सनातनी की आस्था के केंद्र अयोध्या में अभी कई गुना पर्यटकों के बढ़ने की संभावना है।
अयोध्या सर्किट हाउस में बुधवार को स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं पार्टी पदाधिकारी के साथ बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से कहा कि अयोध्या में एक विश्वस्तरीय आयोजन हो रहा। अयोध्या को स्वच्छ बनाकर सुंदर बनाना हमारा संकल्प है। 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है। मौर्य ने कहा, मैं समस्त अयोध्यावासियों और श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि कहीं भी गंदगी ना फैलाएं और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें! फलों के छिलके, छोटे-मोटे प्लास्टिक रैपर सड़कों व घाटों पर ना फेंकें, उन्हें अपने झोले या जेब में रखें। आइए, प्लास्टिक फ्री अयोध्या बनाने में हम सभी अपनी भूमिका का निर्वाह करें। बैठक में कृषि मंत्री एवं अयोध्या जिले के प्रभारी सूर्यप्रताप शाही भी मौजूद रहे।
अगरतला-अखौरा अंतरराष्ट्रीय रेलवे लिंक सहित भारत-बांग्लादेश के बीच तीन परियोजनाओं का शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी बोले- भारत और बांग्लादेश के संबंध निरंतर नई ऊंचाइयां छू रहे
शेख हसीना ने दोनों देशों की दोस्ती को मजबूती देने के लिए मोदी का जताया आभार
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए त्रिपुरा के अगरतला और बांग्लादेश के ब्राह्मणबारिया जिले के अखौरा के बीच भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय रेल मार्ग का उद्घाटन किया। संयुक्त रूप से जिन तीन भारतीय सहायता प्राप्त विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें अखौरा अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक, खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन और मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट की यूनिट- II शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि हम एक बार फिर भारत-बांग्लादेश सहयोग की सफलता का जश्न मनाने के लिए एक साथ जुड़े हैं। हमारे संबंध निरंतर नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। पिछले 9 वर्षों में हमने मिलकर जितना काम किया है, इतना काम कई दशकों में भी नहीं हुआ था। हमने बॉर्डर पर शांति, सुरक्षा और स्थिरता की बहाली के लिए दशकों से लंबित भूमि सीमा समझौता किया और समुद्री सीमा को भी सुलझाया।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लोगों की साझा अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमने इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के विकास पर विशेष बल दिया। पिछले 9 वर्षों में 3 नई बस सेवाएं शुरू की गई हैं। इससे ढाका-अगरतला-शिलांग-गुवाहाटी और कोलकाता को आपस में जोड़ा गया है। मोदी ने कहा, “पिछले वर्षों में तीन नई रेल सेवाएं शुरू की गईं। 2020 से भारत और बांग्लादेश के बीच कंटेनर और आंशिक ट्रेनें चल रही हैं। पिछले नौ वर्षों में यात्रियों और माल के परिवहन के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग विकसित किए गए हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे कनेक्टिविटी पहल ने कोविड महामारी के दौरान लाइफलाइन का काम किया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 4 हजार टन से ज्यादा तरल चिकित्सा ऑक्सीजन भारत से बांग्लादेश पहुंचाई। हमने सबका साथ-सबका विकास की हमारी अप्रोच को बांग्लादेश जैसे अपने निकटतम पड़ोसी मित्र के लिए भी प्रासंगिक माना है। बांग्लादेश का सबसे बड़ा विकास भागीदार होने पर हम गौरवान्वित महसूस करते हैं। आज जिन 3 प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया गया है, इनका निर्णय भी हमने ही लिया था और इन्हें लोगों को समर्पित करने का सौभाग्य भी हमें ही मिला है।
उद्घाटन के दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, “सितंबर 2023 में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली की मेरी यात्रा के दौरान आपके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहती हूं, मोदी जी। मैं दोनों देशों के बीच दोस्ती के बंधन को मजबूत करने की आपकी प्रतिबद्धता के लिए दिल से आभार व्यक्त करती हूं।”
शेख हसीना ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी गहरी सराहना और कृतज्ञता व्यक्त करना चाहूंगी। शेख मुजीबुर रहमान की बायोपिक मुजीब द मेकिंग ऑफ ए नेशन की स्क्रीनिंग अब बांग्लादेश और भारत दोनों जगह चल रही है।”
उल्लेखनीय है कि अखौरा-अगरतला क्रॉस बॉर्डर रेल लिंक परियोजना को भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश को दी गई 392.52 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के तहत क्रियान्वित किया गया है। बांग्लादेश में 6.78 किमी दोहरी गेज रेल लाइन और त्रिपुरा में 5.46 किमी के साथ रेल लिंक की लंबाई 12.24 किलोमीटर है।
खुलना- मोंगला पोर्ट रेल लाइन परियोजना को भारत सरकार की रियायती ऋण सुविधा के तहत 388.92 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कुल परियोजना लागत के साथ कार्यान्वित किया गया है। इस परियोजना में मोंगला बंदरगाह और खुलना में मौजूदा रेल नेटवर्क के बीच लगभग 65 किलोमीटर ब्रॉड गेज रेल मार्ग का निर्माण शामिल है। इसके साथ ही बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह मोंगला ब्रॉड गेज रेलवे नेटवर्क से जुड़ गया है।
1.6 बिलियन अमेरिकी डालर के भारतीय रियायती वित्तपोषण योजना ऋण के तहत मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, बांग्लादेश के खुलना डिवीजन के रामपाल में स्थित 1320 मेगावाट (2×660) सुपर थर्मल पावर प्लांट है। यह परियोजना बांग्लादेश-भारत मैत्री पावर कंपनी प्रा.लि. द्वारा कार्यान्वित की गई है, जो भारत की एनटीपीसी लिमिटेड और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के बीच 50:50 की संयुक्त उद्यम कंपनी है। मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट की यूनिट-1 का सितंबर 2022 में दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से अनावरण किया गया था और यूनिट-2 का उद्घाटन 1 नवंबर 2023 को किया जाएगा। मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट के संचालन से बांग्लादेश में ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी। ये परियोजनाएं क्षेत्र में कनेक्टिविटी और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेंगी।
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला आरक्षण विधेयक को संसद से मिली मंजूरी के लिए देश की महिलाओं को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि इसमें देश का भाग्य बदलने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित नारी शक्ति वंदन अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित कार्यक्रम में कहा कि आने वाली पीढ़ियां इस दिन को याद रखेंगी।आज देश की हर नारी का आत्मविश्वास आसमान छू रहा है। दशकों से देखा हुआ सपना आज पूरा हो गया है।
महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली स्थिति भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने उनका अभिनंदन किया और धन्यवाद दिया। भाजपा दफ्तर पहुंचते ही प्रधानमंत्री ने महिला कार्यकर्ताओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं आज देश की हर माता-बहन और बेटी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। कल और परसों 20 और 21 सितंबर को हम सबने एक नया इतिहास बनते देखा है। हम सबका सौभाग्य है कि ये अवसर हमें मिला है। आने वाली हर पीढ़ी तक इस दिवस की और इस निर्णय की चर्चा होगी।’
‘कभी-कभी किसी निर्णय में देश का भाग्य बदलने की क्षमता होती है। हम ऐसे ही निर्णय के साक्षी हैं। जिस बात को देश को पिछले कई दशकों से इंतजार था। वो सपना अब साकार हुआ है। यह देश के लिए खास समय है। यह भाजपा के हर कार्यकर्ता के लिए भी खास है।
‘आज हर नारी का आत्मविश्वास आसमान छू रहा है। पूरे देश की माताएं, बहनें बेटियां खुशी मना रही हैं। हमें आशीर्वाद दे रही हैं। करोड़ों माताओं बहनों के सपनों को साकार करने का आशीर्वाद हम भाजपा के कार्यकर्ताओं को मिला है। यह हमारे लिए गौरव करने का दिन है।’
‘ यह कोई सामान्य कानून नहीं है। यह नए भारत का उद्घोष है। यह बहुत बड़ा और मजबूत कदम है। महिलाओं का जीवन सुधारने के लिए जो गारंटी मोदी ने दी थी, उसका यह प्रत्यक्ष प्रमाण है। मेरे देश की हर माता,बहन और बेटी को मैं फिर से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।’
‘इस कानून के जरिए भाजपा महिलाओं की भागीदारी के लिए 3 दशक से प्रयास कर रही थी। यह हमारा कमिटमेंट था। आज हमनें इसे पूरा कर दिया है। इसमें कई बाधाएं थीं,, लेकिन जब नीयत पवित्र हो तो परेशानियों को पार करके भी परिणाम लाती है।’
‘यह अपने आप में रिकॉर्ड है कि इस कानून को संसद के दोनों सदनों में व्यापक समर्थन मिला। पक्ष-विपक्ष ने भी राजनीति से उठकर इसका समर्थन किया। मैं सबको धन्यवाद देता हूं।’
संसद के विशेष सत्र में पास हुआ बिल
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। 20 सितंबर को लोकसभा में 7 घंटे की चर्चा के बाद यह बिल पास हो गया। इसके पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। 21 सितंबर को बिल राज्यसभा में पेश हुआ। सदन में मौजूद सभी 214 सांसदों ने बिल का समर्थन किया और बिल पास हो गया। अब ये बिल विधानसभाओं में भेजा जाएगा। 50% विधानसभाओं से पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर से यह कानून बन जाएगा।
एक दिन पहले ही खत्म हुआ विशेष सत्र
22 सितंबर को खत्म होने वाल ये विशेष सत्र 21 सितंबर को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के पास होते ही खत्म हो गया। बिल के पास होने पर नरेंद्र मोदी ने कहा- इस विधेयक के प्रति देश के सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्ति को एक नई ऊर्जा देने वाली है। विशेष सत्र के आखिरी और चौथे दिन महिला सांसदों ने पीएम मोदी के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई।
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत भी की। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश की समृद्धि में विश्वकर्मा भाई-बहनों के योगदान को सराहा और कहा कि ऐसे ही हुनरमंदों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना उम्मीद की किरण बनकर आई है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में योजना से जुड़े 18 व्यवसायों के विश्वकर्मा कारीगरों को प्रमाण पत्र प्रदान किया। उन्होंने कहा कि उनके योगदान के बिना रोजमर्रा के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इनकी अहमियत समाज में उसी तरह है जैसे शरीर में रीढ़ की हड्डी की होती है। इन्हीं को मदद पहुंचाने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना लाई गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया में हाथ से बने समानों की कीमत बढ़ रही है। ऐसे में भारत सरकार विश्वकर्मा लोगों को इस सप्लाई चैन का हिस्सा बनाएगी। इसके लिए उनके प्रशिक्षण, औजारों और वाणिज्य जरूरतों को पूरा किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये भत्ता दिया जाएगा। औजारों के लिए 15 हजार रुपये दिए जाएंगे। वे अपना व्यवसाय करें इसके लिए पहले एक लाख और बाद में दो लाख का बिना गारंटी ऋण दिया जाएगा। इस ऋण पर ब्याज काफी कम होगा।
प्रधानमंत्री ने वंचितों को वरीयता अपनी सरकार की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा, “जिसको कोई नहीं पूछता उसके लिए गरीब का बेटा मोदी सेवक बनकर काम करेगा।” उन्होंने बताया किर रेहड़ी-पटरी वालों, स्थानीय कारीगरों, बंजारा एवं घुमंतू जातियों और दिव्यांगजन के लिए देश में पहली बार उनकी सरकार ने प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 में आए महमानों को भी स्थानीय विश्वकर्मा कारीगरों के हुनर से परिचय कराया गया है। प्रधानमंत्री इस अवसर पर लोगों से स्थानीय उत्पाद खरीदने की विशेष अपील की। उन्होंने कहा कि आगे आने वाले त्योहोरों में हम ऐसे उत्पाद खरीदें जिससे देश की मिट्टी और पसीने की महक आती हो।
भारत में कांफ्रेंस टूरिज्म की आपार संभावनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘भारत मंडपम’ और इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ इसमें बड़ा योगदान दे सकते हैं। दुनिया में हर साल 32 हजार से ज्यादा एक्सपो आयोजित होते हैं। इससे जुड़ा 25 लाख करोड़ का कन्फ्रेंस टूरिज्म का बाजार है। इसमें मेहमान अन्य पर्यटकों से ज्यादा खर्च करते हैं। अभी तक भारत की इसमें एक प्रतिशत की ही हिस्सेदारी है।
प्रधानमंत्री ने दुनियाभर से इवेंट आयोजनकर्ताओं, प्रदर्शनी लगाने वालों तथा देश में भी फिल्म और टेलीविजन उद्योग से जुड़े लोगों से यशोभूमि में कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यशोभूमि से आने वाले समय में हमें यश ही यश मिलने वाला है। यशोभूमि और भारत मंडपम से आने वाले दिनों में दिल्ली कांफ्रेंस टूरिज्म का हब बनने वाली है। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि यशोभूमि के विकास में मल्टी मॉडल कनेक्टविटी और गतिशक्ति का विशेष ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारत मंडपम हो या यशोभूमि, ये भारत के आतिथ्य, भारत की श्रेष्ठता और भारत की भव्यता के प्रतीक बनेंगे। भारत मंडपम और यशोभूमि दोनों में ही भारतीय संस्कृति और अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम है।
कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने योजना से जुड़े प्रतीक चिह्न, टैगलाइन और पोर्टल लांच किया। उन्होंने कस्टमाइज 18 डॉक टिकट का डिजिटल उद्घाटन किया। यह डॉक टिकट 18 विश्वकर्मा व्यवसायों से जुड़ी है जिन्हें योजना में शामिल किया गया है। इसके अलावा टूलकिट ई-बुकलेट भी रिलीज की गई। इसमें इन व्यवसायों से जुड़े 249 टूल की जानकारी दी गई है। यह ई-बुकलेट 12 भाषाओं में उपलब्ध होगी और विश्वकर्मा कर्मियों को उनके काम को उन्नत करने में मदद करेगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 13 हजार करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसके अंतर्गत 18 पारंपरिक शिल्पों को शामिल किया गया है। इनमें बढ़ई; नौका निर्माता; शस्त्रमसाज; लोहार; हथौड़ा और टूल किट निर्माता; ताला बनाने वाला; सुनार; कुम्हार; मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला; मोची (जूता/जूता कारीगर); राजमिस्त्री; टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर; गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); नाई; माला बनाने वाला; धोबी; दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं। यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और जी-20 शिखर सम्मेलन के आतिथ्य के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा शुक्रिया
हनोई । जी-20 शिखर सम्मेलन की जबरदस्त कामयाबी और वैश्विक मीडिया में मिल रही सराहना के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद वियतनाम पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और आतिथ्य के लिए धयन्वाद दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को कहा कि उन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ चर्चा की है। इसके साथ ही मोदी के नेतृत्व और जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
बाइडन ने यहां वियतनाम की राजधानी में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मानवाधिकारों के सम्मान के महत्व को भी उठाया।
अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में भारत की अपनी पहली यात्रा पर नयी दिल्ली आए बाइडन ने मोदी के साथ व्यापक बातचीत की। उन्होंने 31 ड्रोन की भारत की खरीद और जेट इंजनों के संयुक्त विकास में आगे बढ़ने का स्वागत करते हुए द्विपक्षीय प्रमुख रक्षा साझेदारी को “गहरा और विविधतापूर्ण” करने का संकल्प व्यक्त किया।
बाइडन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी को उनके नेतृत्व और उनके आतिथ्य तथा जी20 की मेजबानी के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने और मैंने इस बारे में चर्चा की है कि हम पिछले जून में प्रधानमंत्री की व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच बनी साझेदारी को कैसे मजबूत करना जारी रखेंगे। बाइडन ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत में की गईं महत्वपूर्ण बैठकों के बारे में भी बात की।
नई दिल्ली। जी 20 समिट के पहले दिन ही साझा घोषणा पत्र पर सहमति बन गई है। शनिवार को दूसरे सेशन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने बतौर अध्यक्ष यह जानकारी दी। उन्होंने सभी सदस्य देशों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पाारित कर दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि सभी देशों ने नई दिल्ली के घोषणा पत्र को मंजूर किया है। वहीं, निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें चुनौतिपूर्ण समय में अध्यक्षता मिली।
घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग का 4 बार जिक्र हुआ है। समिट के पहले सेशन में भारत ने अफ्रीकन यूनियन को जी 20 का परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा था। बतौर अध्यक्ष सभी देशों की सहमति से प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी जाकर पीएम मोदी के गले लग गए। भारत के प्रस्ताव का चीन और यूरोपियन यूनियन ने भी समर्थन किया। यूनियन को मेंबरशिप मिलने से अफ्रीका के 55 देशों को फायदा होगा।
भारत की अध्यक्षता में जारी 37 पेज के घोषणा पत्र की अहम बातें…
सभी देश सस्टेनेबल डेवलेंपमेंट गोल पर काम करेंगे। भारत की पहल पर वन फ्यूचर एलायंस बनाया जाएगा।
बायो फ्यूल एलायंस बनाया जाएगा। इसके फाउंडिंग मेंबर भारत, अमेरिका और ब्राजील होंगे।
एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य पर जोर दिया जाएगा।
मल्टीलेट्रल डेवलेपमेंट बैंको को मजबूती दी जाएगी। उन्हें बेहतर, बड़ा और ज्यादा कारगर बनाया जाएगा।
ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर जोर दिया जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक ग्लोबल पॉलिसी बनाने को लेकर बातचीत की जाएगी।
कर्ज को लेकर बेहतर व्यवस्था बनाने को लेकर भारत ने कॉमन फ्रेमवर्क बनवाने की बात पर जोर दिया है।
दुनिया में तेजी से विकास करने वाले शहरों को फंड किया जाएगा।
ग्रीन और लॉ कार्बन एनर्जी टेक्नोलॉजी पर काम किया जाएगा।
पहले सेशन में प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही अफ्रीकन यूनियन को जी 20 मेंबर बनाने का प्रस्ताव पास किया, यूनियन लीडर अजाली असोमानी उनके गले लग गए।
पहले सेशन में प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही अफ्रीकन यूनियन को जी 20 मेंबर बनाने का प्रस्ताव पास किया, यूनियन लीडर अजाली असोमानी उनके गले लग गए।
मोदी बोले- दुनिया में भरोसे का संकट पैदा हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में मोरक्को भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा दुख की घड़ी में हम मोरक्को के लोगों के साथ हैं और उनकी हरसंभव मदद करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद विश्व में विश्वास का संकट पैदा हो गया है। युद्ध ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। जब हम कोरोना को हरा सकते हैं तो आपसी चर्चा से विश्वास के इस संकट को भी दूर सकते हैं। ये सभी के साथ मिलकर चलने का समय है।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन भाषण में कहा- संकट के इस समय में दुनिया हमसे नए समाधान मांग रही है। इसलिए हमें अपना हर दायित्व निभाते हुए आगे बढ़ना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन भाषण में कहा- संकट के इस समय में दुनिया हमसे नए समाधान मांग रही है। इसलिए हमें अपना हर दायित्व निभाते हुए आगे बढ़ना है। प्रधानमंत्री ने कहा- आज हम जिस जगह इकट्ठा हुए हैं, यहां कुछ किमी दूर ढाई हजार साल पुराना स्तंभ है। इस पर प्राकृत भाषा में लिखा है कि मानवता का कल्याण सदैव सुनिश्चित किया जाए। ढाई हजार साल पहले भारत की धरती ने यह संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला है।
पीएम मोदी ने इस सत्र की शुरुआत में मंत्रियों और अफसरों का अभिनंदन भी किया। इससे पहले पीएम मोदी ने जी20 सम्मेलन के पहले सत्र में कहा था कि 21वीं सदी दुनिया को नयी दिशा देने का समय है। खास बात ये है कि पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश का नाम लेते समय ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया।
अफ्रीकी संघ को जी20 का सदस्य बनाने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रस्ताव इस प्रभावशाली समूह के सभी सदस्य देशों ने शनिवार को स्वीकार कर लिया। इसी के साथ ‘ग्लोबल साउथ’ का यह प्रमुख समूह दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया।
“दुनिया में विश्वास का संकट पैदा हो गया है”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले सत्र के दौरान कहा कि यूक्रेन युद्ध ने दुनिया में विश्वास की कमी को गहरा कर दिया है और भारत पूरी दुनिया से इसे एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने की अपील करता है। पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 के बाद दुनिया में विश्वास की कमी का बड़ा संकट पैदा हो गया है। युद्ध ने भरोसे की इस कमी को और गहरा कर दिया है. यदि हम कोविड-19 को हरा सकते हैं, तो हम विश्वास में कमी के इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि वैश्विक भलाई के लिए हम सब साथ मिलकर चलें। भारत जी20 के अध्यक्ष के रूप में पूरी दुनिया से विश्वास की कमी को एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने की अपील करता है।
अफ्रीकन यूनियन जी20 का बना स्थायी सदस्य
जी20 की बैठक के पहले सत्र में नाइजीरिया के प्रेसीडेंट ने जी20 में स्थायी सदस्य बनने पर अफ़्रीकन यूनियन को बधाई दी। सोशल मीडिया साईट एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रेसीडेंसी नाइजीरिया ने लिखा, “जी20 का स्थायी सदस्य बनने पर अफ़्रीकन यूनियन को बधाई। एक महाद्वीप के रूप में, हम जी20 मंच का उपयोग करके वैश्विक मंच पर अपनी आकांक्षाओं को और आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। “