मनीला। फिलीपींस के दक्षिणी प्रांत लानाओ डेल सुर के मरावी शहर स्थित विश्वविद्यालय में रविवार सुबह प्रार्थना सभा के दौरान हुए बम विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह ने ली है। हमले के बाद फिलीपींस की सेना और पुलिस हाई अलर्ट पर है। राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने हमले की निंदा की।
पुलिस ने बताया कि विश्वविद्यालय में रविवार सुबह छात्र और शिक्षक प्रार्थना के लिए एकत्रित हुए थे और तकरीबन सुबह सात बजे धमाका हो गया। हमले में तीन महिलाएं और एक पुरुष की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि अब तक महज दो मृतकों की ही पहचान हो सकी है।
हमले के बाद सेना के जवानों और पुलिस ने तुरंत इलाके की घेराबंदी कर हमलावरों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है। सुरक्षा के मद्देनजर शहर के चारों ओर सुरक्षा चौकियां भी स्थापित कर दी गई हैं। देर रात आईएस समूह ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए टेलीग्राम पर लिखा कि उसके सदस्यों ने सभा में बम विस्फोट किया था।
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मनीला। दक्षिणी फिलीपींस में शुक्रवार को रिक्टर पैमाने पर 7.2 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया। झटके महसूस होते ही लोग घर छोड़ कर सड़को और खुली जगह पर एकत्रित हो गए। हालांकि अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है।
फिलीपीन इंस्टीट्यूट ऑफ वोल्केनोलॉजी एंड सीस्मोलॉजी के अनुसार, अपतटीय भूकंप स्थानीय समय के अनुसार शुक्रवार शाम 4.14 बजे आया। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि भूकंप का केंद्र दावाओ ऑक्सिडेंटल क्षेत्र में सारंगानी शहर से लगभग 30 किमी दक्षिण पश्चिम में भूतल से 10 किमी की गहराई पर था।
संस्थान ने कहा कि टेक्टोनिक भूकंप के बाद अभी और झटके आएंगे तथा नुकसान होगा। इस बात की भी तत्काल कोई जानकारी नहीं है कि भूकंप के कारण सुनामी की चेतावनी जारी हुई है या नहीं। जनरल सैंटोस सिटी और आस-पास के प्रांतों सहित मिंडानाओ द्वीप के आसपास के इलाकों में भी भूकंप का जोरदार झटका महसूस किया गया।
प्रशांत “रिंग ऑफ फायर” के साथ स्थित होने के कारण फिलीपींस में अक्सर भूकंपीय गतिविधियां होती रहती हैं।
मनीला/ताइपे/ क्वालालंपुर । मनमाने ढंग से नया नक्शा जारी कर भारत, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान के क्षेत्रों पर दावा करने वाले चीन को हर ओर से सुननी पड़ रही है। भारत के बाद अब फिलीपींस, ताइवान और मलेशिया ने भी चीन के नए नक्शे को मान्यता देने से साफ इनकार कर दिया है। साथ ही चीन को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की सलाह भी दी है।
चीन ने बीती 28 अगस्त को नया नक्शा जारी कर भारत के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को चीन की सीमाओं के भीतर दिखाया है। चीन ने प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की ओर से जारी नए नक्शे में अपनी पश्चिमी सीमाओं पर क्षेत्रीय दावे करने के साथ ही पूरे दक्षिण चीन सागर को कवर करने वाली तथाकथित ‘नाइन-डैश लाइन’ को अपने मानचित्र पर दिखाया है। एक ‘दसवां डैश’ ताइवान के पूर्व में रखा गया है, जो द्वीप पर बीजिंग के दावों को रेखांकित करता है। इसके अलावा मलेशिया के समुद्री क्षेत्र और फिलीपींस के कई क्षेत्रों को भी चीन ने अपने नक्शे में शामिल कर उन पर दावा किया है।
भारत ने चीन की ओर से जारी तथाकथित नक्शे पर कड़ा विरोध व्यक्त करते हुए राजनयिक माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। भारत ने चीन के दावों को खारिज कर उन्हें निराधार बताया था। साथ ही कहा था कि चीन की ओर से इस तरह के कदम केवल सीमा मसले के समाधान को जटिल बनाएंगे। अब फिलीपींस, ताइवान और मलेशिया की ओर से भी विरोध के स्वर उठे हैं। फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने चीन के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन और फिलीपीन्स की संप्रभुता पर हमला करार दिया है। फिलीपींस ने चीन को अंतरराष्ट्रीय मर्यादाओं में रहने की सीख भी दी है।
मलेशिया ने भी अपने समुद्री क्षेत्र पर चीन के एकतरफा दावे को खारिज कर दिया है। मलेशिया की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन के नक्शे का मलेशिया पर कोई बाध्यकारी प्रभाव नहीं है। मलेशिया 1979 के मानचित्र के आधार पर मलेशिया की समुद्री विशेषताओं या समुद्री क्षेत्र पर संप्रभुता, संप्रभु अधिकारों और अधिकार क्षेत्र के किसी भी विदेशी पक्ष के दावों को खारिज करने की अपनी स्थिति पर कायम है।
ताइवान के विदेश मंत्रालय की ओर बयान जारी कर कहा गया कि ताइवान एक संप्रभु और स्वतंत्र देश है। चीन ने कभी भी ताइवान पर शासन नहीं किया है। यह एक तथ्य और यथास्थिति है जिसे आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता प्राप्त है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चीनी सरकार ताइवान की संप्रभुता के अपने दावे को कैसे विकृत करती है, यह हमारे देश के अस्तित्व के उद्देश्यपूर्ण तथ्य को नहीं बदल सकती है।