इस्लामाबाद । कई प्रांतों में तालिबानी झंडा लहराए जाने से दहशत में है पाकिस्तान की जनता। पाकिस्तानियों को
में आतंकवादी घटनाएं होने का दर सत्ता रहा है। जानकारी के अनुसार अब आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने खैबर पख्तूनख्वा और वजीरिस्तान प्रांतों में तालिबानी झंडा लहराकर सरकार को खुली चुनौती दी है। राजधानी इस्लामाबाद में हमले की आशंका को देखते हुए सरकार की तरफ से हाई अलर्ट जारी किया गया है। अमेरिका ने भी अपने नागरिकों को इस्लामाबाद जाने से परहेज करने की सलाह दी है।
अफगानिस्तान में तालिबान के हाथ सत्ता आने के बाद पाकिस्तान में लगातार हालात भयानक हो रहे हैं। पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की ओर से बीते सवा साल में 400 से ज्यादा आतंकी हमले किये गए हैं। पिछले दिनों करीब एक दशक के बाद राजधानी इस्लामाबाद में टीटीपी आतंकियों ने आत्मघाती धमाका करके पाकिस्तानी सरकार को हिलाकर रख दिया। यही नहीं, पिछले कुछ महीने में बलूच विद्रोहियों ने भी अपने खूनी हमलों को तेज कर दिया है। अब तो वजीरिस्तान प्रांत में तालिबानी झंडा लहराते हुए देखा गया। साथ ही पाकिस्तानी सेना को पश्तून क्षेत्र से दूर रहने अन्यथा गोली खाने को तैयार रहने की चेतावनी भी टीटीपी की ओर से दी गयी है। टीटीपी आतंकी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में खुलेआम अपने झंडे लगा रहे हैं और चेक पोस्ट बनाकर धमकियां दे रहे हैं।
इस बीच पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पर पुन: बड़े आतंकी हमले की आशंका जताई गयी है। अमेरिका ने अपने नागरिकों और पाकिस्तान स्थित दूतावास के कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि वे इस्लामाबाद के मैरिएट होटल में न जाएं, क्योंकि वहां आतंकियों की ओर से हमला हो सकता है। अमेरिका ने यह भी कहा है कि उसके नागरिक इस्लामाबाद में गैर जरूरी यात्रा से बचें।
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पाकिस्तान पहुंची न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम, दो टेस्ट और तीन एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला खेलेंगी
कराची (पाकिस्तान) । पाकिस्तान के खिलाफ दो टेस्ट मैच और तीन एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला खेलने के लिए न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम गुरुवार को कराची पहुंच गई। इससे पहले न्यूजीलैंड की टीम ने सितंबर में सुरक्षा का हवाला देते हुए पाकिस्तान का दौरा रद्द कर दिया था। न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों ने रावलपिंडी स्टेडियम में टॉस से कुछ ही समय पहले सुरक्षा कारणों से मैदान पर उतरने से इनकार कर दिया था, इसके बाद न्यूजीलैंड क्रिकेट ने दौरा रद्द कर दिया था और कीवी टीम स्वदेश लौट गई थी।
न्यूजीलैंड की मौजूदा 15 सदस्यीय टीम का नेतृत्व अनुभवी तेज गेंदबाज टिम साउदी कर रहे हैं और वे सोमवार से कराची में पहले टेस्ट के साथ दौरे की शुरुआत करेंगे। दूसरा टेस्ट 3 जनवरी से मुल्तान में है, इसके बाद कराची में 10, 12 और 14 जनवरी को एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच होंगे।
पाकिस्तान ने बुधवार को टेस्ट श्रृंखला के लिए 16 सदस्यीय टीम की घोषणा की, जिसमें तेज गेंदबाज हसन अली को वापस बुलाया गया। तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी घुटने की चोट के कारण बाहर हैं।
न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज पाकिस्तान को इंग्लैंड के हाथों शर्मनाक हार के बाद अपने प्रदर्शन में सुधार करने का मौका देगी।
न्यूजीलैंड ने 2002 में अपने दौरे को बीच में ही रोक दिया था जब उनके कराची होटल के बाहर एक बम विस्फोट में फ्रांसीसी नौसैनिक कर्मचारियों सहित 14 लोगों की मौत हो गई थी। वे 2003 में लौटे लेकिन कराची जाने से परहेज किया।
पाकिस्तान 2009 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए नो-गो डेस्टिनेशन बन गया जब श्रीलंकाई टीम की बस पर हमला हुआ, जिससे पाकिस्तान को तटस्थ स्थानों (ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात में) पर घरेलू मैच खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन प्रमुख सुरक्षा सुधारों के बाद 2015 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट धीरे-धीरे पाकिस्तान में वापस आ गया है और यह साल ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के दौरे के साथ एक बड़ा घरेलू सीजन रहा है।
न्यूजीलैंड की टीम इस प्रकार है: टिम साउदी (कप्तान), माइकल ब्रेसवेल, टॉम ब्लंडेल, डेवोन कॉनवे, मैट हेनरी, टॉम लैथम, डेरिल मिशेल, हेनरी निकोल्स, एजाज पटेल, ग्लेन फिलिप्स, ईश सोढ़ी, ब्लेयर टिकनर, नील वैगनर, केन विलियमसन, विल यंग।
रावलपिंडी । इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान इस्तेमाल की गई पिच की आलोचना करते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रमुख रमीज राजा ने कहा कि यह क्रिकेट के लिए शर्मनाक है और अच्छी पिचों तैयार करने के लिए एक सीज़न और लगेगा।
बता दें कि रावलपिंडी की पिच पर इंग्लैंड ने टेस्ट के पहले दिन 506 रनों का विश्व रिकॉर्ड बनाया। पिच पर इंग्लैंड के चार और समाचार लिखे जाने तक पाकिस्तान के भी दो बल्लेबाज अब्दुल्ला शफीक (114) और ईमाम उल हक (नाबाद 166) शतक लगा चुके हैं, जबकि टेस्ट मैच का आज तीसरा ही दिन है।
ईएसपीएन क्रिकइन्फो ने रमीज के हवाले से कहा, यह हमारे लिए शर्मनाक है, खासकर जब आपके पास अध्यक्ष के रूप में एक क्रिकेटर हो। यह क्रिकेट के लिए अच्छा पिच नहीं है। हम इससे बेहतर क्रिकेट देश हैं।
पिच की गुणवत्ता जांच का विषय बन गई है, खासकर जब से रमीज ने पिछले साल पीसीबी प्रमुख का पद संभाला था। उन्होंने पाकिस्तान में ड्रॉप-इन पिचें लाने का वादा किया था। लेकिन इस मामले पर प्रगति न के बराबर है।
उन्होंने कहा, आखिरकार, एकमात्र स्थिति एक ड्रॉप-इन पिच है, जो बहुत महंगी है अगर हम इसे विदेश से ला रहे हैं। इसके बजाय, हम यहां ड्रॉप-इन पिचों के लिए मिट्टी विकसित कर सकते हैं, इस तरह, हम स्क्वायर टर्नर या बाउंसी विकेट तैयार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, यह पिच पर घास छोड़ने का मुद्दा नहीं है। हमें उछाल बनाने की जरूरत है, जो घास के बिना हो सकती है, जैसा कि ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर होता है। वे पिच पर बहुत घास नहीं छोड़ते हैं। हमें सिडनी, मेलबर्न और पर्थ में अलग-अलग पिचें मिलती हैं। हमारे पास एक ही पिच है क्योंकि हमें एक ही तरह की मिट्टी मिलती है। हमने विदेश से एक क्यूरेटर लाने की कोशिश की है; हमें लाहौर टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया से एक क्यूरेटर लाने की जरूरत थी, क्योंकि स्थिति हाथ से निकल गई है।
बता दें कि इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के रावलपिंडी दौरे तक पिच की गुणवत्ता को लेकर देश में काफी विवाद हुआ। एक मैच में, पिच पांच दिनों में केवल 14 विकेट ही गिरे और उसे खराब रेटिंग दी गई। साथ ही आईसीसी द्वारा पिच को एक डिमेरिट पॉइंट भी दिया गया।
मेलबर्न। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने भारत की पाकिस्तान यात्रा के संबंध में बीसीसीआई सचिव जय शाह की टिप्पणी पर कहा कि टीम इंडिया फिलहाल विश्व कप पर ध्यान केंद्रित करेगी और शीर्ष बोर्ड द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करेगी।
पाकिस्तान के खिलाफ हाई वोल्टेज मैच से पहले आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में रोहित ने कहा,मेरा ध्यान विश्व कप पर है। बीसीसीआई जो भी फैसला करेगा हम उसी पर चलेंगे।
इससे पहले बीसीसीआई सचिव ने 2023 एशिया कप के लिए टीम इंडिया के पाकिस्तान जाने की अटकलों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और कहा कि यह टूर्नामेंट एक तटस्थ स्थान पर आयोजित किया जाएगा।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच को लेकर रोहित ने कहा, हम जानते हैं कि पाकिस्तान की गेंदबाजी हमें चुनौती देगी। हमें अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी, अच्छी गेंदबाजी करनी होगी और क्षेत्ररक्षण पर ध्यान देना होगा जो कि एक महत्वपूर्ण पहलू भी है।
भारतीय टीम पर 9 सालों से आईसीसी ट्रॉफी जीतने के दबाव के बारे में पूछे जाने पर, रोहित ने कहा, मैं दबाव नहीं कहूंगा लेकिन यह एक चुनौती है। हमें अच्छा प्रदर्शन करना होगा। आखिरी आईसीसी ट्रॉफी हम नौ साल पहले 2013 में जीते थे। हमें एक बार में एक मैच खेलना है।