काहिरा । अब्देल फतह अल-सीसी ने बंपर 89.6 फीसदी वोट के साथ मिस्र के राष्ट्रपति के रूप में सत्ता पर तीसरी बार काबिज हुए हैं। नेशनल इलेक्शन अथारिटी ने सोमवार को यह जानकारी दी। लगातार तीसरी जीत के साथ अगले छह वर्ष तक देश की सत्ता में रहेंगे।
राष्ट्रपति अल-सीसी को चुनाव में आसान जीत के कारण किसी भी विपक्षी दल की तरफ से गंभीर चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा। मिस्र की धीमी अर्थव्यवस्था को लेकर लोगों में नाराजगी थी। लेकिन गाजा में लड़ाई छिड़ जाने से राष्ट्रपति को इससे निपटने में सफलता मिली। कुछ मतदाताओं ने स्पष्ट कहा कि गाजा के संघर्ष ने उन्हें राष्ट्रपति अल-सीसी को फिर से वोट देने के लिए प्रेरित किया। इससे हिंसा प्रभावित क्षेत्र में देश की स्थिरता को बल मिलेगा।
मिस्र में 10-12 दिसंबर को हुए चुनाव में 66.8 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2018 के पिछले चुनाव से 41 प्रतिशत से काफी अधिक है। अल-सीसी के मुकाबले तीन अन्य उम्मीदवारों में कोई भी हाई प्रोफाइल नहीं था। अल-सीसी सेना के पूर्व जनरल हैं। वह 2014 में पहली बार लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित हुए थे। उसके बाद 2018 में चुनाव जीता था। 2019 में संविधान संशोधन के जरिये राष्ट्रपति के कार्यकाल को चार वर्ष से बढ़ाकर छह वर्ष कर दिया गया था।
NEW PRESIDENT
निकोसिया । पूर्व विदेश मंत्री निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स को साइप्रस का नया राष्ट्रपति चुना गया है। निकोस ने राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में कांटे की टक्कर के बाद एंड्रियास मावरोयनिस को हराया ।
साइप्रस में इस बार का चुनाव खासा संघर्ष भरा माना जा रहा था। इस बार पिछली बार की तुलना में अधिक वोट पड़े। साइप्रस के कुल मतदाताओं में से 72.4 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें से 51.9 प्रतिशत ने पूर्व विदेश मंत्री निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के पक्ष में मतदान किया। उनके प्रतिद्वंद्वी एंड्रियास मावरोयनिस को 48.1 प्रतिशत वोट मिले हैं। चुनाव में हार स्वीकार करते हुए एंड्रियास मावरोयनिस ने चुनाव परिणामों के बाद एक यात्रा समाप्त होने की बात कही।
उन्होंने अपने चुनाव अभियान को एक शानदार यात्रा करार देते हुए कहा कि उन्होंने इस यात्रा को हजारों लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने दुख जाहिर किया कि वे साइप्रस के लिए जरूरी बदलाव को हासिल नहीं कर सके। उधर मतगणना से पहले ही क्रिस्टोडौलाइड्स ने अपनी जीत पर भरोसा जताया था। उन्होंने कहा था कि साइप्रस के लोग जानते और समझते हैं कि दांव पर क्या लगा है। उन्होंने साइप्रस की जनता के फैसले पर पूरा भरोसा जताया था। अंतत: उन्हें चुनाव जिताकर जनता ने भी निराश नहीं किया।
नई दिल्ली । भारतीय खेल जगत में कभी उड़नपरी के नाम से विख्यात दिग्गज भारतीय महिला एथलीट पीटी उषा भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की नयी अध्यक्ष होंगी ।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, जो पहले केंद्रीय खेल मंत्री थे, ने पीटी उषा को अध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई दी है। रिजिजू ने ट्वीट किया, महान गोल्डन गर्ल, पी टी उषा को भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर बधाई। मैं अपने देश के सभी खेल नायकों को प्रतिष्ठित आईओए के पदाधिकारी बनने पर बधाई देता हूं! एक राष्ट्र को उन पर गर्व है!
इससे पहले उषा ने कहा था कि वह इस पद के लिए नामांकन दाखिल कर रही हैं। पीटी उषा ने शनिवार को ट्वीट किया था, मेरे साथी एथलीटों और राष्ट्रीय संघों के गर्मजोशी से समर्थन के साथ, मैं आईओए के अध्यक्ष के नामांकन को स्वीकार करने और दाखिल करने के लिए विनम्र और सम्मानित महसूस कर रहा हूं! भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने भी रिजिजू के ट्वीट को रीट्वीट किया।
स्टार स्प्रिंटर उषा भारत की महानतम एथलीटों में से एक हैं। उन्होंने एशियाई खेलों में चार स्वर्ण पदक और सात रजत पदक जीते हैं। वह लॉस एंजिल्स 1984 ओलंपिक में महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में एक सेकंड से पदक जीतने से चूक गईं थी। उनका 55.42 सेकेंड का समय अभी भी एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।
बगदाद । इराक की संसद ने कुर्द राजनेता अब्दुल लतीफ रशीद को राष्ट्रपति के रूप में चुन लिया है। राष्ट्रपति के चुनाव से पहले राजनीतिक संकट हल करने के लिए आयोजित संसद सत्र से पहले ‘ग्रीन जोन’ में गुरुवार को संसद पर नौ रॉकेट दागे गए। इराकी सेना ने इससे पहले संसद के आसपास के क्षेत्र को किले के रूप में तब्दील कर दिया गया था।
इराक में नए राष्ट्रपति के चयन को लेकर पिछले एक साल से गतिरोध चल रहा था। जानकारी के मुताबिक, 78 वर्षीय अब्दुल लतीफ राशिद अब नई सरकार के गठन में भूमिका निभाएंगे। इराकी कानून के मुताबिक, प्रधानमंत्री पद के लिए नामित उम्मीदवार के लिए मतदान करने से पहले सांसदों को राष्ट्रपति चुनना होता है। रशीद चार साल से इराक के राष्ट्रपति पद पर बरकरार बरहम सालिह की जगह लेंगे।
बताया जा रहा है कि राशिद ने ब्रिटिश से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इससे पहले वे इराक के जल संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने 2003 से 2010 तक यह जिम्मेदारी निभाई थी। इराक में सरकार बनाने के लिए राशिद के पास सबसे बड़े संसदीय ब्लॉक से एक उम्मीदवार को आमंत्रित करने के लिए 15 दिन का समय है।
राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आयोजित होने वाले संसद सत्र से पहले रॉकेट हमले की वजह से बैठक में देरी हुई। इराक में संघीय चुनाव होने के बाद करीब एक साल तक सरकार का गठन नहीं हो पाया था। राष्ट्रपति चुनाव को इस मसले के हल के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि कम से कम 10 लोग हमले में घायल हुए हैं, जिनमें तीन आम नागरिक और दो सैन्यकर्मी शामिल हैं।
मुंबई । भारत के पूर्व ऑलराउंडर रोजर बिन्नी, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष होंगे। बिन्नी सौरव गांगुली की जगह लेंगे। बिन्नी 18 अक्टूबर को मुंबई में बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक के दौरान कार्यभार ग्रहण करेंगे।
जय शाह बीसीसीआई सचिव के रूप में बने रहेंगे, जो बोर्ड में सबसे प्रभावशाली पद है। राजीव शुक्ला भी बोर्ड के उपाध्यक्ष पद पर बरकरार रहेंगे। बिन्नी के साथ, नए प्रशासन में आशीष शेलार और देवजीत सैकिया नए चेहरे हैं। 2017 और 2019 के बीच मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके आशीष कोषाध्यक्ष होंगे और मौजूदा समय में असम क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव देवजीत सैकिया अब संयुक्त सचिव होंगे।
एक अन्य महत्वपूर्ण नियुक्ति अरुण धूमल की है, जो नए आईपीएल अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के लिए तैयार हैं। धूमल पूर्व बल्लेबाज बृजेश पटेल की जगह लेंगे, जो कि 24 नवंबर को 70 वर्ष के हो जाएंगे। यह बीसीसीआई के संविधान में किसी पदाधिकारी या प्रशासक के लिए अधिकतम अनुमत आयु सीमा है। पटेल 2019 से इस पद पर हैं।
उल्लेखनीय है कि 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य 67 वर्षीय बिन्नी को क्रिकेट प्रशासन का काफी अनुभव है। उन्होंने वर्षों से कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) में विभिन्न पदों पर काम किया है, और 2019 से इसके अध्यक्ष हैं। इससे पहले बिन्नी पटेल और अनिल कुंबले (2010-12) के नेतृत्व वाले केएससीए प्रशासन का भी हिस्सा थे।