काठमांडू । जनता समाजवादी पार्टी (जसपा) के राम सहाय प्रसाद यादव नेपाल के नए उपराष्ट्रपति चुन लिए गए । राम सहाय प्रसाद यादव ने सीपीएन (यूएमएल) उम्मीदवार अष्टलक्ष्मी शाक्य और जनमत पार्टी उम्मीदवार ममता झा को हराकर जीत हासिल की।
इससे पूर्व काठमांडू के न्यू बानेश्वर स्थित संसद भवन के मतदान केंद्र में शुक्रवार सुबह 10 बजे से अपराह्न 3 बजे तक मतदान के बाद मतों की गिनती की गई। चुनाव आयोग कार्यालय द्वारा घोषित परिणामों के अनुसार राम सहाय यादव को 30 हजार 328 वोट मिले। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सीपीएन (यूएमएल) की अष्टलक्ष्मी शाक्य को 16 हजार 328 मत मिले। जनमत पार्टी की ममता झा को 02 हजार 537 वोट मिले और जसपा की प्रमिला कुमारी को 48 वोट मिले। प्रमिला कुमारी पहले ही उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा कर चुकी थीं।
उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित रामसहाय प्रसाद यादव को नेपाली कांग्रेस, सीपीएन (एमसी), सीपीएन (यूएस), जनता समाजवादी पार्टी (जसपा) और सत्तारूढ़ गठबंधन के स्वतंत्र सांसदों का समर्थन प्राप्त था। जबकि सत्ताधारी गठबंधन में शामिल जनमत पार्टी, नागरिक उन्मुक्ति और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने जनमत के उम्मीदवार झा का समर्थन किया।
उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए रामसहाय बारा से प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए सांसद हैं। उनके उपराष्ट्रपति बनने के बाद यहां उपचुनाव होगा। उपचुनाव में इस सीट पर जसपा अध्यक्ष उपेंद्र यादव उम्मीदवार बनने की तैयारी में हैं।
NEPAL ELECTION
काठमांडू । शेर बहादुर देउबा एक बार फिर नेपाली कांग्रेस संसदीय दल के नेता चुने गए हैं। इस तरह देउबा के नेपाल का पुन: प्रधानमंत्री बनने की संभावना बढ़ गयी है। नेपाली कांग्रेस की चुनाव समिति ने इस बाबत औपचारिक घोषणा की है।
नेपाल में हुए संसदीय आम चुनाव में किसी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सका है। 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में पूर्ण बहुमत के लिए 138 सीटों की जरूरत है, किन्तु नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाला सत्ताधारी गठबंधन सिर्फ 136 सीटें जीत पाया है। एक राजनीतिक दल के रूप में भी नेपाली कांग्रेस 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। विपक्षी सीपीएन-यूएमएल को 78 सीटों पर जीत हासिल हुई है, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली सीपीएन-माओवादी सेंटर को महज 32 सीटें मिल सकीं।
किसी एक दल या गठबंधन को बहुमत के लिए जरूरी सीटें न मिल पाने के कारण नेपाल में नई सरकार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इस बीच राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी ने सभी राजनीतिक दलों को 25 दिसंबर शाम पांच बजे तक सरकार बनाने का दावा पेश करने को कहा था। इसके बाद सक्रियता बढ़ी और नेपाली कांग्रेस संसदीय दल ने बुधवार को अपने नेता का चुनाव कराया। नेपाली कांग्रेस संसदीय दल के नेता के लिए मौजूदा प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और नेपाली कांग्रेस के महामंत्री गगन कुमार थापा के बीच मुकाबला हुआ।
चुनाव के बाद नेपाली कांग्रेस संसदीय दल नेता निर्वाचन समिति के संयोजक भीष्मराज आडदेम्बे ने शेर बहादुर देउबा के पुन: नेपाली कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुने जाने की घोषणा की। उन्होंने जानकारी दी कि देउबा को 64 और थापा को 25 वोट मिले। इस चुनाव में देउबा न सिर्फ जीते, बल्कि संसदीय दल के 50 प्रतिशत से अधिक वोट पाने की बाध्यता भी पूरी की, इसलिए उन्हें संसदीय दल का नेता घोषित किया गया। माना जा रहा है कि देउबा अब सर्वाधिक सीटें जीतने वाले गठबंधन के नेता भी चुन लिए जाएंगे, जिसके बाद वे सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
नेपाल चुनाव : प्रधानमंत्री देउबा की नेपाली कांग्रेस का दबदबा बरक़रार, 53 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी
काठमांडू, । नेपाल के संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस के फिर से सरकार बनाने के आसार बढ़ गए हैं। पार्टी अब तक घोषित नतीजों में से 53 सीट पर जीत हासिल करके सबसे आगे बनी हुई है । इस चुनाव में युवाओं ने कई बड़े बड़े दिग्गजों को पटखनी देते हुए बड़ी संख्या में सीटें हासिल की हैं।
नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा की 165 सीट का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान से जबकि शेष 110 सीट का चुनाव आनुपातिक चुनाव प्रणाली के जरिए होता है। प्रतिनिधि सभा और सात प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव 20 नवंबर को हुए थे। मतों की गिनती सोमवार को शुरू हुई थी।
नेपाली कांग्रेस ने प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली के तहत अकेले 53 सीट जीती हैं जबकि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) ने 42 सीट पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा, सीपीएन-माओवादी सेंटर 17 सीट जीतकर तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जबकि सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट ने 10 सीट जीती हैं।
नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने सात-सात सीटों पर कब्जा जमाया है। निर्दलीय उम्मीदवारों एवं अन्य छोटे दलों के खाते में 21 सीट गई हैं। 165 सीट में से आठ के नतीजे आने बाकी हैं।
पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन ने 85 सीटों पर जीत हासिल की हैं जबकि सीपीएन-यूएमएल के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 55 सीट पर कब्जा जमाया है।
प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा के अलावा, तीन पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड, ओली और माधव नेपाल भी संसद के लिए चुने गए हैं।
युवाओं ने मारी बाजी, मंत्रियों और 60 सांसदों सहित कई वरिष्ठ नेता हारे
नेपाल के संसदीय चुनावों में मंत्रियों और 60 मौजूदा सांसदों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के कई वरिष्ठ नेताओं को शिकस्त का सामना करना पड़ा है, जबकि युवाओं ने जीत दर्ज की है।
मधेस (तराई) क्षेत्र आधारित दलों के दो वरिष्ठ नेता चुनाव हार गए, जिनमें जनता समाजवादी पार्टी के प्रमुख उपेंद्र यादव और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र महतो शामिल हैं।
देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) (सीपएन-यूएमएल) से चुनाव हारने वालों में पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ईश्वर पोखरेल, उपाध्यक्ष सुरेंद्र पांडे, महासचिव शंकर पोखरेल और उप महासचिव प्रदीप गयावली शामिल हैं।
शिकस्त का सामना करने वाले अन्य शीर्ष नेताओं में सीपीएन माओइस्ट-सेंटर के महासचिव देव गुरुंग, उप महासचिव और ऊर्जा मंत्री पम्पा भुशाल और उप महासचिव गिरिराजमणि पोखरेल शामिल हैं।
गृह मंत्री और नेपाली कांग्रेस के नेता बालकृष्ण खांड और मौजूदा सरकार में पर्यटन एवं नागर विमानन मंत्री जीवन राम श्रेष्ठ भी चुनाव हार गए।
पूर्व प्रधानमंत्री एवं सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के वरिष्ठ नेता झालानाथ खनल और पूर्व विदेश मंत्री एवं नेपाली कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सुजाता कोइराला को भी चुनाव में शिकस्त मिली है।
कई युवा और नए चेहरे प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए हैं। पूर्व टीवी पत्रकार रवि लमीछाने द्वारा महज छह महीने पहले गठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने प्रत्यक्ष चुनाव में सात सीट पर जीत दर्ज की और आनुपातिक पद्धति के तहत 10 लाख से अधिक वोट हासिल किए हैं।
सत्तारूढ़ गठबंधन ने 85 सीट पर जीत दर्ज की। यह पांच दलों का गठबंधन है। वहीं, सीपीएन-यूएमएल नीत गठजोड़ ने 55 सीट पर जीत दर्ज की।
उल्लेखनीय है कि 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में, 165 सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान से किया जा रहा, जबकि शेष 110 को आनुपातिक प्रणाली से चुना जा रहा। स्पष्ट बहुमत के लिए किसी पार्टी या गठबंधन को 138 सीट की जरूरत होगी।
नेपाल में सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस ने अब तक 64 सीटों पर जीत दर्ज की, बहुमत मिलने के प्रबल आसार
काठमांडू,। नेपाल में हल में चुनाव में पड़े मतों कीगिनती जारी है, लेकिन अभी तक मिले आंकड़ों के आंकड़ों और रुझानों पर नज़र डाली जाये तो देश के वर्तमान प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा की पार्टी नेपाली कांग्रेस एक बार फिर सत्ता पर कब्ज़ा करती नजर आ रही है। जानकारी के अनुसार संसदीय चुनावों में सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन बहुमत की ओर बढ़ रहा है। गठबंधन ने अब तक घोषित 118 सीटों में से 64 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है।
नेपाली संसद के निचले सदन, नेपाली प्रतिनिधि सभा में कुल 275 सीटें हैं। इनमें से 165 सीटों पर प्रत्यक्ष मतदान से चुनाव होता है और शेष 110 सीटें आनुपातिक चुनाव प्रणाली के जरिए भरी जाती हैं। सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के लिए किसी राजनीतिक दल या गठबंधन के पास 138 सीटें होना जरूरी हैं। नेपाली प्रतिनिधि सभा और सात राज्यों की विधानसभाओं के लिए बीते रविवार को मतदान हुआ था। मतगणना सोमवार को शुरू हुई थी।
अब तक आए नतीजों के अनुसार प्रत्यक्ष चुनाव के तहत 39 सीटें जीतकर नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है। सत्तारूढ़ गठबंधन की साझेदार सीपीएन माओइस्ट सेंटर और सीपीएन यूनिफाइड सोशलिस्ट ने अब तक क्रमश: 12 व 10 सीटें जीती हैं। लोकतांत्रिक समाजवादी व राष्ट्रीय जनमोर्चा को दो और एक सीट मिली है। ये सभी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं।
पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन सीपीएन-यूएमएल को अब तक 35 सीटें मिली हैं। सीपीएन-यूएमएल को 29 सीटों पर जीत हासिल हुई है। सीपीएन-यूएमएल गठबंधन की साझेदार राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी व जनता समाजवादी पार्टी को क्रमश: चार और दो सीटों पर जीत मिली है। नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने सात सीटें जीती हैं। जबकि दोनों मधेशी पार्टियों लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी और जनमत पार्टी ने क्रमशः दो और एक सीट जीती है। नागरिक उन्मुक्ति पार्टी को दो और जनमोर्चा और नेपाल मजदूर किसान पार्टी को एक-एक सीट मिली है। पांच सीटों पर निर्दलीय और अन्य ने जीत दर्ज की।
काठमांडू । नेपाल में रविवार को नई संसद और प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों के चुनाव में लगभग 61 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। नेपाल में संघीय संसद की 275 सीटों और सात प्रांतीय विधानसभाओं की 550 सीट के लिए मतदान हुआ। चुनाव संबंधी घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मुख्य चुनाव अधिकारी के अनुसार चुनाव के अंतिम नतीजे अगले आठ दिनों में आ जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि कई मतदान केंद्रों पर छिटपुट हिंसा और झड़पों के कारण मतदान प्रक्रिया बाधित हुई जबकि एक घटना में 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई। वहीं 113 वर्षीय गोपी माया पोखरेल अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाली देश में मतदान करने वाली सबसे उम्रदराज बन गईं। देशभर में 22,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ, जो शाम पांच बजे संपन्न हुआ।
मुख्य चुनाव आयुक्त दिनेश कुमार थपलियाल ने संवाददाताओं से कहा, देशभर में करीब 61 फीसदी मतदान हुआ है। यह आंकड़ा थोड़ा बढ़ने की संभावना है क्योंकि हमें देश भर के जिलों से विवरण प्राप्त होना जारी है। उन्होंने कहा यह निश्चित रूप से हमारी अपेक्षा से कम है। थपलियाल ने कहा कि काठमांडू घाटी के तीन जिलों में रविवार रात से ही मतगणना शुरू हो जाएगी और एक सप्ताह में मतगणना समाप्त हो जाएगी।
नेपाल में संघीय संसद की 275 सीटों और सात प्रांतीय विधानसभाओं की 550 सीट के लिए चुनाव हुए। संघीय संसद के कुल 275 सदस्यों में से 165 का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिए होगा, जबकि बाकी 110 को आनुपातिक चुनाव प्रणाली के माध्यम से चुना जाएगा। इसी तरह, प्रांतीय विधानसभाओं के कुल 550 सदस्यों में से 330 का चयन प्रत्यक्ष, जबकि 220 का चयन आनुपातिक प्रणाली से होगा। हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोडक़र मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।
थपलियाल ने कहा कि आयोग अगले आठ दिन में चुनाव के सभी नतीजों की घोषणा कर दिया जाएगा। जबकि आनुपातिक प्रतिनिधित्व चुनाव प्रणाली के नतीजों की घोषणा आठ दिसंबर तक होगी।
चुनावों पर करीबी नजर रखने वाले राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने त्रिशंकु संसद और एक ऐसी सरकार के गठन का अनुमान जताया है, जो नेपाल में आवश्यक राजनीतिक स्थिरता प्रदान नहीं कर पाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि बजौरा के त्रिबेनी नगर पालिका के नटेश्वरी विद्यालय में बने मतदान केंद्र पर एक व्यक्ति की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मतदान खत्म होने के बाद हुए विवाद में 24 वर्षीय युवक को पुलिस की गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई।
नेपाल में मतदाता उस राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने की उम्मीद में मतदान कर रहे हैं, जो एक दशक से अधिक समय से देश के लिए चिंता का कारण बनी हुई है और जिसने विकास को बाधित किया है।
अधिकारियों ने बताया कि कैलाली जिले के धनगढ़ी उप-महानगरीय शहर में शारदा माध्यमिक विद्यालय मतदान केंद्र के पास एक मामूली विस्फोट हुआ। इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ। धनगढ़ी, गोरखा और दोलखा जिलों के 11 इलाकों से विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक होने की कुछ घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इनका मतदान पर कोई असर नहीं पड़ा।
इस बीच, देश के प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने अपने गृह जिले दादेलधुरा में मतदान किया। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्ससिस्ट लेनिनिस्ट) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने काठमांडू के पास भक्तपुर जिले की सूर्यबिनायक नगर पालिका स्थित मतदान केंद्र पर वोट डाला। सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने चितवन जिले की भरतपुर नगर पालिका स्थित मतदान केंद्र पर वोट डाला।